अज़िम प्रेज़ी छात्रवृति 2025: उत्तराखंड की लड़कियों को 30,000 रुपये सालाना मदद, अब आवेदन कैसे करें

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अज़िम प्रेज़ी छात्रवृति 2025: उत्तराखंड की लड़कियों को 30,000 रुपये सालाना मदद, अब आवेदन कैसे करें

अज़िम प्रेज़ी फाउंडेशन ने इस वर्ष अपनी नई छात्रवृति योजना लॉन्च की है, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड और 18 अन्य राज्यों की आर्थिक रूप से पिछड़ी लड़कियों को उच्च शिक्षा तक पहुँचने के लिए वित्तीय सहयोग देना है। इस पहल से सालाना 30,000 रुपये की सहायता मिलती है, जो पूरे स्नातक या डिप्लोमा कोर्स के दौरान जारी रहती है।

छात्रवृति की मुख्य बातें

अज़िम प्रेज़ी छात्रवृत्ति 2025 विशेष रूप से उन लड़कियों के लिये बनाई गई है जिन्होंने सरकारी स्कूलों से कक्षा 10 और 12 तक की पढ़ाई पूरी की हो। इस योजना के तहत छात्रों को प्रथम वर्ष में मान्यता प्राप्त किसी भी विश्वविद्यालय या कॉलेज में दाखिला लेना अनिवार्य है, चाहे वह सरकारी हो या भरोसेमंद निजी संस्थान।

  • आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की लड़कियों को लक्ष्य बनाया गया है।
  • स्नातक तथा डिप्लोमा कोर्स दोनों के लिये पात्रता है (कोर्स अवधि 2‑5 वर्ष)।
  • वित्तीय सहायता सीधे छात्र के बैंक खाते में जमा की जाएगी।
  • पूरे कोर्स की अवधि तक सहायता जारी रहेगी, बशर्ते नियमित उपस्थिति और निरंतर पढ़ाई बनी रहे।

यह योजना 19 राज्य‑उन्नीय क्षेत्रों में लागू होगी, जिसमें उत्तराखंड के साथ अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, ओडिशा, पुदुचेरी, राजस्थान, सikkim, तेलंगाना, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। कुल मिलाकर 2.5 लाख तक छात्राओं को इस सहायता से लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है।

आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज़

आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज़

छात्रवृति के लिये दो राउंड में आवेदन खुले हैं। पहला राउंड 10 सितंबर 2025 से लेकर 30 सितंबर 2025 तक चलेगा, जबकि दूसरा राउंड 10 जनवरी 2026 से 30 जनवरी 2026 तक खुला रहेगा। इच्छुक छात्राओं को azimpremjifoundation.org पर ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा।

  1. फॉर्म में व्यक्तिगत जानकारी, शैक्षणिक योग्यता और बैंक विवरण भरें।
  2. कक्षा 10 और 12 की मार्क शीट, पास प्रमाणपत्र और सरकारी स्कूल से जारी प्रमाणपत्र अपलोड करें।
  3. कॉलेज या विश्वविद्यालय से दाखिला पुष्टि का दस्तावेज़ (अडमिशन लेटर) संलग्न करें।
  4. आवेदन जमा करने के बाद स्क्रीनशॉट या जनरेटेड रसीद को सुरक्षित रखें।

सभी दस्तावेज़ों को स्कैन करके PDF या JPEG फॉर्मेट में अपलोड किया जा सकता है। आवेदन सफलतापूर्वक सबमिट होने पर फाउंडेशन द्वारा चयनित उम्मीदवारों को ईमेल या SMS के माध्यम से सूचना भेजी जाएगी।

यदि कोई छात्रा चयनित हो जाती है, तो उसे हर शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में 30,000 रुपये की राशि उसके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी। छात्रा को नियमित रूप से उपस्थिति दर्ज करानी होगी और यदि किसी कारणवश पढ़ाई बीच में रुकती है तो छात्रवृति प्रभावित हो सकती है।

