नई दिल्ली में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरे कार्यकाल के लिए अपनी कैबिनेट की घोषणा की, तो उसमें एक खास नाम देखा गया – किंजरापु राम मोहन नायडू। भारतीय राजनीति के इस उभरते सितारे ने सभी को चौंका दिया। 36 वर्ष की उम्र में वो केंद्रीय कैबिनेट के सबसे युवा सदस्य बने। यह एक अद्भुत अचीवमेंट है कि इतनी कम उम्र में उन्होंने यह मुकाम हासिल किया। लेकिन उनकी यात्रा इतनी आसान नहीं रही।
किंजरापु राम मोहन नायडू का जन्म एक राजनैतिक परिवार में हुआ था। उनके पिता, के येरन्ना नायडू, एक वरिष्ठ पार्टी नेता और विधायक थे। 2012 में पिता की मृत्यु के बाद उनके जीवन में बड़े परिवर्तन आए। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल में पूरी की। उसके बाद वे अमेरिका के पुरड्यू यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने गए। वहां से शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने लॉन्ग आइलैंड विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री पूरी की।
नायडू ने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद राजनीति में कदम रखा। 2014 में, 26 साल की उम्र में, उन्होंने श्रीकाकुलम से लोकसभा सीट जीती और 16वीं लोकसभा में दूसरे सबसे युवा सांसद बने। यह उनके जीवन का निर्णायक मोड़ रहा।
नायडू ने 2014 से लेकर अब तक लगातार तीन चुनाव जीते। 2024 के चुनाव में उन्होंने वाईएसआरसीपी के पी तिलक को 3.2 लाख वोटों से हराया। उन्होंने अपने प्रदर्शन से यह साबित कर दिया कि उनकी जीत केवल किस्मत का खेल नहीं थी।
उनके राजनीतिक करियर की ऊंचाई पर उस समय मुहर लग गई जब 2020 में उन्हें उत्कृष्ट सांसद के लिए संसाद रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया। विभिन्न संसदीय समितियों में उनका योगदान काफी महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने न केवल पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का विश्वास जीता बल्कि जनता में भी अपनी छवि स्थापित की।
राजनीति के अलावा, नायडू की व्यक्तिगत रुचियों में भी कई चीजें शामिल हैं। उन्हें फोटोग्राफी का शौक है और वे विभिन्न खेलों जैसे बास्केटबॉल और क्रिकेट में भी रुचि रखते हैं। अपने व्यस्त समय के बावजूद, वे हमेशा से स्वस्थ जीवनशैली को महत्व देते आए हैं।
किंजरापु राम मोहन नायडू का सफर बताता है कि जीवन में आपदाएं और कठिनाइयाँ भी अवसर ला सकती हैं। पिता की मौत ने उन्हें राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया और उन्होंने उस चुनौती को स्वीकार कर नई ऊँचाइयाँ हासिल कीं।
नायडू अब केंद्रीय मंत्री के रूप में नई जिम्मेदारियों को संभालेंगे। उनके पास युवा अपील और आधुनिक दृष्टिकोण का संयोग है, जो उन्हें भारतीय राजनीति के भविष्य के रूप में देखा जाता है।
किंजरापु राम मोहन नायडू की कहानी केवल एक नेता की नहीं है, बल्कि यह दिखाती है कि नई पीढ़ी कैसे भारतीय राजनीति को नया दिशा देने के लिए तैयार है। उनकी सफलता और समर्पण की यह गाथा अनगिनत युवाओं के लिए प्रेरणादायक है।
17 टिप्पणि
Jinit Parekh
10 जून, 2024ये लड़का सिर्फ युवा नहीं, बल्कि भारत के भविष्य का प्रतीक है। उसकी शिक्षा, उसकी लगन, उसकी निष्ठा - सब कुछ एक नए भारत की ओर इशारा करता है। अब तक जो लोग युवाओं को अनुभवहीन कहते थे, वो अपनी गलती समझ गए।
udit kumawat
12 जून, 2024ये सब बकवास है। बस उम्र कम है, और फिर इतना शोर। क्या ये असली काम कर पाएगा? नहीं।
Ankit Gupta7210
12 जून, 2024अरे भाई ये तो बस फेसबुक पर वायरल होने के लिए बनाया गया नेता है। पिता की मौत के बाद राजनीति में आया? ये तो फैमिली बिजनेस है। जो लोग इसे इन्स्पिरेशन बता रहे हैं, वो भी नहीं जानते कि भारत में राजनीति में आने के लिए कितने बैकग्राउंड चाहिए।
Drasti Patel
