एमपी बोर्ड परिणाम का वक्त हमेशा छात्रों और अभिभावकों के लिए टेंशन भरा रहता है, लेकिन इस बार तस्वीर थोड़ी अलग रही। MP Board Result 2025 के नतीजों ने सरकारी स्कूलों के पक्ष में ऐसी कहानी लिखी, जो शायद पहली बार खूब चर्चा में आई। मुख्यमंत्री मोहन यादव खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठकर नतीजे घोषित कर रहे थे—यह अपने आप में अनोखा था। पहली बार बोर्ड ने इतनी जल्दी रिजल्ट का ऐलान किया, जबकि पिछले सालों में अप्रैल के आखिरी या मई के मध्य तक इंतजार होता था।
कक्षा 10 का पास प्रतिशत रहा 76.22% और 12वीं का 74.48%—और ये आंकड़े बीते साल से बेहतर रहे। खास बात ये रही कि सरकारी स्कूलों ने निजी स्कूलों का रिजल्ट मामले में पीछे छोड़ दिया। एमपी बोर्ड रिजल्ट में सरकारी स्कूलों की हिस्सेदारी बढ़ना और बेहतर रिजल्ट आना सीधे तौर पर शिक्षा व्यवस्था में सुधार का इशारा देता है। शहर से लेकर गांव तक के सरकारी स्कूलों में इस साल आंकड़े अपेक्षा से बहुत आगे गए हैं।
सबसे ज्यादा सुर्खियों में रही कक्षा 10वीं की टॉपर प्रज्ञा जायसवाल, जिन्होंने पूरे 500 में 500 नंबर हासिल किए। यह न सिर्फ प्रदेश के लिए गर्व की बात है, बल्कि देशभर में इक्का-दुक्का ही ऐसे मामले आते हैं, जब कोई छात्रा सभी विषयों में पूरे नंबर लाती है। प्रज्ञा की मेहनत और परिवार का सहयोग एक आदर्श बन सकता है बाकी छात्रों के लिए।
इस साल एमपी बोर्ड रिजल्ट की घोषणा में सबसे ज्यादा फायदा छात्रों को ही हुआ। 12वीं की परीक्षाएं 25 फरवरी से 25 मार्च तक चलीं, वहीं 10वीं की परीक्षाएं 27 फरवरी से 19 मार्च तक चलीं। मतलब, महज डेढ़ महीने के भीतर ही इतने बड़े पैमाने पर उत्तरपुस्तिकाओं की जांच और रिजल्ट जारी कर दिया गया। इससे बच्चों को आगे की पढ़ाई या प्रवेश प्रक्रियाओं में देर नहीं होगी।
परिणाम देखने के लिए छात्र mpbse.nic.in और mpresults.nic.in पर जाकर रोल नंबर डाल सकते हैं। उम्मीद के मुताबिक वेबसाइट पर दस लाख से ज्यादा छात्रों ने एक साथ लॉगइन किया, जिससे कई बार पोर्टल क्रैश होने की संभावना भी रही। छात्रों की परेशानियों को देखते हुए बोर्ड ने Times of India के पोर्टल पर भी रिजल्ट देखने का विकल्प दिया है, ताकि बिना परेशानी नतीजे देखे जा सकें।
नतीजों से जुड़ी हर प्रक्रिया तेज और पारदर्शी रही। परीक्षा के डेट्स, कॉपियों की जांच, पोर्टल की सुविधा और पुनर्मूल्यांकन सबकुछ सीमित समय में हुआ, जिससे छात्रों को किसी तरह की असुविधा नहीं हुई। अब मेधावी स्टूडेंट्स के लिए आगे स्कॉलरशिप और करियर अपॉर्च्युनिटी के दरवाजे खुलेंगे। सरकारी स्कूलों का यह उन्नत प्रदर्शन बाकी राज्यों के लिए भी सीख साबित हो सकता है।
13 टिप्पणि
sandeep anu
8 मई, 2025ये रिजल्ट देखकर दिल भर गया! सरकारी स्कूलों ने अपनी धूम मचा दी। अब तो निजी स्कूलों को भी अपनी नीतियों पर फिर से सोचना पड़ेगा। बहुत बढ़िया काम किया है एमपी बोर्ड ने!