अज़िम प्रेज़ी फाउंडेशन ने इस कदम से भारत में महिला शिक्षा को सुदृढ़ करने और सामाजिक-आर्थिक बाधाओं को तोड़ने का लक्ष्य रखा है। इस प्रकार की सहायता न केवल आर्थिक दबाव को कम करती है, बल्कि लड़कियों के आत्मविश्वास और भविष्य की पेशेवर संभावनाओं को भी बढ़ाती है।

16 टिप्पणि

Yash FC
Yash FC
29 सितंबर, 2025

ये छात्रवृत्ति असल में बहुत बड़ा कदम है। जब तक लड़कियों को शिक्षा का अधिकार मिलेगा, तब तक हमारी समाज की आत्मा अधूरी रहेगी। मैंने अपनी बहन को इसके लिए आवेदन करवाया है-उसका बैंक खाता तैयार है, मार्कशीट अपलोड हो चुकी हैं। बस अब इंतजार है।

sandeep anu
sandeep anu
30 सितंबर, 2025

अरे भाई ये तो जिंदगी बदल देगा! मैंने अपनी छोटी बहन को इसके लिए तैयार किया है-कक्षा 12 के बाद डिप्लोमा करवाना है। अगर ये पैसा मिल गया तो घर वाले भी राजी हो गए कि लड़की को पढ़ाओ। बस अब चाहिए ये कि कोई उसे रोके नहीं!

Shreya Ghimire
Shreya Ghimire
1 अक्तूबर, 2025

इस छात्रवृत्ति के पीछे कोई बड़ी चाल है। अज़िम प्रेज़ी फाउंडेशन के लिंक से डेटा कैसे चल रहा है? क्या ये बैंक खाते के नंबर और आधार की जानकारी गुप्त रूप से सरकार को भेज रहे हैं? मैंने देखा है कि कुछ एनजीओ डिजिटल डेटा के नाम पर ग्रामीण महिलाओं के बारे में बड़े डेटाबेस बना लेते हैं। ये भी वही चाल हो सकती है। किसी ने इसकी ऑडिट की है? क्या डेटा प्राइवेसी पॉलिसी जारी है? ये सब छुपाया जा रहा है।

Prasanna Pattankar
Prasanna Pattankar
2 अक्तूबर, 2025

अरे भाई, ये सब फैक्ट्स तो मैंने पढ़ लिए… लेकिन बताओ, क्या ये 30,000 रुपये की राशि असल में बच्ची के खर्चे को कवर करती है? एक वर्ष में बस बुक्स और यूनिफॉर्म के लिए 15,000 जा रहे हैं! और अगर कॉलेज शहर में है तो रहने का खर्च? ये सब फॉर्मलिटी तो बस एक नाटक है-एक बार लिख दिया, फिर भूल जाओ। और फिर वो लड़कियाँ वापस घर आ जाती हैं, और लोग कहते हैं-‘क्या तुमने नहीं पढ़ा?’

Bhupender Gour
Bhupender Gour
3 अक्तूबर, 2025

ye toh bhot achha hai bas form bharna hai aur sab kuch upload karna hai... koi bhi nahi karta isliye koi nahi milta... bas bhai sab kuch bhi nahi hota

sri yadav
sri yadav
3 अक्तूबर, 2025

ये सब बहुत खूबसूरत है… लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये छात्रवृत्ति वास्तव में किसके लिए है? जिन लड़कियों को इसकी जरूरत है, वो इंटरनेट तक नहीं पहुँच पातीं। ये तो वो लड़कियाँ लाभान्वित हो रही हैं जिनके पास फोन है, ब्रॉडबैंड है, और कोई उन्हें फॉर्म भरने में मदद करता है। बाकी सबको तो बस एक बार फिर बाहर छोड़ दिया गया।

Pushpendra Tripathi
Pushpendra Tripathi
5 अक्तूबर, 2025

ये छात्रवृत्ति तो बहुत अच्छी लग रही है, लेकिन जब तक राज्य सरकारें अपने विद्यालयों के लिए बुनियादी ढांचा नहीं बनाएंगी-जैसे लड़कियों के लिए बस सुविधा, सुरक्षा, या टॉयलेट-तब तक ये सब बस एक फोटो शूट है। आप लोग फॉर्म भर रहे हैं, लेकिन क्या आपकी बहन रात को अकेले घर से निकलकर कॉलेज जा सकती है? ये नहीं सोचते।

