अज़िम प्रेज़ी फाउंडेशन ने इस वर्ष अपनी नई छात्रवृति योजना लॉन्च की है, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड और 18 अन्य राज्यों की आर्थिक रूप से पिछड़ी लड़कियों को उच्च शिक्षा तक पहुँचने के लिए वित्तीय सहयोग देना है। इस पहल से सालाना 30,000 रुपये की सहायता मिलती है, जो पूरे स्नातक या डिप्लोमा कोर्स के दौरान जारी रहती है।
अज़िम प्रेज़ी छात्रवृत्ति 2025 विशेष रूप से उन लड़कियों के लिये बनाई गई है जिन्होंने सरकारी स्कूलों से कक्षा 10 और 12 तक की पढ़ाई पूरी की हो। इस योजना के तहत छात्रों को प्रथम वर्ष में मान्यता प्राप्त किसी भी विश्वविद्यालय या कॉलेज में दाखिला लेना अनिवार्य है, चाहे वह सरकारी हो या भरोसेमंद निजी संस्थान।
यह योजना 19 राज्य‑उन्नीय क्षेत्रों में लागू होगी, जिसमें उत्तराखंड के साथ अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, ओडिशा, पुदुचेरी, राजस्थान, सikkim, तेलंगाना, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। कुल मिलाकर 2.5 लाख तक छात्राओं को इस सहायता से लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है।
छात्रवृति के लिये दो राउंड में आवेदन खुले हैं। पहला राउंड 10 सितंबर 2025 से लेकर 30 सितंबर 2025 तक चलेगा, जबकि दूसरा राउंड 10 जनवरी 2026 से 30 जनवरी 2026 तक खुला रहेगा। इच्छुक छात्राओं को azimpremjifoundation.org पर ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा।
सभी दस्तावेज़ों को स्कैन करके PDF या JPEG फॉर्मेट में अपलोड किया जा सकता है। आवेदन सफलतापूर्वक सबमिट होने पर फाउंडेशन द्वारा चयनित उम्मीदवारों को ईमेल या SMS के माध्यम से सूचना भेजी जाएगी।
यदि कोई छात्रा चयनित हो जाती है, तो उसे हर शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में 30,000 रुपये की राशि उसके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी। छात्रा को नियमित रूप से उपस्थिति दर्ज करानी होगी और यदि किसी कारणवश पढ़ाई बीच में रुकती है तो छात्रवृति प्रभावित हो सकती है।
अज़िम प्रेज़ी फाउंडेशन ने इस कदम से भारत में महिला शिक्षा को सुदृढ़ करने और सामाजिक-आर्थिक बाधाओं को तोड़ने का लक्ष्य रखा है। इस प्रकार की सहायता न केवल आर्थिक दबाव को कम करती है, बल्कि लड़कियों के आत्मविश्वास और भविष्य की पेशेवर संभावनाओं को भी बढ़ाती है।
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