रिपोर्ट: हार्दिक
महीने की शुरुआत और बीच-बीच में काम अटकता है तो वजह अक्सर बैंक हॉलिडे ही निकलते हैं। आरबीआई की आधिकारिक छुट्टी सूची के मुताबिक जून 2025 बैंक हॉलिडे कुल 12 दिन हैं। खास बात यह है कि पहले हफ्ते में कई शहरों में तीन दिन की लगातार बंदी दिख रही है—बकरीद की छुट्टियाँ और रविवार साथ आ रहे हैं। ऐसे में चेक क्लीयरिंग, ब्रांच से जुड़े काम और नकदी प्रबंधन को लेकर पहले से तैयारी जरूरी है।
कब-कब और कहां बैंक बंद रहेंगे
आरबीआई की राज्यवार सूची के हिसाब से जून 2025 में राष्ट्रीय साप्ताहिक बंद (हर रविवार, दूसरा और चौथा शनिवार) के साथ कई क्षेत्रीय त्योहार भी हैं। नीचे तारीखवार विवरण दिया गया है:
- 1 जून, रविवार: साप्ताहिक अवकाश — देशभर की शाखाएँ बंद
- 6 जून, शुक्रवार: इद-उल-जुहा (बकरीद) — कोच्चि, तिरुवनंतपुरम
- 7 जून, शनिवार: इद-उल-जुहा (बकरीद) — अगरतला, आइजोल, बेलापुर, बेंगलुरु, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नै, देहरादून, गुवाहाटी, हैदराबाद, इम्फाल, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोहिमा, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली, पणजी, पटना, रायपुर, रांची, शिलांग, शिमला, श्रीनगर
- 8 जून, रविवार: साप्ताहिक अवकाश — देशभर की शाखाएँ बंद
- 11 जून, बुधवार: राजा संक्रांति — आइजोल, भुवनेश्वर, गंगटोक, इम्फाल, शिमला
- 14 जून, शनिवार: दूसरा शनिवार — देशभर की शाखाएँ बंद
- 15 जून, रविवार: साप्ताहिक अवकाश — देशभर की शाखाएँ बंद
- 22 जून, रविवार: साप्ताहिक अवकाश — देशभर की शाखाएँ बंद
- 27 जून, शुक्रवार: रथ यात्रा/कांग — भुवनेश्वर, इम्फाल
- 28 जून, शनिवार: चौथा शनिवार — देशभर की शाखाएँ बंद
- 29 जून, रविवार: साप्ताहिक अवकाश — देशभर की शाखाएँ बंद
- 30 जून, सोमवार: रेम्ना नी — आइजोल
पहले हफ्ते की बंदी की तस्वीर ऐसे समझें: 6 जून को केरल के दो केंद्र (कोच्चि, तिरुवनंतपुरम) बंद रहेंगे, 7 जून को देशभर के अधिकांश प्रमुख केंद्रों में बकरीद की छुट्टी है, और 8 जून रविवार है। यानी केरल के इन शहरों में 6-7-8 जून तीन दिन लगातार ब्रांच नहीं खुलेंगी। बाकी ज्यादातर शहरों में 7-8 जून का वीकेंड ब्रेक रहेगा।
ध्यान रखें, आरबीआई सूची राज्य/केंद्र-वार बनती है। एक ही तारीख को हर जगह बैंक बंद हों, ये जरूरी नहीं। आपकी शाखा किस शहर/राज्य के कैलेंडर में आती है, वही लागू होता है।
कुल मिलाकर जून में पांच त्योहार/क्षेत्रीय छुट्टियाँ (6, 7, 11, 27, 30) और सात साप्ताहिक बंद (हर रविवार + दूसरा और चौथा शनिवार) मिलाकर 12 दिन की बंदी बनती है।
इन तारीखों पर सबसे ज्यादा असर ब्रांच-बेस्ड कामों पर आता है—जैसे कैश डिपॉजिट/विदड्रॉल काउंटर, डिमांड ड्राफ्ट, पासबुक अपडेट, केवाईसी, लोन डिस्बर्सल के पेपरवर्क, लॉकर विजिट्स और चेक डिपॉजिट। डिजिटल चैनल काम करते रहते हैं, लेकिन क्लियरिंग और बैक-एंड प्रोसेस अगली वर्किंग डे में मूव होते हैं।
