ह्रदयाघात की पहचान और बचाव के आसान तरीके
ह्रदयाघात अचानक हो सकता है, पर अगर आप उसके संकेत पहले से जान लें तो कई बार बचा जा सकता है। अक्सर लोग दर्द या असहजता को हल्का समझ लेते हैं, इसलिए हम यहां बता रहे हैं कि कब सच में दिल की समस्या है और क्या करना चाहिए.
मुख्य लक्षण जो कभी भी नजरअंदाज नहीं करने चाहिए
सबसे आम संकेत胸 में दबाव या भारीपन का अहसास है। यह दर्द अक्सर बाएं हाथ, जबड़े या पीठ तक फैल सकता है। अगर आप सांस फूलना, पसीना आना, उल्टी जैसी चीजें भी महसूस करें तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ. ये लक्षण अचानक नहीं आते, कई बार धीरे‑धीरे बढ़ते हैं, इसलिए लगातार मॉनिटरिंग जरूरी है.
ध्यान रखें कि हल्का दर्द या थकान अक्सर काम की तनाव से भी हो सकता है, पर अगर यह दो‑तीन मिनट से ज्यादा रहता है और आराम करने के बाद नहीं जाता तो इसे ह्रदयाघात माना जा सकता है. महिलाओं में कभी‑कभी पेट में ऐंठन या उल्टी पहले दिख सकती है, इसलिए लिंग के आधार पर अलग‑अलग संकेतों को समझना फायदेमंद होता है.
रोकथाम के लिए रोज़मर्रा की आसान आदतें
दिल को स्वस्थ रखने में खाने-पीने का बड़ा हाथ है. तले हुए और बहुत तेल वाले भोजन से बचें, दाल‑भात, सब्जी, फल और नट्स को नियमित रूप से खाएँ. नमक कम डालें, खासकर बाहर के तैयार खाने में सोडियम बहुत होता है.
शारीरिक एक्टिविटी भी जरूरी है. रोज़ 30 मिनट तेज चलना या हल्का जॉगिंग ह्रदय को मजबूत बनाता है. अगर आप बैठते‑बैठते काम करते हैं तो हर घंटे उठकर खड़े हों, थोड़ा स्ट्रेच करें, इससे रक्त परिसंचरण सुधरता है.
धूम्रपान और शराब दोनों ही दिल पर बुरा असर डालते हैं. धूम्रपान छोड़ना सबसे कठिन हो सकता है, लेकिन छोटे‑छोटे कदम जैसे एक दिन में कम सिगरेट या निकोटीन रिप्लेसमेंट से शुरू करें. शराब का सेवन अगर करना ही है तो हफ्ते में दो‑तीन बार तक सीमित रखें.
तनाव को कंट्रोल करने के लिए गहरी साँसें लेना, योग या मेडिटेशन मददगार होते हैं. जब आप तनाव महसूस करें तो पाँच सेकंड गिनते हुए धीरे‑धीरे सांस अंदर और बाहर निकालें, यह दिल की धड़कन को सामान्य रखने में मदद करता है.
अगर आपके परिवार में ह्रदय रोग का इतिहास है या हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ जैसी बीमारियां हैं तो डॉक्टर से नियमित चेक‑अप कराएँ. दवाओं को समय पर लें और रक्तचाप व शुगर लेवल की निगरानी रखें.
अंत में याद रखें, ह्रदयाघात अचानक नहीं बल्कि कई छोटे‑छोटे जोखिमों का जोड़ होता है। अगर आप इन सरल कदमों को अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में शामिल करें तो दिल स्वस्थ रहेगा और बड़ी समस्या से बचाव संभव होगा.