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मणिपुर के जिरीबाम में एथनिक तनाव के बीच पांच लोगों की मौत

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मणिपुर के जिरीबाम में एथनिक तनाव के बीच पांच लोगों की मौत

मणिपुर के जिरीबाम जिले में शनिवार को हिंसा की एक नई लहर देखने को मिली, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई। यह घटना रात के समय शुरू हुई जब एक व्यक्ति को सोते समय गोली मार दी गई। इस हत्या के बाद दोनों समुदायों के सशस्त्र समूहों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई, जिसमें चार और लोग मारे गए। यह जानकारी पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार है।

यह घटना मणिपुर में एथनिक तनाव का एक हिस्सा है, जो मुख्य रूप से हिंदू मेइती समुदाय और ईसाई कूकी-जो आदिवासी समुदाय के बीच है। यह तनाव 3 मई से जारी है और इसने अब तक 226 से अधिक लोगों की जान ले ली है और 59,000 से अधिक लोगों को विस्थापित कर दिया है।

शुक्रवार को भी मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में एक रॉकेट लॉन्च से धमाका हुआ था जिसमें एक वृद्ध व्यक्ति की मौत हो गई थी और 13 साल की लड़की सहित छह लोग घायल हो गए थे।

सुरक्षा बलों की तैनाती और ऑपरेशन्स

इस ताजा हिंसा के बाद, पुलिस टीमों और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को हिल रेंज में तलाशी अभियान के लिए तैनात किया गया है। इस अभियान में चुराचांदपुर के मुआलसाँग और लाइका मुआलसौ गांवों में दो बंकर नष्ट किए गए। बिष्णुपुर जिले के पुलिस टीम पर कुछ संदिग्ध कूकी उग्रवादियों ने गोलीबारी की, लेकिन पुलिस टीम ने इस हमले को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया।

स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए एक सैन्य हेलीकॉप्टर का उपयोग किया जा रहा है। यह हेलीकॉप्टर हवाई गश्त के लिए तैनात किया गया है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके।

शिक्षण संस्थानों की बंदी और पब्लिक इमरजेंसी

शिक्षण संस्थानों की बंदी और पब्लिक इमरजेंसी

हिंसा के बढ़ते प्रसार को देखते हुए, मणिपुर शिक्षा विभाग ने शनिवार को सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का निर्णय लिया। इसके अलावा, 'कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटेग्रिटी' (सीओसीओएमआई) ने राज्य में अनिश्चितकालीन 'पब्लिक इमरजेंसी' घोषित की है, जो घाटी-आधारित नागरिक संस्था है।

हथियारों की चोरी और बम हमले

स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि संघर्षरत समूहों ने सरकार के शस्त्रागार से हजारों हथियार चुरा लिए हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में, इम्फाल वेस्ट की बस्तियों पर ड्रोन की मदद से कच्चे बम गिराए गए, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

इस घटना और एथनिक तनाव ने राज्य और स्थानीय प्रशासन को कड़ी चुनौतियों का सामना करा दिया है। अब देखना होगा कि सुरक्षा एजेंसियाँ और प्रशासन इन चुनौतियों से कैसे निपटते हैं और मणिपुर में सामान्य स्थिति कब तक बहाल की जा सकेगी।

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