भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मुंबई में आगामी भारी बारिश और समुद्र में ऊँची लहरों का खतरा देखते हुए 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया है। शुक्रवार से ही मुंबई में शुरू हुई भारी बारिश ने शहर के कई हिस्सों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न कर दी है। सायन और अंधेरी सबवे जैसे महत्वपूर्ण इलाकों में पानी भर चुका है, जिससे यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। आईएमडी ने अगले तीन से चार घंटों में विभिन्न जगहों पर बारिश की तीव्रता बढ़ने का अनुमान व्यक्त किया है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
आईएमडी के अनुसार, शुक्रवार की सुबह से ही मुंबई में हो रही भारी बारिश के चलते शहर के कई हिस्सों में पानी भर गया है। खास तौर से सायन और अंधेरी सबवे में जलभराव की स्थिति बन चुकी है। इसके अलावा, आईएमडी ने अरब सागर में असरदार लहरों की वजह से समुद्र में ऊँची टाइड की संभावना भी जताई है। आज शाम 4:09 बजे के करीब 3.87 मीटर की ऊँची टाइड का अनुमान है। इससे न केवल मुंबई में बल्कि आसपास के इलाकों में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
आईएमडी ने ऑरेंज अलर्ट जारी करके बताया है कि मुम्बई के साथ-साथ रायगड, पुणे और सतारा जिले भी भारी बारिश से प्रभावित हो सकते हैं। यहाँ भी जुलाई 15 तक भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। इसके अलावा, पालघर, ठाणे और रत्नागिरी जिलों में भी 13 जुलाई तक व्रेष्ठतम बारिश की संभावना जताई गई है, इसके बाद अगले दो दिनों में भी भारी बारिश होने की उम्मीद है।
मुंबई में यह बारिश का समय किसी भी आम दिन के मुकाबले अधिक कठोर और मुश्किल भरा है। सोमवार को रिकॉर्ड की गई बारिश मुम्बई के इतिहास में 2019 के बाद सबसे अधिक थी, जो लगभग 300 mm थी। इस भारी बारिश के कारण मुंबई के बाकी हिस्सों में भी जलभराव हो सकता है, जिससे यातायत सुविधाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जिसमें रेल, सड़क और हवाई मार्ग शामिल हैं। अत्याधिक बारिश से सड़कों पर लंबी ट्रैफिक जाम की स्थिति बन सकती है और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है।
आईएमडी द्वारा जारी की जाने वाली ऑरेंज अलर्ट का मतलब होता है कि मौसम की स्थिति अत्यंत खराब हो सकती है, जिससे सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है और लोगों को घर में सुरक्षित रहने के लिए कहा जाता है।
मुम्बई और इसके आसपास के इलाकों में जल्द सुधार की उम्मीद है, लेकिन तब तक सभी नागरिकों को सतर्क रहना होगा। प्रशासन और सरकार के माध्यम से हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि लोगों को जलभराव और अन्य समस्याओं से तुरंत निपटा जा सके।
मुंबई में यह भारी बारिश एक बार फिर से याद दिलाती है कि कैसे हमारे शहर की ढांचागत सुविधाएँ हमारी जीवन शैलियों पर सीधा असर डालती हैं और कैसे हमें प्राकृतिक आपदाओं के समय एकजुट रहकर उनका सामना करना होता है। हम सभी को सावधानी बरतने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जाती है ताकि कठिन समय में भी सुरक्षा बनी रहे।
मौसम विभाग और स्थानीय प्रशासन की ओर से समय-समय पर मिलने वाले अपडेट्स को ध्यान में रखते हुए ही अपने दैनिक कार्यों को अंजाम दें। यदि किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति उत्पन्न होती है तो तत्काल आपातकालीन सेवाओं से संपर्क करें और जितना हो सके, सुरक्षित स्थान पर रहें।
यह महत्वपूर्ण समय है जब हम सभी को मिलकर इस चुनौती का सामना करना है। इसलिए, धैर्य बनाए रखें और अपने और अपने परिवार का ख्याल रखें।
5 टिप्पणि
INDRA SOCIAL TECH
15 जुलाई, 2024इस बारिश के बाद शहर की नियोजित बुनियादी ढांचे की अक्षमता साफ दिख गई। हर साल यही दुर्घटना दोहराई जा रही है, लेकिन कोई सीख नहीं ली जा रही। न तो ड्रेनेज सुधारा गया, न ही बाढ़ नियंत्रण के लिए कोई लंबी अवधि की योजना बनाई गई। हम सिर्फ अलर्ट देखते हैं, फिर भूल जाते हैं।
Prabhat Tiwari
16 जुलाई, 2024ये सब चीज़ें गवर्नमेंट की चालाकी हैं। वो बारिश को बढ़ावा दे रहे हैं ताकि हमें अपनी निजी जमीन छोड़ने के लिए मजबूर कर सकें। देखो ना, पहले बारिश, फिर बाढ़, फिर बर्मा और चीन के साथ बातचीत के लिए रेड ज़ोन बनाने का नाटक। ये सब एक ही राज़ के आगे आया हुआ है।
Palak Agarwal
17 जुलाई, 2024मैंने आज सुबह सायन से गुज़रते हुए देखा कि कुछ लोग अपने बच्चों को कांटे वाली बैग में लेकर पानी में चल रहे थे। बिना बूट के। बस इतना कहना चाहूंगा कि ये लोग बहुत बहादुर हैं। इन्हें असली हीरो कहना चाहिए।
Paras Chauhan
18 जुलाई, 2024इस तरह की बारिश के बाद जो भी अलर्ट जारी होता है, वो सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि एक आह्वान है। हमारी सामाजिक संरचना को एकजुट होना होगा। निजी वाहनों का उपयोग कम करना, बाढ़ के खतरे वाले क्षेत्रों से दूर रहना, और जरूरतमंदों की मदद करना - ये सब छोटे कदम हैं जो बड़ा अंतर ला सकते हैं। इस बार आप भी अपना योगदान दें।
Jinit Parekh
19 जुलाई, 2024हमारे देश में ये सब बाढ़ की बातें तो हर साल होती हैं, लेकिन किसी ने कभी बताया नहीं कि ये अमेरिका और यूरोप के खिलाफ जलवायु युद्ध का हिस्सा है। हमारे शहरों को तबाह करने के लिए उन्होंने बारिश के लिए एक नया तकनीक बना रखी है। आईएमडी भी उनके साथ मिलकर काम कर रहा है। ये जानकारी आपको किसी ने नहीं बताई होगी।