Paras Chauhan
10 मई, 2025प्रज्ञा जायसवाल की कहानी सिर्फ एक टॉपर की नहीं, बल्कि एक पूरे समाज की उम्मीद की कहानी है। जब गांव की लड़की 500/500 कर दे, तो ये सिर्फ शिक्षा की जीत नहीं, बर्बाद हो चुके विश्वास की वापसी है। 🙏
Jinit Parekh
10 मई, 2025अरे ये सब तो सिर्फ प्रचार है! पिछले 5 साल में भी ऐसे ही दावे किए गए, लेकिन असली बदलाव कहाँ हुआ? रिजल्ट में नंबर बढ़े हैं, लेकिन बच्चों की समझ कहाँ है? ये सब एक नाटक है जो चुनाव से पहले बनाया गया!
Yash FC
11 मई, 2025हर बच्चे की कहानी अलग होती है। टॉपर का जश्न तो है, लेकिन वो बच्चे जिन्होंने 40% में भी जीत ली, उनकी कहानी भी याद रखनी चाहिए। शिक्षा का मतलब सिर्फ 500/500 नहीं, बल्कि आत्मविश्वास है।
Shreya Ghimire
12 मई, 2025इस रिजल्ट के पीछे कुछ गहरा है। आपने देखा कि कितने सरकारी स्कूलों में नया शिक्षक भर्ती हुआ? क्या ये सब एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा है? शायद इसके पीछे कोई बड़ा अंतरराष्ट्रीय एजेंसी छिपी है। जब एक राज्य इतना अचानक बदल जाए, तो ये असली नहीं हो सकता।
Prasanna Pattankar
14 मई, 2025अरे भाई, ये सब तो बस एक बड़ा फेक है। जब तक बच्चे अपने घर में बिना इंटरनेट के पढ़ रहे हैं, तब तक ये रिजल्ट बस एक ट्रेंड है। असली शिक्षा तो वो है जो किताबों के बाहर होती है... और ये सब तो सिर्फ एक टेलीविजन वाली चीज है।
Bhupender Gour
14 मई, 2025बहुत बढ़िया रिजल्ट लेकिन अब ट्रेनिंग और रिसोर्सेस पर ध्यान दो वरना अगले साल फिर गिर जाएगा नंबर अच्छा नहीं लगता बस नंबर दिखाने के लिए
Ankit Gupta7210
15 मई, 2025सरकारी स्कूलों का रिजल्ट अच्छा है? अरे ये तो पहले से जाना जा रहा था कि ये सब फेक है। जिन बच्चों ने 500 में 500 किया, उनकी फोटो अलग से बनवा ली गई। असली में तो कोई नहीं है। ये सब एक बड़ा धोखा है।
sri yadav
15 मई, 2025इस रिजल्ट को देखकर मुझे याद आया कि मैंने 2018 में अपनी 12वीं दी थी। तब तो रिजल्ट 2 महीने बाद आया था। अब ये तेजी से आना बहुत अच्छा है, लेकिन अगर आप लोगों को ये लगता है कि ये सब बदल गया है, तो आप बहुत निराश होंगे। ये सिर्फ एक झलक है।
Pushpendra Tripathi
16 मई, 2025क्या आप जानते हैं कि इस रिजल्ट के बाद कितने बच्चों को अपने घर में दर्द हुआ? क्या आपने कभी सोचा कि जिन बच्चों ने 40% में भी जीत ली, उनके पास भोजन के लिए पैसे नहीं हैं? ये सब तो बस एक दिखावा है।
Indra Mi'Raj
17 मई, 2025प्रज्ञा की कहानी देखकर मेरी आँखें भर आईं। मैं भी गांव से हूँ। उसकी मेहनत और उसके परिवार का समर्थन... ये सच में दिल को छू गया। अगर हम सब इतना साथ दें, तो ये रिजल्ट सिर्फ एक शुरुआत है।
Harsh Malpani
17 मई, 2025बहुत बढ़िया बात है। अब तो बच्चों को डर नहीं लगेगा कि रिजल्ट देर से आएगा। मेरा भाई भी 10वीं दे रहा है, अब तो उसके लिए बहुत अच्छा होगा।
INDRA SOCIAL TECH
18 मई, 2025यह रिजल्ट देखकर लगता है कि शिक्षा का असली मकसद धीरे-धीरे वापस आ रहा है। नंबर नहीं, बल्कि सीखने की भावना। अगर यह रुझान बना रहा, तो भविष्य उम्मीद भरा है।