भारत फीफा विश्व कप 2026 के लिए क्वालिफाई करेगा?
फीफा विश्व कप 2026 के क्वालिफायर में भारत और कुवैत के बीच हुए मैच का नतीजा ड्रा रहा। इस मुकाबले का विशेष महत्व इसलिए भी था क्योंकि यह सुनिल छेत्री का अंतिम अंतर्राष्ट्रीय मैच था। यह महान खिलाड़ी भारतीय फुटबॉल का एक चमकता हुआ सितारा रहा है, जिन्होंने अपने खेल के जरिए लाखों प्रशंसकों का दिल जीता।
इस ड्रा के बाद भारतीय फुटबॉल टीम ने अपनी क्वालिफिकेशन की उम्मीदों को जीवित रखा है। टूर्नामेंट का विस्तार 32 से 48 टीमों तक हुआ है, जिससे कमजोर देशों को भी मौका मिला है। भारतीय टीम को दूसरे और तीसरे राउंड में शीर्ष दो टीमों में रहना होगा ताकि वे विश्व कप के लिए क्वालिफाई कर सकें।
भारत के लिए वर्तमान स्थिति
फ़िलहाल भारत ग्रुप ए में पांच अंकों के साथ दूसरे स्थान पर है, और उनके पास एक खेल शेष है। अफगानिस्तान से एक अंक आगे रहते हुए, भारतीय टीम क्वालिफिकेशन की दौड़ में बनी हुई है। अगला मैच कतर के खिलाफ होगा, जो निर्णायक होगा।
क्वालीफिकेशन संभावनाएं
क्वालीफिकेशन के विभिन्न संभावित परिदृश्यों पर नजर डालें तो भारत के पास कुछ अलग-अलग तरीके हैं। यदि भारत कतर के खिलाफ जीत दर्ज करता है, तो उन्हें अफगानिस्तान के बचे हुए मैचों में हार या ड्रा की आवश्यकता होगी। यदि भारत हारता है, तो अफगानिस्तान को कतर के खिलाफ हार और कुवैत के साथ ड्रा करना होगा। यदि भारत ड्रा करता है, तो अफगानिस्तान को कतर के खिलाफ हार और कुवैत के खिलाफ ड्रा करना होगा।
तीसरा और चौथा राउंड
दूसरे राउंड के शीर्ष दो टीमों को तीसरे राउंड में प्रवेश मिलेगा, जहां छह टीमों के समूह में उन्हें खेलना होगा। तीसरे राउंड के शीर्ष दो टीमों को विश्व कप में सीधे प्रवेश मिलेगा। शेष टीमों को चौथे राउंड और फिर संभवतः पांचवें राउंड के लिए आगे बढ़ना होगा।
सुनिल छेत्री का योगदान
सुनिल छेत्री का करियर भारतीय फुटबॉल के लिए एक प्रेरणास्त्रोत रहा है। उन्होंने अपने खेल से न केवल टीम को कई महत्वपूर्ण जीत दिलाई है, बल्कि नेशनल टीम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाई है। उनकी गैरमौजूदगी टीम के लिए एक चुनौति हो सकती है, लेकिन युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
अभी क्या है सबसे महत्वपूर्ण?
अगला मैच कतर के खिलाफ निर्णायक साबित हो सकता है। भारतीय टीम को अपने खेल में सुधार करते हुए मुख्य रणनीति पर ध्यान देना होगा। खेलने के दौरान अनुशासन और टीम वर्क का प्रदर्शन करना महत्वपूर्ण होगा।
फीफा विश्व कप 2026 के लिए भारतीय टीम के पास सुनहरा मौका है। इसे हासिल करने के लिए टीम को अपने हर मैच में बेहतर प्रदर्शन करना होगा। यह केवल उस खेल से ही नहीं जुड़ेगा, बल्कि देश के फुटबॉल प्रेमियों संघनित समर्थन भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अब देखना होगा कि भारतीय फुटबॉल टीम किस तरह से इस मौके का उपयोग कर पाती है।
17 टिप्पणि
Ankit Gupta7210
9 जून, 2024भारत कभी विश्व कप में नहीं पहुंचेगा यार अब तक जो भी कहा वो सब बकवास रहा है अफगानिस्तान से भी हार रहे हो तो क्या सपना देख रहे हो अभी तक फुटबॉल के लिए कोई इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बना अब क्या जादू होगा
Drasti Patel
9 जून, 2024इस विश्व कप की उम्मीदें भारतीय फुटबॉल के विकास के लिए एक आध्यात्मिक परीक्षा है। हमारे खिलाड़ियों के अंदर जो आत्मविश्वास की कमी है, वह दशकों के शिक्षण और सामाजिक अनुशासन के अभाव का परिणाम है। अगर हम खेल को खेल के रूप में नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव के रूप में देखेंगे, तभी परिवर्तन संभव होगा।
Shraddha Dalal
10 जून, 2024भारत के लिए फुटबॉल का विकास एक सांस्कृतिक रिक्ति को भरने की प्रक्रिया है। हमारे युवा पीढ़ी को खेल के माध्यम से अपनी पहचान बनानी होगी, न कि सिर्फ बॉलीवुड या क्रिकेट के छायाछिन्न में खो जाना। छेत्री का अंतिम मैच एक सांस्कृतिक अंतर्निहितता का प्रतीक है - एक युग का अंत, लेकिन एक नए युग की शुरुआत।
sandeep anu
11 जून, 2024अगर भारत कतर को हरा देता है तो मैं अपना सारा घर फुटबॉल जर्सी से ढक दूंगा! ये टीम अब तक कितनी बार डर गई है अब तो बस जीतने का जुनून चाहिए! भारत माता की जय!