आपको क्या प्लान करना चाहिए
ब्रांच बंद रहने का मतलब यह नहीं कि आपका पैसा रुक जाएगा। UPI, IMPS, NEFT और RTGS जैसे डिजिटल मोड 24x7 उपलब्ध हैं। फिर भी कुछ बातें दिमाग में रखें ताकि भुगतान, चेक और नकदी से जुड़ा काम अटके नहीं:
- चेक क्लीयरिंग: बैंकों की छुट्टियों और गैर-वर्किंग दिनों में चेक क्लीयरिंग आमतौर पर नहीं होती। चेक जमा करना है तो छुट्टियों से 1-2 दिन पहले कर दें, ताकि प्रेजेंटेशन और क्लीयरिंग समय पर हो जाए।
- NEFT/RTGS: दोनों सेवाएँ 24x7 चलती हैं। छुट्टी के दिन भी आप बड़े पेमेंट शेड्यूल कर सकते हैं। हाँ, कभी-कभी मेंटेनेंस या लाभार्थी बैंक की सिस्टम विंडो के कारण क्रेडिट में हल्की देरी संभव है।
- UPI/IMPS: त्वरित और 24x7। छोटे-बीच के भुगतान, वेतन ट्रांसफर या वेंडर पेआउट्स के लिए भरोसेमंद हैं।
- ऑटो-डेबिट/EMI/SIP: NACH अब सभी दिनों में काम करता है, इसलिए किस्त या SIP की कटौती छुट्टियों में भी हो सकती है। खाते में पर्याप्त बैलेंस पहले से रखें।
- एटीएम और नकदी: लंबे वीकेंड में एटीएम पर भीड़ बढ़ती है। आस-पास के एटीएम में कैश रिफिलिंग दिन के बाद के हिस्से में हो सकती है। जरूरत का कैश पहले से निकाल लें, लेकिन बड़े भुगतान डिजिटल में करें।
- व्यवसाय/दफ्तर की ज़रूरतें: वेंडर पेमेंट, सैलरी, जीएसटी/टैक्स से जुड़े समय-सीमित भुगतान अगर इन तारीखों के आस-पास हैं, तो एक-दो दिन पहले शेड्यूल करें ताकि बैंकिंग विंडो के कारण देरी न हो।
- ब्रांच-आधारित काम: नया खाता, KYC अपडेट, डीडी, लॉकर विजिट या लोन डिस्बर्सल जैसे काम छुट्टियों में रुकेंगे। अपॉइंटमेंट और डॉक्यूमेंट पहले से रख लें, और समय ऐसे चुनें कि लगातार बंदी के पहले/बाद भी बफर रहे।
- क्लीयरिंग/सेटलमेंट की टाइमिंग: बड़े कॉरपोरेट पेमेंट या इंटर-बैंक सेटलमेंट पर निर्भर ट्रांजैक्शन छुट्टी के कारण अगले कामकाजी दिन में परिलक्षित हो सकते हैं। यह सामान्य है—प्लानिंग में एक दिन का बफर रखें।
- लोकल वेरिएशन: शहर-वार छुट्टियाँ बदलती हैं। अपनी शाखा का नोटिस बोर्ड, बैंक की मोबाइल ऐप/एसएमएस अलर्ट या कस्टमर केयर से तारीखें एक बार मिलान कर लें—खासतौर पर 6, 7, 11, 27 और 30 जून के लिए।
अगर आप केरल (कोच्चि/तिरुवनंतपुरम) में हैं, तो 6-7-8 जून की लगातार बंदी को ध्यान में रखकर ब्रांच विजिट्स और चेक डिपॉजिट पहले ही कर दें। ओडिशा और मणिपुर में 27 जून (रथ यात्रा/कांग) और मिजोरम में 30 जून (रेम्ना नी) को स्थानीय बैंकिंग बंद रहेगी, इसलिए स्थानीय पेमेंट साइकिल उसी हिसाब से सेट करें।
संक्षेप में, जून 2025 में छुट्टियाँ बिखरी हुई हैं, पर डिजिटल बैंकिंग विकल्प खुले हैं। जो काम ब्रांच काउंटर पर ही हो सकते हैं, उन्हें वीकेंड और त्योहारों से पहले निपटाना समझदारी है। इससे चेक रिटर्न, लेट फीस या पेमेंट फेल जैसी अनचाही परेशानियों से बचाव होगा।
