पेरिस ओलंपिक्स 2024 में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का अब तक का सफर बहुत ही रोमांचक और चुनौतियों से भरा रहा है। पूल बी के मुकाबले में बेल्जियम के विरुद्ध खेलते हुए भारतीय टीम ने कई महत्त्वपूर्ण क्षण देखे। अभिषेक के शुरुआती गोल ने न सिर्फ टीम को बढ़त दिलाई, बल्कि दर्शकों को उम्मीद भी दी कि भारत इस मुकाबले में बढ़िया प्रदर्शन करेगा।
अभिषेक ने 18वें मिनट में एक सुनहरा मौका पाया और बेल्जियम की रक्षात्मक गलती का फायदा उठाते हुए गोल कर दिया। इस गोल ने भारतीय टीम को 1-0 की बढ़त दिलाई और टीम का मनोबल बढ़ाया। अभिषेक का यह गोल एक प्रशंसनीय प्रयास था और इसे देखना बेहद उत्साहवर्धक था।
भारतीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने पहले क्वार्टर में कई महत्त्वपूर्ण बचाव किये। उनके इन बचावों ने भारतीय टीम को मैच में बनाये रखा और दबाव को थोड़े समय तक बेल्जियम के आक्रमण से बचाया। श्रीजेश का प्रदर्शन पूरे मैच में शानदार रहा, मगर उनका अकेला प्रयास पूरी टीम के बचाव के लिए पर्याप्त नहीं था।
हालांकि भारत ने शुरुआती बढ़त हासिल की, लेकिन बेल्जियम ने धीरे-धीरे मैच पर अपनी पकड़ बना ली। थिबू स्टॉकब्रुक्स ने 33वें मिनट में गोल कर बेल्जियम को बराबरी दिलाई। इसके बाद, 44वें मिनट में जॉन-जॉन डोहमन ने गोल कर बेल्जियम को निर्णायक बढ़त दिलाई। बेल्जियम की टीम ने मैच के बाकी हिस्सों में अधिकांश समय तक भारतीय रक्षात्मक पंक्ति पर दबाव बनाये रखा और मौका उन्हें हाथ से जाने नहीं दिया।
हालांकि भारतीय टीम ने इस मैच में हार का सामना किया, लेकिन यह मुकाबला क्वार्टरफाइनल की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण था। मैच ने भारतीय टीम की कमजोरियों और ताकतों को उजागर किया। भारत ने पहले ही न्यूजीलैंड और आयरलैंड के खिलाफ जीत दर्ज कर और अर्जेंटीना के खिलाफ ड्रॉ करके क्वार्टरफाइनल में अपनी जगह सुरक्षित कर ली थी।
बेल्जियम के खिलाफ मुकाबला भारतीय टीम के लिए एक बड़ा सबक साबित हुआ। आगामी मैचों में, खासकर विश्व नंबर 4 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ, भारतीय टीम को हर संभव प्रयास और रणनीति के साथ मैदान में उतरना होगा। यह मैच भविष्य के मुकाबलों के लिए एक प्रमुख परीक्षा साबित हो सकता है।
भारतीय टीम के कोच और खिलाड़ियों को अब अपनी रणनीति पर अतिरिक्त ध्यान देना होगा। टीम ने पिछले मैचों में अच्छी प्रतिस्पर्धा दिखाई है, और अगर वे अपनी गलतियों से सीखकर आगे बढ़ते हैं, तो निश्चित रूप से वे आगामी चुनौतियों का सफलता पूर्वक सामना कर सकते हैं।
समाप्ति में, बेल्जियम के खिलाफ यह हार भारतीय टीम के लिए एक चेतावनी की तरह है, जो उन्हें आगामी कठिन मैचों के लिए तैयार कर सकती है। एक समर्पित और संयोजित प्रयास से, भारतीय टीम पेरिस ओलंपिक्स 2024 में एक उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
12 टिप्पणि
Bhupender Gour
3 अगस्त, 2024अभिषेक का गोल देखकर लगा जैसे हॉकी का भारत वापस आ गया... बस अब बाकी टीम को भी वो जुनून दिखाना होगा। ये एक शुरुआत है, अब देखते हैं कि ये जल बन जाएगा या फिर बस एक चिंगारी से बंद हो जाएगा।
Shreya Ghimire
3 अगस्त, 2024ये सब बस एक धोखा है। जब तक हमारे खिलाड़ी बैंकों में नौकरी नहीं करने लगेंगे, तब तक हॉकी में कोई उम्मीद नहीं। ये सब राजनीतिक फैंसी है, जिसमें सरकार अपने लोगों को खुश रखने के लिए गोल बना रही है। श्रीजेश अकेले कैसे लड़ेगा? जब तक बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बनेगा, तब तक ये सब बस एक नाटक है।
Prasanna Pattankar
4 अगस्त, 2024अभिषेक ने गोल किया... बढ़िया! अब बताओ, जब बेल्जियम ने 2 गोल मारे, तो क्या वो भी 'मौका' था? क्या श्रीजेश के बचाव भी 'मौके' थे? या फिर हमारी टीम के लिए जीतना तो एक 'सपना' है, जिसे हम फिल्मों में देखते हैं? सच तो ये है कि हम बाहरी रूप से बड़े बनने की कोशिश कर रहे हैं, अंदर से तो बस एक बूढ़ा ट्रैक्टर चला रहे हैं!