Indra Mi'Raj
Indra Mi'Raj
6 अक्तूबर, 2025

मैंने अपनी दोस्त को इसके लिए आवेदन करवाया था। उसके पास कोई फोन नहीं था, इसलिए मैंने अपने फोन से फॉर्म भरा। उसकी माँ ने कहा-‘बेटी को पढ़ाओगे तो शादी कैसे होगी?’ लेकिन आज उसका एडमिशन लेटर आ गया। अब वो डिप्लोमा कर रही है। ये छात्रवृत्ति सिर्फ पैसा नहीं, उम्मीद है।

Harsh Malpani
Harsh Malpani
6 अक्तूबर, 2025

ye toh mast hai yaar… maine apni behen ke liye form bhara hai… ab bas wait karna hai… agar mil gaya toh bahut accha hoga

INDRA SOCIAL TECH
INDRA SOCIAL TECH
7 अक्तूबर, 2025

एक व्यक्ति के जीवन में शिक्षा का महत्व कभी भी नहीं बदलता। यह एक ऐसा उपकरण है जो बाहरी सामाजिक बाधाओं को भी पार कर जाता है। यह योजना उसी तरह की एक उपकरण है जो निर्माण की शुरुआत है, न कि अंत।

Prabhat Tiwari
Prabhat Tiwari
8 अक्तूबर, 2025

ये सब फाउंडेशन अमेरिका से फंडिंग लेता है न? और फिर हमारी लड़कियों को बदलने की कोशिश कर रहा है? जब हमारे देश में भारतीय शिक्षा प्रणाली बेहतर है, तो ये बाहरी फंड्स क्यों? ये लड़कियों को वेस्टर्न वैल्यूज डाल रहे हैं। ये नहीं चाहिए। हमें अपने आंतरिक नेतृत्व पर भरोसा करना चाहिए।

Palak Agarwal
Palak Agarwal
9 अक्तूबर, 2025

मैंने अपने गाँव में एक लड़की को इस योजना के बारे में बताया। उसके पास फोन नहीं था, तो मैंने उसे टाउन के कॉफी शॉप में ले जाकर फॉर्म भरवाया। उसकी माँ ने आँखों में पानी लाया। अब वो कल डिप्लोमा के लिए जाएगी। ये बस एक छात्रवृत्ति नहीं… ये एक नया जीवन है।

Paras Chauhan
Paras Chauhan
10 अक्तूबर, 2025

मुझे लगता है ये बहुत अच्छा है। शिक्षा सिर्फ एक अधिकार नहीं, बल्कि एक अधिकार की शुरुआत है। जब लड़कियाँ शिक्षित होती हैं, तो पूरा समाज बदलता है। ये योजना उसी दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है। आशा है कि ये जल्दी से लागू हो जाएगी।

Jinit Parekh
Jinit Parekh
12 अक्तूबर, 2025

ये सब बहुत अच्छा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस योजना को बनाने वाले लोगों का क्या नाम है? क्या वो भारतीय हैं? या वो नागरिकता के लिए अमेरिका में हैं? भारत में ऐसे लोगों को भी छात्रवृत्ति देनी चाहिए, जो अपने देश के लिए काम करते हैं। न कि बाहरी संगठनों को।

udit kumawat
udit kumawat
12 अक्तूबर, 2025

फॉर्म भरना है? दस्तावेज़ अपलोड करना है? बैंक खाता है? अगर तुम्हारे घर में फोन नहीं है, तो ये सब क्या है? ये सब तो बस एक नकली उम्मीद है। जो लोग इसे बना रहे हैं, वो खुद भी इसका इस्तेमाल नहीं करते।

Ankit Gupta7210
Ankit Gupta7210
13 अक्तूबर, 2025

ये सब फाउंडेशन तो बस अपनी इमेज बनाने के लिए कर रहा है। असल में जब लड़कियाँ कॉलेज जाती हैं, तो उनके घर वाले उन्हें बाहर नहीं जाने देते। ये छात्रवृत्ति तो बस एक दिखावा है। जिसका कोई असली असर नहीं होता।

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