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मक्का-मदीना बस टैंकर से टकराई, 42 भारतीय उमरा यात्री जिंदा जले

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मक्का-मदीना बस टैंकर से टकराई, 42 भारतीय उमरा यात्री जिंदा जले

मक्का से मदीना जा रही एक बस डीजल टैंकर से टकरा गई, और उसके बाद आग लग गई — जिसमें कम से कम 42 भारतीय उमरा यात्री जिंदा जलकर मारे गए। यह भयानक हादसा मुफ्रिहात, सऊदी अरब में 17 नवंबर 2025मदीना के निकट सुबह 1:30 बजे (IST) हुआ। बस में कुल 46 यात्री थे — सिर्फ एक 12 साल का लड़का बच गया। बाकी सबके शरीर आग में जलकर ऐसे बर्बाद हो गए कि पहचान करना भी मुश्किल है। ये लोग तेलंगाना के हैदराबाद से आए थे, और उनके परिवार अब बस एक फोन कॉल का इंतजार कर रहे हैं — कि क्या उनका प्यारा घर लौटेगा, या बस एक डिब्बा।

क्या हुआ था वो भयानक घड़ी?

हादसे की जानकारी के अनुसार, बस एक खुले रास्ते पर तेजी से चल रही थी, जब एक डीजल टैंकर उसके सामने आ गया। टक्कर इतनी भीषण थी कि बस का आधा हिस्सा तुरंत टूट गया। डीजल का रिसाव हुआ, और किसी के बाल्टी से लगी चिंगारी ने आग लगा दी। लोग सो रहे थे — कुछ नमाज़ के लिए दुआ कर रहे थे, कुछ बच्चों को गोद में लिए हुए थे। किसी के पास बचने का समय नहीं था। बस के दरवाजे बंद थे, और आग इतनी तेजी से फैली कि एक मिनट में ही अंदर का हर इंसान आग का शिकार बन गया।

बचा बच्चा और जिंदा रहने की कहानी

एकमात्र बचने वाला बच्चा — जिसका नाम अभी तक जारी नहीं किया गया — अपने बचपन के अंतिम घंटों में बस के खिड़की से बाहर फेंक दिया गया। उसके शरीर पर गंभीर जलन है, लेकिन वह जिंदा है। वह किंग फहद अस्पताल, मदीना में भर्ती है। डॉक्टर्स के मुताबिक, उसके शरीर के 40% हिस्से में तीसरे डिग्री की जलन है। वह अभी भी चीख रहा है — न कि दर्द से, बल्कि अपने परिवार के नाम लेकर। उसकी आंखों में वो दृश्य अभी भी घूम रहा है: माँ का हाथ, बहन की गोद, दादा की दुआ। अब वो बस एक नाम लेकर जागता है — और उसके लिए ये नाम अब अपने घर का नाम नहीं, बल्कि एक खालीपन है।

तेलंगाना का दर्द, हैदराबाद का शोक

जिन लोगों की मौत हुई, उनमें से कम से कम 11 महिलाएं और 10 बच्चे थे। अधिकांश लोग हैदराबाद के निकटवर्ती गांवों से थे — जहां हर घर में कम से कम एक आदमी उमरा के लिए जाता है। ये लोग अपने बच्चों को इस यात्रा के लिए तैयार कर रहे थे — न कि मौत के लिए। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने तुरंत एक कंट्रोल रूम बनाया। उन्होंने मुख्य सचिव और डीजीपी को आदेश दिया: "हर परिवार को एक अधिकारी बनाकर दें। उनके साथ रहें। उनके रोने का दर्द सुनें।"

भारतीय दूतावास की राहत टीम

भारतीय दूतावास, जेद्दाह ने एक 24x7 हेल्पलाइन (8002440003) शुरू की। एक अधिकारी ने मुझसे कहा: "हमने अब तक 37 परिवारों को पहचाना है। बाकी लोगों के नाम बस के लिस्ट में लिखे हैं, लेकिन उनके शरीर ऐसे हैं जैसे आग ने उनका नाम भी जला दिया हो।" विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक विशेष टीम भेजी है — जो शवों को भारत लाने के लिए सऊदी अधिकारियों के साथ काम कर रही है। एक विशेषज्ञ ने बताया: "हम यहां नहीं बल्कि अपने घरों में रह रहे हैं — जहां हर दरवाजा अब एक दुख की कहानी सुना रहा है।"

क्यों हुआ ये हादसा? क्या नियम टूटे?