Indra Mi'Raj
6 अगस्त, 2024मैंने देखा था जब श्रीजेश ने उस बचाव किया था जब बेल्जियम का फ्री किक आया था... उसकी आंखों में जो चमक थी वो कोई खिलाड़ी की नहीं बल्कि एक योद्धा की थी। ये हार उसकी जिद को नहीं तोड़ सकती। ये टीम अभी बच रही है, और बचने का मतलब है लड़ना।
Harsh Malpani
6 अगस्त, 2024यार ये टीम तो बहुत अच्छी है बस थोड़ा और कंसिस्टेंट हो जाए तो बहुत बड़ा काम कर लेगी। अभिषेक का गोल तो देख के लगा जैसे वो बचपन से ही हॉकी खेल रहा हो।
Jinit Parekh
6 अगस्त, 2024हमारे खिलाड़ी अभी भी बाहरी दुनिया के बारे में सोच रहे हैं। जब तक हम अपने अंदर के भारत को नहीं जगाएंगे, तब तक कोई ओलंपिक ट्रॉफी नहीं मिलेगी। बेल्जियम की टीम के पास डॉक्टर्स, साइकोलॉजिस्ट, डेटा एनालिस्ट्स हैं। हमारे पास क्या है? एक ट्रेनर और एक फिल्मी बैकग्राउंड म्यूजिक!
Palak Agarwal
8 अगस्त, 2024अभिषेक के गोल के बाद टीम का एंगेजमेंट बढ़ गया था, लेकिन फिर वो धीरे-धीरे खो गया। शायद वो जल्दी खुश हो गए। जब तक हम जीत के बाद भी अपनी जिम्मेदारी नहीं भूलेंगे, तब तक ये गलतियां दोहराई जाएंगी।
Prabhat Tiwari
10 अगस्त, 2024हमारी टीम के खिलाफ बेल्जियम के लिए विदेशी स्पाइज़ हैं। वो लोग रातोंरात टीम के खिलाड़ियों के डायट और ट्रेनिंग का डेटा चुरा रहे हैं। ये सब एक ग्लोबल कॉन्सिरेप्सी है। श्रीजेश को बचाने के लिए उनकी ट्रेनिंग का इंटरवल बदल दिया गया होगा। हमें अपने खिलाड़ियों को बचाना होगा, न कि बाहरी लोगों को बचाना!
sri yadav
10 अगस्त, 2024ये मैच तो एक ट्रैजेडी है। अभिषेक का गोल जैसे एक कविता का पहला शब्द था... और फिर बाकी सब एक भयानक बारिश बन गया। श्रीजेश के बचाव एक अंतिम चिंगारी थे, जिन्हें कोई नहीं देख पाया। ये नहीं कि हम हार गए, ये तो कि हमारा दिल टूट गया।
Paras Chauhan
12 अगस्त, 2024मैंने देखा था जब बेल्जियम के खिलाड़ी ने अभिषेक के गोल के बाद एक दूसरे को देखा... वो जानते थे कि ये गोल उनकी योजना के खिलाफ था। ये टीम अभी भी बहुत अच्छी है, बस थोड़ा और टाइम चाहिए। अगर वो अपने आप को बदलने के लिए तैयार हैं, तो वो अगले दो मैचों में बहुत बड़ा कर सकते हैं।
Pushpendra Tripathi
14 अगस्त, 2024ये टीम क्यों नहीं बदलती? हमारे खिलाड़ी अभी भी अपने आप को निर्भर बनाए हुए हैं। श्रीजेश के बचाव अकेले किसी की जान नहीं बचा सकते। अगर बाकी टीम नहीं बदली, तो अगले मैच में भी वही गलती होगी। ये सिर्फ एक मैच नहीं, ये एक बुरा आदत है।
INDRA SOCIAL TECH
14 अगस्त, 2024हार ने बहुत कुछ सिखाया।