जब रिज़र्व बैंंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने 2025 की दिवाली बैंक छुट्टियां की आधिकारिक सूची जारी की, तो पूरे देश में बैंक बंद रहने की तिथियों पर बहुत सवाल उठे। इस योजना के अनुसार, दिवाली 2025 के मुख्य पर्व के दौरान, भारत के 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अलग‑अलग दिन छुट्टियां लागू होंगी। पहली तिथि, 20 ऑक्टूबर 2025 (सोमवार), से लेकर 23 ऑक्टूबर तक, विभिन्न क्षेत्रों में अलग‑अलग रीति‑रिवाजों के कारण अलग‑अलग छुट्टियां तय की गई हैं।
वर्तमान में, लगभग 180 बड़ी बैंकों, 1,200 कोऑपरेटिव बैंकों और 5,000 आरआरबी व एसएफबी सहित सभी वित्तीय संस्थान इस शेड्यूल का पालन करेंगे। इसका सीधा असर लाखों ग्राहकों के दैनिक लेन‑देनों पर पड़ेगा, खासकर उन लोगों पर जो बड़ी नकद जमा या चेक क्लीयारेंस की उम्मीद कर रहे थे।
रिज़र्व बैंंक ऑफ़ इंडिया की घोषणा के बाद, इकोनामीक टाइम्स ने 19 अक्टूबर 2024 को बताया कि 20 ऑक्टूबर को महाराष्ट्र सहित कई राज्य छुट्टी मनाएंगे। वहीं टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने उल्लेख किया कि गुजरात और उत्तर प्रदेश में 22 और 23 ऑक्टूबर को दो‑दिन की छुट्टियां होंगी। इन दो बड़े राष्ट्रीय दैनिकों ने एक साथ बताया कि राज्य‑विशिष्ट रीति‑रिवाजों के कारण छुट्टियों की तिथियों में अंतर है।
नीचे उन प्रमुख राज्यों की छुट्टी तिथियां दी गई हैं जहाँ अधिकांश बैंक बंद रहेंगे:
इसके अतिरिक्त, बिज़नेस स्टैण्डर्ड ने बताया कि 27 और 28 ऑक्टूबर को पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में छठ पूजा के कारण छुट्टियां होंगी, जबकि 31 ऑक्टूबर को गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्म दिवस को राष्ट्रीय छुट्टी के रूप में मनाया जाएगा।
छूट वाले दिनों में शाखा‑स्तर की कई सेवाएं, जैसे बड़ी नगद जमा, चेक क्लियरेंस और डिमांड ड्राफ्ट जारी करना, अस्थायी रूप से उपलब्ध नहीं रहेंगी। परन्तु, सभी बैंकों ने डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म को पूरी तरह से चालू रखा है। ग्राहक एचडीएफसी बैंक के मोबाइल ऐप, यूपीआई, एटीएम और ऑनलाइन ट्रांसफ़र का उपयोग करके बिल भुगतान, निधि हस्तांतरण और खाता जाँच जैसे कार्य कर सकते हैं। इस दौरान, नेटवर्क ट्रैफ़िक बढ़ने की संभावना के कारण कुछ समय में लेन‑देनों में छोटे‑छोटे विलंब हो सकते हैं, इसलिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि बड़े लेन‑देनों को पूर्व-छुट्टियों तक पूरा कर लें।
