इटली का पहला विंबलडन चैंपियन: जैनिक सिनर ने कार्लोस अल्काराज़ को हराया

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इटली का पहला विंबलडन चैंपियन: जैनिक सिनर ने कार्लोस अल्काराज़ को हराया

मैच की पृष्ठभूमि और टूर्नामेंट का माहौल

जुलाई 13, 2025 को लंदन के सेंट्र कॉर्ट में दो टॉप रैंकिंग वाले खिलाड़ी, जैनिक सिनर और कार्लोस अल्काराज़, ने एक-दूसरे का सामना किया। यह वही जोड़ी थी जिसने पाँच हफ्ते पहले पेरिस के रोलैंड गारो में क्लासिक फाइनल खेला था, जहाँ अल्काराज़ ने दो सेट्स की कमी के बावजूद सीनर को पछाड़ कर अपना दूसरा ग्रैंड स्लैम जीत लेता था। इस बार सीनर ने प्रतिशोध का इरादा रखा था, और वह इस बात को लेकर आया था कि वह अल्काराज़ की निरंतर जीत की लहर को तोड़ सके।

सेंट्र कॉर्ट की भीड़ लगभग 15,000 ट्रैफ़िक के साथ भरी हुई थी, और पूरे विश्व के टेनिस फैंस ने स्क्रीन पर इस मुकाबले को देखते हुए आँखे चमकाए रखी थीं। सीनर के लिए यह पहला विंबलडन फाइनल था, जबकि अल्काराज़ लगातार दो सालों से यहाँ ट्रॉफी बचाने की कोशिश कर रहा था।

मैच की मुख्य झलकियां और निर्णायक क्षण

मैच की मुख्य झलकियां और निर्णायक क्षण

पहला सेट अल्काराज़ ने भारी मार मारते हुए शुरू किया। उसने सीनर की फोरहैंड पर तेज़ पेस वाले शॉट्स मारते हुए रिटर्न में दबाव बनाया, और ड्रोप शॉट्स से सीनर को पीछे धकेला। सीनर 2-4 की पिच से गिरते हुए भी अल्काराज़ ने चार लगातार गेम्स जिते और सेट को 6-4 से ले कर गया।

दूसरे सेट में मोड़ आया जब अल्काराज़ ने पहले गेम में 30‑40 पर एक साधारण फोरहैंड लोंगी मार दी, जिससे सीनर को ब्रेक मैरचा मिला। यही ब्रेक सीनर को मानसिक रूप से फिर से बेतरफ़ कर दिया। उन्होंने दो सर्विस डिफेंस के साथ अपना गेम रख लिया और 6-4 से दूसरा सेट जीत लिया।

तीसरे और चौथे सेट में सीनर ने लगातार सर्विस होल्ड करके अल्काराज़ को पीछे धकेला। विशेष रूप से चौथे सेट में, सीनर ने 2-1 पर एक फैंस की शैम्पेन बॉटल फटने की वजह से हुए शोर को नजरअंदाज़ करके अपना थैटरिस्म बना रखा। अंततः सीनर ने दो मैच पॉइंट पर टेनिस बॉल को वोफ़ी में बंद कर दिया, जिससे इटली का पहला विंबलडन सिंगल्स खिताब उनका हो गया।

यह जीत अल्काराज़ की 24‑मैच की जीत की लहर को समाप्त करती है और उसे दो सालों में लगातार फ्रेंच ओपन और विंबलडन जीतने के एकमात्र ब्योर्न बर्ग के समान होने से रोकती है। यह मैच कुल तीन घंटे चार मिनट चला, जिसमें दोनों खिलाड़ियों ने कई 100 मील/घंटा से ऊपर की फोरहैंड मारें।

सिनर का वैकल्पिक रैपोर्टर ने कहा कि उन्होंने पहले के पांच मुकाबलों में अल्काराज़ को हराने की कोशिश में हार का सामना किया था, लेकिन इस बार उनका मनोबल और शारीरिक स्थिति दोहरी थी। उन्होंने अपनी सफलता को टीमवर्क, कोचिंग सत्रों और व्यक्तिगत अनुशासन को श्रेय दिया।

मैच के बाद सीनर ने कोर्ट में अपनी बाँहें ऊपर उठाकर खुशी जाहिर की, और भीड़ ने उन्हें तालियों और जयकारों से भर दिया। यह क्षण इटली के टेनिस इतिहास में सदैव के लिए अंकित रहेगा, क्योंकि पहले कभी इटली का कोई खिलाड़ी विंबलडन सिंगल्स नहीं जीत पाया था।

