24 नवंबर 2025 से दक्षिण भारत के तटीय इलाकों में आसमान नीचे गिरने लगा है। भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी जारी कर दी है कि बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात सेन्यार अगले चार दिनों तक तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह को तूफानी बारिश का जल्लाद बन जाएगा। ये कोई साधारण बारिश नहीं — ये वो बारिश है जो घरों की छतें उड़ा सकती है, सड़कें बहा सकती है, और मछुआरों के नौकाओं को समुद्र के गहरे अंधेरे में ले जा सकती है।
चक्रवात सेन्यार का जन्म और बढ़ता खतरा
23 नवंबर को मलक्का स्ट्रेट के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र था — बस एक धुंधली सी छाया। लेकिन अगले दिन, 24 नवंबर, वही क्षेत्र बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक अवदाब में बदल गया। और फिर — चक्रवात सेन्यार जन्म ले चुका था। अभी यह डिप्रेशन स्टेज में है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि 25 नवंबर तक यह एक ताकतवर चक्रवात में बदल सकता है। जब तक यह तेज नहीं हो जाता, तब तक लोगों को समय मिलेगा — लेकिन वो समय बर्बाद हो रहा है।
केरल और तमिलनाडु: बारिश के दुश्मन
केरल में अब तक 22 नवंबर से लगातार गरजती बारिश चल रही है। अब इसका दायरा और बढ़ गया है। तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलपुझा, कोट्टायम, पठानमथिट्टा, इडुक्की और एर्नाकुलम — इन सात जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। यहां 24 घंटे में 7 से 11 सेमी बारिश हो सकती है। ये नंबर सुनकर लगता है जैसे कोई बारिश नहीं, बल्कि आकाश का एक बड़ा टैंक फट गया हो।
तमिलनाडु के लिए तो ये बारिश बहुत ज्यादा खतरनाक होने वाली है। 25 नवंबर को यहां 100 से 150 मिलीमीटर तक बारिश हो सकती है — जो एक दिन में पूरे अगस्त की बारिश के बराबर है। हवाएं 60 से 80 किमी/घंटा की रफ्तार से चलेंगी। ऐसी हवाएं न सिर्फ छतें उड़ाती हैं, बल्कि बिजली के खंभों को भी जड़ से उखाड़ देती हैं। लोग अब घरों में बंद हो रहे हैं। बच्चे खिड़की से बाहर देख रहे हैं — और अपने माता-पिता के चेहरे पर डर का अभिनय देख रहे हैं।
अंडमान-निकोबार: जिस जगह बारिश का अलर्ट सबसे लंबा है
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को अलर्ट 24 से 28 नवंबर तक रहेगा — सबसे लंबा समयावधि। निकोबार क्षेत्र में 24 और 25 नवंबर को बारिश चरम पर पहुंचेगी। हवाएं 30 से 35 किमी/घंटा की रफ्तार से चलेंगी। यहां के लोग जानते हैं — एक चक्रवात जितना बड़ा होता है, उतना ही वहां का समय रुक जाता है। बच्चे स्कूल नहीं जा रहे। दुकानें बंद हैं। जहाज तट पर बंधे हैं। लोग अपने घरों के ऊपर छत चढ़कर आसमान को देख रहे हैं। उनकी आंखों में एक सवाल है: क्या यह बारिश खत्म होगी?
मछुआरों को दी गई आखिरी चेतावनी
लक्षद्वीप और केरल के तटों पर भारतीय मौसम विभाग ने मछुआरों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं: 24 से 26 नवंबर तक समुद्र में न जाएं। 35 से 55 किमी/घंटा की हवाएं नावों को एक झटके में उलट सकती हैं। इस बार बचाव का अर्थ बचे रहना है। बहुत से मछुआरे अभी भी अपनी नावों को बांधे हुए हैं — न जाने क्यों। क्या वे अपने भाग्य पर भरोसा कर रहे हैं? या फिर उनके पास और कोई विकल्प नहीं है?