छुट्टियों के कारण कई छोटे व्यवसायियों को नकद प्रवाह में समस्या हो सकती है। विशेषकर रीटेल और एग्रो‑सेक्टर्स में, जहाँ बड़ी धनराशि अक्सर व्यक्तिगत रूप से जमा की जाती है, छोटे व्यापारी अपने दैनिक खर्चों के लिए डिजिटल भुगतान की ओर रुख करेंगे। वित्तीय विश्लेषक रवींद्र कुमार (वित्तीय सलाहकार, मुंबई) ने कहा, "यदि व्यापारी अपने लेन‑देनों को एटीएम या यूपि के माध्यम से कर सकते हैं, तो यह डिजिटल अपनाने की गति को तेज़ करेगा, लेकिन साथ ही शाखा‑स्तर की सेवा में अंतराल से ग्राहकों में असहजता भी बढ़ सकती है।"
उपभोक्ता वर्ग के लिए भी यह समय योजना बनाने का है। कई लोग अपने टैक्स रिटर्न, वाहन बीमा प्रीमियम, और स्कूल फीस जैसे बड़े पेमेंट्स को पहले ही निपटाने की कोशिश करेंगे, ताकि छुट्टियों के बाद की रुकावट से बचा जा सके।
दिवाली के बाद, 27‑28 ऑक्टूबर को छठ पूजा और 31 ऑक्टूबर को सरदार पटेल जयंती के साथ एक नई छुट्टी श्रृंखला जुड़ती है। इस अवधि में बैंकों के डिजिटल लेन‑देन में वृद्धि की उम्मीद है, क्योंकि लोग इन पावन अवसरों के दौरान भी अपने आर्थिक कार्य पूरे करना चाहते हैं। साथ ही, RBI ने बताया कि 2026 के लिए भी इस तरह के राज्य‑व्यापी छुट्टियों का मॉडल अपनाया जाएगा, जिससे वित्तीय संस्थानों को पहले से तैयारी करने में मदद मिलेगी।
संक्षेप में, दिवाली के दौरान भारत में बैंक बंद रहने की तिथियों में विविधता है, पर डिजिटल विकल्प सभी ग्राहक वर्गों को प्रदान किए गए हैं। अगर आप बड़े लेन‑देनों की योजना बना रहे हैं, तो इस सप्ताह के भीतर सभी आवश्यक कार्य निपटाना ही समझदारी होगी।
छुट्टियों के दिन अधिकांश बैंकों की शाखा बंद रहती है क्योंकि कर्मचारी भी धार्मिक समारोहों में भाग लेते हैं। केवल डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म जैसे ऑनलाइन बैंकिंग, मोबाइल ऐप और यूपीआई उपलब्ध रहते हैं, जो साधारण लेन‑देनों को चलाने के लिए पर्याप्त हैं।
गुजरात और उत्तर प्रदेश ने 22 (बुधवार) और 23 (गुरुवार) को दीर्घकालीन छुट्टियों का एलेनमेंट किया है, जिसमें दिवाली, गौड़वधू पूजा और बलिपाद्यमी शामिल हैं।
बड़े नकद जमा को आप अगले कार्यदिवस तक स्थगित कर सकते हैं या निकटतम एटीएम/डिजिटल वॉलेट के माध्यम से छोटे-छोटे हिस्सों में जमा कर सकते हैं। कई बैंकों ने विशेष प्री‑ऑफ़िस सेवा भी शुरू की है, जहाँ आप एटीएम की मदद से सीमित राशि जमा कर सकते हैं।
27‑28 ऑक्टूबर को छठ पूजा और 31 ऑक्टूबर को गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती के कारण बैंक बंद रहेंगे। ये छुट्टियां मुख्यतः ईशान्य और मध्य भारत में प्रभावी हैं।
छुट्टियों के दौरान नेटवर्क लोड बढ़ सकता है। इसलिए लेन‑देन को समय‑समय पर विभाजित करें, वॉलेट बैलेंस पहले से जाँचें और आवश्यक दस्तावेज़ तैयार रखें। अधिकांश बैंक ने हाई‑ट्रैफिक के लिए अतिरिक्त सर्वर क्षमता तैयार रखी है, जो प्रक्रिया को सुगम बनाता है।
11 टिप्पणि
Ashutosh Sharma
20 अक्तूबर, 2025ओह, RBI ने फिर से छुट्टियों की लिस्ट फेंकी, वही पुराना ड्रामा!
