2024 कोपा अमेरिका का रोमांच चरम पर है और दर्शकों के बीच जबरदस्त उत्साह दिख रहा है। मियामी में अर्जेंटीना और पेरू के बीच चल रहे इस मैच का दूसरा हाफ शुरू हो चुका है और अर्जेंटीना ने पेरू पर बढ़त बना ली है। लेकिन इस मैच के खास पहलुओं में से एक है अर्जेंटीना के मशहूर कोच लियोनेल स्कालोनी की अनुपस्थिति। उन्हें पिछले मैचों में खिलाड़ियों की टनल से देर से निकलने के कारण एक मैच का निलंबन झेलना पड़ा। इस कमी को पूरा करने के लिए टीम को अपनी रणनीति पर अधिक ध्यान देना पड़ा है।
मैच से पूर्व सबसे प्रमुख चर्चा का विषय था लियोनेल मेसी की संभावित भागीदारी, लेकिन उनके नहीं खेलने की खबर ने फैंस को निराश कर दिया। मेसी की उपस्थिति हमेशा ही विरोधी टीम के लिए एक चुनौती होती है और फैंस को उनकी जादुई खेल शैली का इंतजार रहता है। इसके बावजूद, अर्जेंटीना के लिए खेल का मैदान आसान नहीं था। मैच के शुरुआती चरण में अर्जेंटीना ने गोल करने के कुछ अवसर बनाए।
पहले हाफ में अर्जेंटीना ने अपने मजबूत खिलाड़ियों लो सेल्सो और दी मारिया के माध्यम से पेरू की रक्षा पंक्ति को कई बार परखा। दोनों खिलाड़ियों ने गोल करने के कई कोशिशें कीं, मगर पेरू के रक्षा पंक्ति ने सभी हमलों को नाकाम कर दिया और स्कोर बराबरी पर रहा। पेरू की टीम ने अपने रक्षात्मक खेल को मजबूत बनाए रखा, जिसमें उनके गोलकीपर का प्रमुख योगदान रहा। उन्होंने अर्जेंटीना के मजबूत शॉट्स का बेहतरीन रक्षात्मक प्रयास किया।
दूसरे हाफ का खेल शुरू होते ही अर्जेंटीना ने अपनी आक्रमण की रणनीति को और ज्यादा आक्रामक बना दिया। उन्होंने मैदान के विभिन्न हिस्सों में बेहतर तालमेल से गोल के अवसर बनाए। इस दौरान उनके खिलाड़ियों ने विपरीत टीमें को असमंजस में डाला और एक निर्णायक गोल किया। इस गोल ने दर्शकों के बीच उत्साह पैदा कर दिया और अर्जेंटीना समर्थकों को खुशी से जश्न मनाने का मौका मिला।
मौजूदा समय में, अर्जेंटीना और कनाडा नॉकआउट स्टेज में आगे बढ़ने की स्थिति में हैं। दोनों टीमों ने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया है और अगले चरण की तैयारी में जुटे हैं। इसके विपरीत, पेरू और चिली को अपनी उम्मीदें जिन्दा रखने के लिए अब हर हाल में जीतना होगा। पेरू की टीम ने भी कुछ अवसर बनाए, मगर वे उन्हें गोल में तब्दील नहीं कर पाए।
मैच में दोनों टीमें न केवल शक्ति और रणनीति की जंग लड़ रही हैं, बल्कि मानसिक दृढ़ता भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। अर्जेंटीना ने पेरू की रक्षा पंक्ति को भेदने के लिए ताकनीकी बदलाव किए। समय-समय पर खिलाड़ियों को अदल-बदल किया गया और कई बार तेजी से मूव बनाए। पेरू ने भी अपने पक्ष में बने रहने के लिए मौके तलाशने की पूरी कोशिश की।
मैच के आँकड़े बता रहे हैं कि अर्जेंटीना ने गेंद पर अपनी पकड़ बनाई रखी और ज्यादा मौके बनाए। उनकी पासिंग और आक्रमण दोनों ही उत्कृष्ट थे, जबकि पेरू की टीम ने अपनी रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाए रखा। अर्जेंटीना की टीम बल गेंद को नियंत्रित करने में सफल रही।