Shreya Ghimire
13 जून, 2024क्या आप जानते हैं कि ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है? फीफा ने भारत को क्वालिफाई नहीं होने देना है क्योंकि वो चाहते हैं कि हम अमेरिका के साथ अपनी फुटबॉल बाजार को बर्बाद करें। वो जानते हैं कि अगर भारत विश्व कप में आ गया तो दुनिया भर में भारतीय फुटबॉल फैंस बन जाएंगे और वो अपनी टीवी एड्स बेच नहीं पाएंगे। ये नियंत्रण का खेल है।
Prasanna Pattankar
14 जून, 2024सुनिल छेत्री... जिन्होंने अपनी जिंदगी एक ऐसे खेल में लगा दी जिसमें कोई नहीं देखता... और अब हम उनके अंतिम मैच के बाद ड्रा के बारे में बात कर रहे हैं? क्या ये भारतीय फुटबॉल की वास्तविकता है? एक अद्भुत खिलाड़ी... एक अद्भुत अनुशासन की कमी... और एक अद्भुत बेवकूफी का राष्ट्र।
Bhupender Gour
15 जून, 2024अगर कतर के खिलाफ जीत गए तो बस भाई सब बंद करो अब तो हम विश्व कप में जाने वाले हैं जीत गए तो भाई जय हिंद बोलो अब देखो ये देश बदल जाएगा
sri yadav
17 जून, 2024फुटबॉल को लेकर भारत की ये उत्सुकता बिल्कुल अजीब है। हमारे यहां तो लोग जब तक क्रिकेट के लिए नहीं जाते, तब तक दूसरे खेलों को नजरअंदाज करते हैं। अब जब एक बूढ़े खिलाड़ी का अंतिम मैच है, तो सब उत्साहित हो गए? ये भावनात्मक बहाव है, न कि वास्तविक रुचि।
Pushpendra Tripathi
17 जून, 2024क्या तुम सब भूल गए कि जब सुनिल छेत्री ने पहली बार टीम में डेब्यू किया था, तो उस समय भारत का विश्व रैंकिंग 190 था? और आज वो 100 के पास है? ये तुम्हारे लिए कोई उपलब्धि नहीं है? तुम सिर्फ जीत-हार की बात करते हो, लेकिन उस रास्ते की दूरी को नहीं देखते।
Indra Mi'Raj
17 जून, 2024क्या हम असल में ये सोच रहे हैं कि एक टीम के लिए एक खिलाड़ी इतना जरूरी हो सकता है? छेत्री ने बहुत कुछ किया लेकिन अब ये टीम उनके बिना आगे बढ़ेगी या नहीं ये तो देखना होगा। बस एक आदमी की वजह से उत्साह नहीं बनाना चाहिए।
Harsh Malpani
19 जून, 2024भाई अगर जीत गए तो अच्छा होगा अगर नहीं भी तो कोई बात नहीं हमारे यहां तो फुटबॉल का खेल अभी शुरू हुआ है अब बस देखते हैं क्या होता है
INDRA SOCIAL TECH
21 जून, 2024इतिहास दर्शाता है कि जब एक राष्ट्र अपने खिलाड़ियों को समर्थन देता है, तो वह अपनी सीमाओं को लांघ देता है। सुनिल छेत्री ने एक विश्वास का संकेत दिया है - कि भारतीय फुटबॉल की आत्मा अभी जीवित है। अब बार उस आत्मा को शक्ति देने का है।
Prabhat Tiwari
21 जून, 2024ये सब फीफा का नियंत्रण है। अमेरिका के लिए ये टूर्नामेंट बहुत महंगा है। भारत को विश्व कप में नहीं जाने देना है क्योंकि हमारे फैंस वहां जाकर अमेरिकी शहरों में भारतीय खाना बेचने लगेंगे। ये एक आर्थिक षड्यंत्र है। तुम लोगों को ये बातें नहीं बताई जातीं।
Palak Agarwal
22 जून, 2024कतर के खिलाफ मैच असल में बहुत बड़ा है लेकिन अगर हम हार गए तो भी अगले राउंड में शामिल होने का रास्ता है। बस टीम को धैर्य रखना होगा और अपने खेल पर ध्यान देना होगा। ये अभी शुरुआत है।
Jasvir Singh
23 जून, 2024क्या आपने कभी सोचा है कि अगर हमारे यहां फुटबॉल के लिए बच्चों के लिए स्कूलों में अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर होता तो आज कितने छेत्री होते? हम सिर्फ उन्हें याद कर रहे हैं लेकिन उनके बाद के लिए कुछ नहीं कर रहे।
Yash FC
24 जून, 2024हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि छेत्री ने अपने करियर के दौरान एक ऐसा नेतृत्व दिया जिसे अभी तक कोई नहीं देखा। अगर ये टीम उस आत्मा को आगे बढ़ाती है, तो विश्व कप के लिए क्वालिफाई होना बस एक शुरुआत होगी।
Paras Chauhan
25 जून, 2024भारत कभी नहीं जाएगा।