arun great
22 अक्तूबर, 2025दिवाली के बैंक बंद होने से बचने के लिए, डिजिटल भुगतान पहले से सेट कर लेना बेहतर रहेगा। 😊
Anirban Chakraborty
23 अक्तूबर, 2025भाइयों, दिवाली की छुट्टियों में बैंक बंद रहेंगे, इसलिए अपने बड़े लेन‑देनों को पहले निपटा दें, वरना समस्या होगी।
Krishna Saikia
25 अक्तूबर, 2025देश की सांस्कृतिक परम्पराओं का सम्मान करते हुए, हमें डिजिटल लेन‑देनों को अपनाना चाहिए, यही हमारी आर्थिक शक्ति है।
Vaidehi Sharma
26 अक्तूबर, 2025मैंने अपना पड़ोसी को देख कर कहा कि वो सभी ट्रांजैक्शन एक साथ कर रहा है, जिससे नेटवर्क पर बौछार हो रही है, और यह सबके अनुभव को बर्बाद कर रहा है।
Heena Shaikh
27 अक्तूबर, 2025दिवाली की छुट्टियों में बैंकों का बंद होना न केवल आर्थिक धारा को प्रभावित करता है, बल्कि सामाजिक व्यवहार में भी परिवर्तन लाता है।
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म की उपलब्धता ने इस अंतर को कम करने का अवसर प्रदान किया है।
फिर भी कई छोटे व्यापारी अभी भी नकद पर निर्भर हैं, जो जोखिम को बढ़ाता है।
नकद जमा में देरी के कारण उनका दैनिक संचालन बाधित हो सकता है।
इस स्थिति में शारीरिक उपस्थिति की आवश्यकता नहीं, बल्कि भरोसा और तकनीकी समर्थन की मांग है।
RBI ने स्पष्ट किया है कि डिजिटल लेन‑देन की गति इस अवधि में बढ़ेगी, परन्तु नेटवर्क तनाव को भी ध्यान में रखना चाहिए।
उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने बड़े भुगतान को पहले ही निपटा लें, ताकि बाद में देर न हो।
इसके अलावा, छोटे व्यवसायियों को चाहिए कि वे यूपीआई या मोबाइल वॉलेट जैसी सुविधाओं को अपनाएँ।
यह केवल सुविधा नहीं, बल्कि वित्तीय समावेश का एक कदम भी है।
दक्षिणी राज्यों में छुट्टियों की तिथियों का अंतर इस बात को दर्शाता है कि स्थानीय रीति‑रिवाजों को सम्मान देना आवश्यक है।
लेकिन एक राष्ट्रीय डिजिटल बुनियाद बनाकर हम सभी को समान स्तर की सेवा प्रदान कर सकते हैं।
इस प्रक्रिया में साइबर सुरक्षा का मुद्दा भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए।
छोटे ट्रांजैक्शन की मात्रा बढ़ेगी, इसलिए बैंक को अपनी सर्वर क्षमता को सुदृढ़ करना होगा।
अंत में, यह परिवर्तन एक अवसर है कि हम अपने वित्तीय आदतों को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनायें।
यदि सभी मिलकर इस डिजिटल संक्रमण को अपनाएँ, तो दिवाली की खुशी आर्थिक कठिनाइयों से नहीं टकराएगी।
DN Kiri (Gajen) Phangcho
29 अक्तूबर, 2025चलो दोस्त सब मिलकर प्लान बनाते हैं ताकि कोई भी पेमेंट मिस न हो
Apurva Pandya
30 अक्तूबर, 2025प्लानिंग तो ज़रूरी है, खासकर जब बैंक बंद हों, इसलिए सबको टाइमलाइन सेट करनी चाहिए 😊
Nishtha Sood
1 नवंबर, 2025छुट्टियों में सकारात्मक रहो, डिजिटल पेमेंट से तनाव कम होगा।
Hiren Patel
2 नवंबर, 2025बिलकुल सही कहा, जब नेटवर्क पर भीड़ बढ़े तो मन में उत्साह की लहर दौड़ती है, लेकिन अगर सही टाइमिंग नहीं पाली तो अफ़रातफ़री देखनी पड़ेगी! इसलिए हर ट्रांज़ैक्शन को एक कला की तरह संभालो, नहीं तो डिजिटल दुनिया में भी गड़बड़ी होगी।
Rana Ranjit
3 नवंबर, 2025सम्पूर्ण रूप से देखा जाए तो यह डिजिटल परिवर्तन हमारे सामाजिक अनुशासन का प्रतिबिंब है, जहाँ परम्परा और तकनीक का संतुलन बनाना अनिवार्य हो गया है।