जैसे-जैसे मैच अपनी अंतिम दिशा की ओर बढ़ रहा है, दोनों टीमें निर्णायक राह पर है। अर्जेंटीना को अपनी बढ़त को बनाए रखना होगा जबकि पेरू को खेल में वापस आने के लिए हरसंभव प्रयास करने होंगे। अब देखना यह होगा कि कौनसी टीम अपनी रणनीति को सफलतापूर्वक क्रियान्वित कर पाती है और महत्वपूर्ण जीत हासिल करती है।
6 टिप्पणि
Prasanna Pattankar
1 जुलाई, 2024अर्जेंटीना के बिना मेसी का खेल... क्या ये फुटबॉल है या एक फिल्म जिसमें हीरो नहीं आया? लियोनेल स्कालोनी भी नहीं... अब तो टीम खुद को बचाने के लिए अपने आप को बनाने लगी है! ये नहीं कि वो नहीं खेल रहे... बल्कि ये है कि बिना उनके भी दुनिया का सबसे बड़ा टीम अपनी पहचान बना रहा है! बहुत बड़ी बात है... बस एक बात कहूँ? अगर ये टीम बिना मेसी के भी जीत रही है... तो मेसी क्या था? एक रोशनी का बल्ब या एक पूरा सूरज?
Bhupender Gour
2 जुलाई, 2024ye match dekhna hi padega bhaiya koi nahi bata raha kya chal raha hai kya kya goal hua kya kya save hua bas ye bol rahe hai ki argentina ne lead liya abhi toh half chal raha hai kya hoga next 10 min dekho na
sri yadav
4 जुलाई, 2024अर्जेंटीना के बिना मेसी... ये तो एक शाही राज्य का बिना राजा चलना है। लेकिन जब राजा नहीं है... तो बेवकूफ लोग अपने आप को राजा समझने लगते हैं। लो सेल्सो? दी मारिया? ये कौन हैं? क्या ये नाम किसी रोमांचक उपन्यास के पात्र हैं? अगर ये खिलाड़ी इतने महान हैं... तो फिर मेसी क्यों? क्योंकि वो एक देवता है... और ये सब बस उसके छाया के भीतर जी रहे हैं। अब जब छाया भी नहीं है... तो ये लोग अपने आप को असली राजा समझने लगे हैं। क्या ये नाटक है? या फिर हम सबकी भूल है?
Pushpendra Tripathi
5 जुलाई, 2024मैच के आँकड़े बताते हैं कि अर्जेंटीना ने गेंद पर काबू रखा, लेकिन आक्रमण के अवसरों का उपयोग नहीं किया। पेरू के गोलकीपर ने वास्तविक रूप से असाधारण प्रदर्शन किया है, जो अर्जेंटीना की टीम के असंगठित आक्रमण को रोकने में सफल रहा। यह एक व्यवस्थित रणनीति की कमी है, जिसे स्कालोनी के अनुपस्थिति ने और बढ़ा दिया। लो सेल्सो और दी मारिया ने अच्छा काम किया, लेकिन उनकी गतिविधि अकेले टीम को जीत नहीं दिला सकती। अर्जेंटीना को अब एक व्यापक रणनीति की आवश्यकता है, जिसमें बदलाव और निरंतर दबाव का संयोजन हो।
Indra Mi'Raj
6 जुलाई, 2024मैं तो बस यही सोच रही थी कि जब एक टीम के सबसे बड़े खिलाड़ी नहीं होते तो दूसरे खिलाड़ी अपने अंदर का असली खिलाड़ी ढूंढ लेते हैं... ये देखकर लगा जैसे कोई अपने घर का बाहरी दरवाजा खोलकर अंदर की दुनिया दिखा रहा हो... बिना किसी बड़े नाम के... बस अपने दिल से खेल रहा हो... ये बहुत खूबसूरत है
Harsh Malpani
6 जुलाई, 2024bhaiya yeh match toh mast chal raha hai... argentina ke bina messi bhi badiya chal raha hai... abhi toh ek goal hua hai... ab dekhte hai kya hota hai agle 15 min mein... jai argentina