24 फरवरी, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के कन्याकुमारी का दौरा किया। यह स्थान अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। मोदी ने इस यात्रा में जहाँ स्थानीय निवासियों के उत्साह को देखा, वहीं उन्होंने स्वामी विवेकानंद स्मारक और कन्याकुमारी मंदिर में भी पूजा अर्चना की।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा की शुरुआत स्वामी विवेकानंद स्मारक से की, जो भारतीय दार्शनिक और सामाजिक सुधारक स्वामी विवेकानंद को समर्पित है। यह स्मारक समुद्र के बीच में स्थित है और लगभग 500 मीटर की दूरी पर है। मोदी ने नाव से इस स्मारक तक यात्रा की। उन्होंने यहां स्वामी विवेकानंद के जीवन और शिक्षाओं को नमन किया और आत्मचिंतन किया।
इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने कन्याकुमारी मंदिर का दौरा किया, जो देवी कन्याकुमारी को समर्पित एक महत्वपूर्ण शक्तिपीठ है। इस मंदिर में पूजा करते हुए उन्होंने भारतीय संस्कृति की गहराई को समझा और सम्मानित किया। मंदिर में आयोजित पुजा समारोह में भाग लेते हुए उन्होंने देश की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर की महत्ता पर बल दिया।
कन्याकुमारी भारतीय उपमहाद्वीप का दक्षिणी छोर है और यह न केवल अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए बल्कि अपनी आध्यात्मिक धरोहर के लिए भी प्रसिद्ध है। यह स्थान सदियों से भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस यात्रा ने लोगों को फिर से यह स्मरण दिलाया कि भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर कितनी महत्वपूर्ण है। उन्होंने स्थानीय निवासियों और तीर्थयात्रियों के साथ बातचीत की, जिन्होंने उनकी उपस्थिति का गर्मजोशी से स्वागत किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस आध्यात्मिक यात्रा को कई दृष्टिकोणों से देखा जा सकता है। यह न केवल उनके व्यक्तिगत आत्मचिंतन का अवसर था बल्कि इससे यह संदेश भी स्पष्ट होता है कि भारतीय संस्कृति और धर्म का संरक्षण और संवर्धन महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने यह भी संकेत दिया कि इस तरह के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के संरक्षण के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
कन्याकुमारी में प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा ने न केवल स्थानीय निवासियों को प्रेरित किया, बल्कि देशभर के लोगों को अपनी संस्कृति और धरोहर पर गर्व करने का अवसर दिया। इसमें कोई संदेह नहीं है कि ऐसी यात्रा और कार्यक्रम भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर की व्यापकता और गहराई को व्यक्त करते हैं।
प्रधानमंत्री की इस आध्यात्मिक यात्रा की मीडिया में व्यापक चर्चा हुई और इसे एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा गया। यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण थी कि इसने लोगों को भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों की याद दिलाई, जो सदियों से भारतीय समाज के आधारशिला रहे हैं।
इस प्रकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कन्याकुमारी दौरा न केवल उनकी व्यक्तिगत आध्यात्मिकता का प्रतीक था, बल्कि यह भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम भी था। यह दौरा उन अनगिनत भावनाओं और विचारों को प्रकट करता है जो हमारी सांस्कृतिक पहचान को मजबूत और समृद्ध करते हैं।
12 टिप्पणि
Harsh Malpani
2 जून, 2024बहुत अच्छा था ये दौरा। कन्याकुमारी का दृश्य तो दिल छू जाता है। मोदी जी की इस यात्रा से लगता है कि वो असली भारत को छू रहे हैं।
Pushpendra Tripathi
3 जून, 2024ये सब नाटक है। स्वामी विवेकानंद के नाम पर कोई भी इमेज बनाने की कोशिश कर रहा है। वो तो बस अपनी फोटो लेने के लिए गए थे।
Indra Mi'Raj
3 जून, 2024मैं तो सोच रही थी कि आजकल कोई भी नेता आध्यात्मिकता को असली तरीके से समझता है या नहीं। मोदी जी के चेहरे पर जो शांति थी वो नाटक नहीं थी। वो अपने आप से बात कर रहे थे।
हम सब इतना बाहरी देखते हैं कि अंदर की बातें नजर नहीं आतीं।
Prabhat Tiwari
5 जून, 2024ये सब राष्ट्रवादी नाटक है। विवेकानंद के नाम पर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। क्या आप जानते हैं कि उनके विचारों को अमेरिका में कैसे फेल किया गया था? अब ये लोग उसी का इस्तेमाल कर रहे हैं।
Jinit Parekh
6 जून, 2024कन्याकुमारी भारत का अंतिम बिंदु है। यहां तीन समुद्र मिलते हैं। ये सिर्फ एक तीर्थ स्थल नहीं है, ये हमारी पहचान है। मोदी जी ने दिखाया कि वो भारत के असली मूल्यों को समझते हैं। बाकी सब बस बहक रहे हैं।
Paras Chauhan
6 जून, 2024मैंने भी विवेकानंद स्मारक जाने का सपना देखा था। जब मैंने उस नाव से उतरते हुए देखा कि वो समुद्र के बीच में खड़ा है, तो लगा जैसे समय रुक गया।
मोदी जी की ये यात्रा ने मुझे याद दिलाया कि भारत का आध्यात्मिक विरासत कितनी अनमोल है।
Ankit Gupta7210
8 जून, 2024हर बार जब कोई नेता तीर्थ यात्रा करता है तो लोग इसे राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बना देते हैं। लेकिन असल में ये सिर्फ एक फोटो ऑपरेशन है।
INDRA SOCIAL TECH
8 जून, 2024विवेकानंद ने कभी नहीं कहा कि नेताओं को अपनी तस्वीरें लेनी चाहिए। उन्होंने तो बस इतना कहा था कि आत्मज्ञान ही सच्चा धर्म है।
sri yadav
9 जून, 2024ये बातें तो बस लोगों को भावुक बनाने के लिए हैं। विवेकानंद के विचारों को किसी ने अपनाया भी नहीं। आज के युवा तो बस फोन पर बिताते हैं। इस तरह की यात्राओं से कुछ नहीं होगा।
Palak Agarwal
11 जून, 2024मैंने अपने दादाजी को याद किया। वो हर सुबह कन्याकुमारी के बारे में बताते थे। कहते थे कि यहां आकर इंसान खुद को ढूंढता है। मोदी जी की ये यात्रा मुझे लगी जैसे कोई उनकी बात को समझ गया।
Drasti Patel
12 जून, 2024यह दौरा भारतीय संस्कृति के असली अर्थ को जागृत करने का एक ऐतिहासिक कदम है। इसके बाद भी जो लोग इसे राजनीतिक नाटक कहते हैं, वे अपनी अंधविश्वासी मानसिकता को छिपा रहे हैं।
udit kumawat
14 जून, 2024ये सब बकवास है। क्या आपने कभी सोचा कि ये स्मारक किसने बनवाया? और अब ये नेता इसे अपना बना रहे हैं? बस एक बार देख लो कि वहां के लोग कितने गरीब हैं।