उत्तर भारत में भी अजीब मौसम
दक्षिण के तूफान के बीच उत्तर भारत का मौसम भी अजीब हो रहा है। 24 नवंबर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्सों में घना कोहरा छाएगा। विजिबिलिटी 50 मीटर तक गिर सकती है। ट्रेनें रुक सकती हैं। हाईवे बंद हो सकते हैं। दिल्ली में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है — जो न केवल ठंड का बच्चों के लिए खतरा है, बल्कि प्रदूषण की स्थिति को भी और बिगाड़ देगा। बिहार में रातें अचानक ठंडी हो रही हैं। हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ये सब एक ही मौसम के अलग-अलग चेहरे हैं।
क्या होगा आगे?
28 नवंबर के बाद चक्रवात सेन्यार कमजोर हो सकता है। लेकिन यह नहीं मत समझना कि खतरा खत्म हो गया। हल्की बारिश जारी रहेगी। नदियां फैली हुई हैं। जमीन भीगी हुई है। एक और बारिश की बूंद भी बाढ़ का कारण बन सकती है। अभी तक कोई नुकसान का आंकड़ा नहीं आया है — लेकिन अगले 48 घंटे में ये आंकड़े आएंगे। और तब शायद हमें पता चलेगा कि यह चक्रवात कितना बड़ा था।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
चक्रवात सेन्यार किस तरह का चक्रवात है?
चक्रवात सेन्यार अभी डिप्रेशन स्टेज में है, लेकिन 25 नवंबर तक यह गहरे अवदाब और फिर चक्रवात में बदल सकता है। इसकी अधिकतम हवाओं की गति 60-80 किमी/घंटा तक पहुंचने की संभावना है, जो इसे 'सामान्य चक्रवात' श्रेणी में रखती है। इसका असर तटीय क्षेत्रों पर अधिक होगा, खासकर तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में।
केरल में येलो अलर्ट का मतलब क्या है?
येलो अलर्ट का मतलब है कि इस क्षेत्र में भारी बारिश और तेज हवाओं की संभावना है। यहां 24 घंटे में 7-11 सेमी बारिश हो सकती है, जिससे स्थानीय बाढ़, बिजली कटौती और यातायात में अव्यवस्था हो सकती है। लोगों को घरों में रहने, बारिश से बचने और बाढ़ के लिए तैयार रहने की सलाह दी जाती है।
मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह क्यों दी गई है?
35-55 किमी/घंटा की हवाएं और 3-4 मीटर ऊंची लहरें मछुआरों की नावों के लिए घातक हो सकती हैं। इन तेज हवाओं के साथ अचानक बारिश और निम्न दबाव के कारण नावें उलट सकती हैं। अतः सुरक्षा के लिए अलर्ट जारी किया गया है — जिसका उल्लंघन जानलेवा हो सकता है।
उत्तर भारत में कोहरा और ठंड का क्या संबंध है?
उत्तर भारत में कोहरा और ठंड दोनों ठंडी हवाओं के कारण बनते हैं। जब ठंडी हवाएं जमीन के पास रुकती हैं और नमी के साथ मिलती हैं, तो कोहरा बनता है। दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यह न केवल यातायात बाधित करता है, बल्कि प्रदूषण को भी जमीन के पास फंसा देता है — जिससे श्वास संबंधी बीमारियां बढ़ती हैं।
चक्रवात के बाद बाढ़ का खतरा क्यों बना रहेगा?
24 घंटे में 100-150 मिमी बारिश के बाद जमीन जलभराव के लिए तैयार हो जाती है। अगली बारिश या यहां तक कि एक छोटी नदी का बहाव भी बाढ़ का कारण बन सकता है। नदियां पहले से ही भरी हुई हैं। नहरें बंद हैं। अगर आगे भी बारिश हुई, तो बाढ़ का खतरा बना रहेगा — यही वजह है कि अलर्ट 28 नवंबर तक चल रहा है।
क्या चक्रवात सेन्यार का नाम किसने रखा है?
चक्रवातों के नाम दक्षिण पूर्व एशिया और इंडियन ओशन रीजन के 13 देशों द्वारा एक साथ तैयार किए जाते हैं। 'सेन्यार' नाम श्रीलंका ने रखा है, जिसका अर्थ है 'पुराना या प्राचीन'। यह नाम एक प्राचीन श्रीलंकाई शब्द है, जिसका उपयोग आमतौर पर विरासत या ऐतिहासिक वस्तुओं के लिए किया जाता है।