12 जून, 2024इस युवा मंत्री की यात्रा एक ऐतिहासिक मोड़ है। उनके पिता के निधन के बाद उन्होंने व्यक्तिगत दुख को राष्ट्रीय सेवा में बदल दिया। यह व्यक्तिगत बलिदान का एक उच्चतम रूप है। उनकी शिक्षा का स्तर, उनकी राजनीतिक निष्ठा, और उनकी सांसदीय उपलब्धियाँ - ये सभी एक नए युग की शुरुआत को दर्शाती हैं।
Shraddha Dalal
13 जून, 2024उनके पास एक अद्वितीय संयोजन है - वैश्विक शिक्षा, देशी जड़ें, और एक अंतर्निहित दर्शन जो राजनीति को सिर्फ शक्ति का खेल नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम मानता है। उनकी फोटोग्राफी की रुचि भी एक गहरा संकेत है - वे देखते हैं, न कि सिर्फ बात करते हैं। यही तो वास्तविक नेतृत्व है।
mahak bansal
15 जून, 2024अच्छा हुआ कि कोई युवा आ गया। अब तो बूढ़े नेता बस एक ही बात दोहराते रहते हैं। इस लड़के को जगह देने का फैसला सही था। अब बस उसे अवसर दें, उसे आज़ादी दें। वो खुद दिखा देगा।
Jasvir Singh
15 जून, 2024मैंने उनके एक वक्तव्य को देखा था जहाँ उन्होंने कहा था कि युवाओं को राजनीति में आने के लिए बाधाएँ नहीं, बल्कि रास्ते चाहिए। उन्होंने खुद वही किया है। असली नेता वो होता है जो नियम बदल दे, न कि उनका फायदा उठाए।
Yash FC
17 जून, 2024इसकी कहानी सिर्फ एक नेता की नहीं, एक ऐसे युवा की है जिसने अपने दर्द को देश के लिए बदल दिया। जब दुनिया तुम्हें रोकने की कोशिश करे, तो तुम उसी से ऊँचा उड़ जाना चाहिए। वो इसी को कर रहा है।
sandeep anu
18 जून, 2024भाई ये तो बस एक बात है - जब तुम युवा हो और असली इरादे रखो, तो कोई भी उम्र नहीं रोक सकता! ये लड़का भारत का नया चेहरा है। अब बस देखना है कि ये चेहरा कैसे देश को बदलता है। जय हिंद!
Shreya Ghimire
19 जून, 2024सोचो नहीं तो ये सब एक बड़ा धोखा है। उसके पिता की मौत के बाद तुरंत राजनीति में आ गए? ये तो एक नियोजित योजना है। उन्हें अमेरिका से एमबीए करवाया गया, फिर एक विधायक बनाया गया, और अब एक मंत्री बनाया जा रहा है। ये सब किसके लिए? क्या ये एक नियंत्रित चित्र है? जो लोग इसे इन्स्पिरेशन बताते हैं, वो नज़रअंदाज़ कर रहे हैं कि भारत में असली युवा नेता कहाँ हैं।
Prasanna Pattankar
20 जून, 2024अच्छा है कि अब एक युवा आ गया... जिसके पिता का नाम और वोट बैंक था। वरना तो अभी तक तुम लोग बात करते रहे हो कि युवा कहाँ हैं? अब जब एक आ गया जिसके पास बैकग्राउंड है, तो तुम उसे ही नेक्स्ट जनरेशन का नेता बना देते हो। बहुत बड़ी बात है।
Bhupender Gour
21 जून, 2024ये लड़का अच्छा है लेकिन इतना बड़ा शोर क्यों? जब तक वो एक असली नीति नहीं बनाता तब तक ये सब फ्लैशी है। और फोटोग्राफी? वाह बहुत बढ़िया। अब बस घरों में बिजली चले तो बात बनेगी।
sri yadav
21 जून, 2024क्या आपने उसके एमबीए के बारे में सोचा? लॉन्ग आइलैंड विश्वविद्यालय? वहाँ का कोई नाम नहीं है। ये तो डिग्री फैक्टरी है। और फिर इतनी बड़ी खबर? ये सब एक नियोजित प्रचार है। जनता को बहकाने के लिए।
Pushpendra Tripathi
22 जून, 2024तुम लोग उसे इन्स्पिरेशन बता रहे हो? लेकिन क्या तुमने उसके पिता के दौरान किसी भी योजना को देखा? उसके बाद ये लड़का तुरंत चुनाव लड़ा? ये तो एक बार फिर से राजनीति की बहुत बुरी आदत है - जहाँ एक व्यक्ति की मौत का फायदा उठाया जाता है।
Indra Mi'Raj
22 जून, 2024मैं तो बस यही कहूँगी कि जब एक आदमी अपने दर्द को देश के लिए बदल दे, तो उसकी यात्रा बहुत कम लोगों की होती है। उसके पास बैकग्राउंड है, लेकिन उसने अपने आप को साबित किया। उसकी जीत बस रिश्तों की नहीं, उसके दिमाग की है।
Harsh Malpani
24 जून, 2024ये लड़का अच्छा है भाई, बस थोड़ा धीरे चलो। जल्दी में बहुत गलतियाँ हो जाती हैं। उसे मौका दो, वो खुद दिखा देगा।
INDRA SOCIAL TECH
25 जून, 2024एक युवा मंत्री का आगमन एक नई उम्मीद है। उसकी शिक्षा, उसकी अनुभवहीनता, उसकी अद्भुत यात्रा - सब कुछ एक नए भारत की ओर इशारा करता है।