8 टिप्पणि

INDRA SOCIAL TECH
INDRA SOCIAL TECH
27 सितंबर, 2025

इटली का पहला विंबलडन चैंपियन होना सिर्फ एक खिलाड़ी की जीत नहीं, बल्कि एक संस्कृति की अभिव्यक्ति है। टेनिस जैसे खेल में यूरोपीय राष्ट्रों का अधिकार होना एक ऐतिहासिक असमानता का परिणाम है। सिनर की जीत इस असमानता को तोड़ने का संकेत है। अब दक्षिण एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के खिलाड़ी भी इस खेल के शीर्ष पर आ सकते हैं।

sri yadav
sri yadav
29 सितंबर, 2025

अल्काराज़ को हराना इतना महत्वपूर्ण क्यों? वो तो बस एक खिलाड़ी है, जिसने दो साल तक जीत दर्ज की। लेकिन इटली के लिए यह जीत एक राष्ट्रीय प्रतीक बन गई। ये सब राष्ट्रवाद की बेकार बातें हैं। टेनिस एक व्यक्तिगत खेल है, राष्ट्रों का इसमें क्या काम है?

Pushpendra Tripathi
Pushpendra Tripathi
30 सितंबर, 2025

तुम सब यही बात कर रहे हो कि सिनर ने अल्काराज़ को हराया, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि यह मैच फिक्स्ड था? विंबलडन के ऑर्गनाइजर्स ने अल्काराज़ को गिराने का फैसला किया क्योंकि वो बहुत जल्दी टॉप पर पहुंच गया। उसकी उम्र, उसका व्यवहार, उसकी चालाकी - सब उसे एक खतरा बना रहा था। ये नियंत्रित ड्रामा है।

Indra Mi'Raj
Indra Mi'Raj
30 सितंबर, 2025

सीनर ने जब शैम्पेन की बोतल फटी तो उसने नजरअंदाज़ कर दिया तो मैं रो पड़ी। वो बस एक खिलाड़ी नहीं था, वो एक योद्धा था। इतना दबाव, इतनी उम्मीद, और फिर भी वो अपने खेल पर ध्यान केंद्रित रहा। इटली को इसके लिए गर्व होना चाहिए। मैं अभी भी उस फाइनल शॉट को देखकर दिल धड़क रही हूँ।

Harsh Malpani
Harsh Malpani
30 सितंबर, 2025

वाह भाई! सीनर ने तो बस बाजू उठाकर दिखा दिया और दुनिया चौंक गई। इटली के लोग अब शायद बच्चों को टेनिस खिलाने लगेंगे। मैंने भी आज सुबह अपने बाप से कहा कि चलो बाग में रैकेट लेकर खेलते हैं।

Prabhat Tiwari
Prabhat Tiwari
2 अक्तूबर, 2025

ये सब फेक न्यूज़ है। विंबलडन का ट्रॉफी किसी इटलियन को नहीं दिया जाता। ये मैच एआई जेनरेटेड है। देखो इंटरनेट पर कितने लोग इसे शेयर कर रहे हैं? ये सब ट्रेंडिंग है क्योंकि ये एक ग्लोबल कॉन्स्पिरेसी है - यूरोप को अपने खिलाड़ियों को खोने की जरूरत है। अल्काराज़ को निश्चित रूप से धोखा दिया गया।

Palak Agarwal
Palak Agarwal
4 अक्तूबर, 2025

अल्काराज़ की जीत की लहर तोड़ना बहुत मुश्किल था। सीनर ने बस अपनी ताकत को सही वक्त पर इस्तेमाल किया। दूसरा सेट में वो ब्रेक बहुत बड़ा था। लेकिन सबसे ज्यादा इम्प्रेस किया उसका मानसिक बल। जब तुम दुनिया की नजरों में हो और एक बोतल फटे, तो वो भी बाहर निकल जाए - वो असली चैंपियन होता है।

Paras Chauhan
Paras Chauhan
5 अक्तूबर, 2025

इस जीत को देखकर लगता है जैसे टेनिस अब सिर्फ यूरोप का खेल नहीं रहा। सीनर की ताकत उसकी टेक्निक नहीं, बल्कि उसकी अनुशासन थी। जो लोग अल्काराज़ को बेहतर मानते हैं, वो उसकी तेज़ी को देखते हैं। लेकिन सीनर ने धीरे-धीरे, गहरे सोचकर जीत दर्ज की। ये जीत एक नए युग की शुरुआत है।

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