5 टिप्पणि
sandeep anu
2 सितंबर, 2025ये बैंक हॉलिडे वाला चक्कर तो हर महीने दोहराया जाता है भाई! पर असली बात ये है कि UPI और NEFT चल रहे हैं, तो फिर ब्रांच जाने की क्या जरूरत? मैंने पिछले महीने चेक डिपॉजिट किया था, अगले दिन ही क्रेडिट हो गया था। डिजिटल बैंकिंग जिंदाबाद! बस एक बात - एटीएम पर भीड़ न देखकर घबराएं, कैश निकालने के लिए देर रात जाना बेकार है।
Shreya Ghimire
3 सितंबर, 2025ये सब बैंक हॉलिडे वाली बातें तो बस एक धोखा है। आरबीआई और सरकार एक साथ मिलकर हमें नियंत्रित कर रहे हैं। देखो, जब भी बैंक बंद होते हैं, तो नकदी की गतिविधि घट जाती है, और फिर डिजिटल ट्रांजैक्शन बढ़ जाते हैं - ये सब एक बड़ी योजना है। आप नहीं जानते, लेकिन ये सब डेटा कलेक्ट करने के लिए है। हर एक एटीएम विजिट, हर एक UPI ट्रांजैक्शन - सब ट्रैक किया जा रहा है। आपका खाता आपका नहीं है, ये सब एक गैर-जानबूझकर नियंत्रण का हिस्सा है। और फिर वो लोग कहते हैं कि ‘डिजिटल बैंकिंग बेहतर है’ - बस यही वो बात है जिसे वो चाहते हैं कि आप सोचें।
Prasanna Pattankar
4 सितंबर, 2025अरे भाई, इतना लंबा आर्टिकल लिखकर भी कोई नहीं बता रहा कि ये सब बंदी क्यों है? क्योंकि बैंक अधिकारी भी इंसान हैं - वो भी बकरीद पर बाबा बाबा करना चाहते हैं! और फिर राज्यों के हिसाब से छुट्टियाँ? ये तो बस एक अफवाह है कि हम सब अलग-अलग देश में रहते हैं। एक देश, एक बैंकिंग सिस्टम - ये बात तो बस लोगों को भ्रमित करने के लिए बनाई गई है। अगर आपको लगता है कि आपका चेक अगले दिन क्लियर हो जाएगा, तो आप अभी तक जाग नहीं पाए हैं। ये सब एक बड़ा बाजार बनाने का तरीका है - आपके नकदी के लिए आपको ब्रांच जाना पड़ेगा, और वहाँ आपको एक बार फिर बाहर निकलना पड़ेगा।
Bhupender Gour
4 सितंबर, 2025ये बैंक बंद हो रहे हैं तो क्या हुआ भाई? UPI चल रहा है न बाप रे निकाल लो पैसा एटीएम से अगर भीड़ है तो रात में जाना बस यही सबक है डिजिटल बैंकिंग जिंदाबाद
sri yadav
5 सितंबर, 2025मैं तो सिर्फ इतना कहूँगी कि जून 2025 में बैंक हॉलिडे की ये व्यवस्था अभी तक बरकरार है? अरे ये तो 1995 का डेटा है। क्या आप जानते हैं कि अमेरिका में बैंक हॉलिडे के लिए एक नेशनल एक्ट है? और हमारे पास? एक बैंकर का निजी कैलेंडर। आप बताइए, ये जो बकरीद और रथ यात्रा के लिए छुट्टियाँ हैं - ये क्या राष्ट्रीय अवकाश हैं या फिर एक अलग-अलग धार्मिक राजनीति का खेल? मैं नहीं कह रही कि त्योहार खराब हैं, लेकिन एक राष्ट्रीय बैंकिंग सिस्टम में ये विभाजन तो बहुत अजीब है। अगर आप बंगाल में रहते हैं तो आपको दिल्ली के बैंक का अनुसरण करना पड़ेगा? ये तो एक बहुत बड़ा अपराध है।