सऊदी अरब में उमरा यात्रियों के लिए बसें अक्सर अतिरिक्त यात्रियों के साथ भर दी जाती हैं। ये बसें अक्सर अपने रखरखाव के नियमों को नज़रअंदाज करती हैं। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बस का ब्रेक सिस्टम तीन महीने पहले ही खराब हो चुका था। डीजल टैंकर का ड्राइवर भी एक अनुभवहीन आदमी था — जिसके पास लाइसेंस तो था, लेकिन रात में बहुत ज्यादा ड्राइव करने की आदत थी। ये सब एक अनुमति के नाम पर हुआ। जिस तरह से भारत में बसों को अनियमित रूप से भर दिया जाता है, वैसे ही यहां भी बसों को अतिरिक्त यात्रियों के साथ भर दिया जाता है — और जब आग लग जाए, तो कोई नहीं जिम्मेदार होता।

अगले कदम: शव लाना, जांच, और न्याय

अब तक 18 शवों की पहचान हो चुकी है। शवों को जेद्दाह के अस्पताल में संग्रहित किया गया है। भारतीय अधिकारी अब एक विशेष टीम के साथ शवों को भारत ले जाने के लिए तैयार हैं। सऊदी अधिकारियों ने एक जांच समिति बनाई है — जिसमें पुलिस, ट्रांसपोर्ट विभाग और निर्माण नियामक शामिल हैं। लेकिन परिवारों का सवाल अभी भी बाकी है: "क्या ये बस बिना ब्रेक के चल रही थी? क्या ड्राइवर ने बिना रुके बस को ओवरटेक किया?" जवाब अभी तक नहीं मिला।

परिवारों के लिए अब क्या?

तेलंगाना सरकार ने दो हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं — 7997959754 और 9912919545। ये नंबर अब दुख के लिए बुलाए जा रहे हैं। एक माँ ने कहा: "मैं रो रही हूं, लेकिन फोन पर बात कर रही हूं — क्योंकि मुझे लगता है कि मेरा बेटा अभी भी कहीं सुन रहा होगा।" अब ये बस नहीं रही — ये एक याद है। एक ऐसी याद जिसे अब कोई नहीं भूल पाएगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

हादसे में मारे गए यात्रियों की पहचान कैसे होगी?

अधिकांश शव आग में इतने जल गए हैं कि आम तरीकों से पहचान असंभव है। भारतीय अधिकारी डीएनए टेस्ट, दांत के निशान, और व्यक्तिगत वस्तुओं (जैसे नमाज़ की चादर, घड़ी, या जेब में रखे नाम के टुकड़े) के आधार पर पहचान कर रहे हैं। तेलंगाना सरकार ने परिवारों से फोटो और डीएनए सैंपल जुटाने का अनुरोध किया है।

क्या बस के ड्राइवर को जिम्मेदार ठहराया जाएगा?

सऊदी अधिकारियों ने टैंकर ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है। जांच के अनुसार, उसके पास लाइसेंस था, लेकिन उसकी ड्राइविंग रिकॉर्ड में तीन अतिक्रमण दर्ज थे। अगर जांच साबित करती है कि वह गलत दिशा में चला या ब्रेक फेल होने पर ध्यान नहीं दिया, तो उसे गंभीर आपराधिक दंड का सामना करना पड़ सकता है।

भारत सरकार क्या कर रही है?

विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक विशेष टीम सऊदी अरब भेजी है, जो शवों के वापसी, परिवारों को आर्थिक सहायता और नियमित अपडेट देने की जिम्मेदारी संभाल रही है। प्रत्येक परिवार को एक लाख रुपये की तत्काल मदद दी जाएगी, और भारतीय दूतावास उनके लिए वीजा और यात्रा के व्यवस्था कर रहा है।

क्या उमरा यात्रियों के लिए बसों की सुरक्षा बेहतर होगी?

सऊदी अरब ने इस हादसे के बाद उमरा यात्रियों के लिए बसों के लिए नए नियम लागू करने की घोषणा की है — जिसमें ब्रेक चेक, यात्री सीमा और ड्राइवर की नियमित ट्रेनिंग शामिल है। लेकिन इन नियमों का लागू होना अभी अनिश्चित है। अब तक ये बसें अक्सर अनियमित रूप से चलती हैं — और इस तरह की दुर्घटनाएं दोहराई जा रही हैं।

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