नोवाक जोकोविच, जो वर्तमान में दुनिया के नंबर 3 खिलाड़ी हैं, ने विंबलडन में अपने पहले दौर के मैच में एक दमदार जीत के साथ घुटने की चोट की चिंताओं को पूरी तरह से समाप्त कर दिया। जोकोविच ने दक्षिण कोरिया के क्वोन सून-वू को सीधे सेट्स में 6-3, 3-6, 6-3, 6-4 से हराया।
इस मुकाबले में जोकोविच ने दिखा दिया कि वे पूरी तरह से फिट हैं और किसी भी प्रकार का असहजता नहीं महसूस कर रहे हैं। उन्हें चोट की वजह से अभ्यास सत्र छोड़ना पड़ा था, लेकिन मैच के दौरान उन्होंने पूरी आजादी से कोर्ट पर दौड़ते हुए सटीक शॉट्स मारे।
जोकोविच ने इस मुकाबले को 2 घंटे और 27 मिनट में निपटाया। इस जीत के साथ ही उन्होंने अपनी फिटनेस के बारे में उठ रही सभी शंकाओं को दूर कर दिया। जोकोविच का यह प्रदर्शन सिर्फ जीत के रूप में नहीं, बल्कि 80वीं जीत के रूप में भी ऐतिहासिक था।
जोकोविच विंबलडन में अपनी 21वीं ग्रैंड स्लैम जीत की तलाश में हैं। उन्होंने मुकाबले में 82% पहली सर्व पॉइंट्स जीते और 31 विजयी शॉट्स मारे। उनके इस प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया कि वे आने वाले मैचों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
जोकोविच का अगला मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के थानासी कोक्किनाकिस के साथ होगा। यह एक और चुनौतीपूर्ण मैच होगा, लेकिन जोकोविच के इस प्रदर्शन ने उनके समर्थकों को उम्मीद दी है कि वे इस टूर्नामेंट में आगे भी इसी अंदाज में खेलेंगे।
जोकोविच अगर यह विंबलडन खिताब जीतते हैं, तो वे पहली बार चार लगातार खिताब जीतने वाले खिलाड़ी बन जाएंगे। 1960 के दशक में रॉड लेवर के बाद यह किसी खिलाड़ी के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। जोकोविच ने पिछले कुछ वर्षो में अपनी प्रतिभा और कौशल से यह साबित कर दिया है कि वे इस मुकाम को हासिल करने की ताकत रखते हैं।
जोकोविच विंबलडन में अपने सातवें खिताब की तलाश में हैं। यह खिताब उनके करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, क्योंकि इससे वे सभी समय के महान खिलाड़ियों में शामिल हो जाएंगे।
खास बात यह है कि जोकोविच ने अपने करियर में कई बड़े मुकाबले खेले हैं और उनकी यह जीत उनके आत्मविश्वास को और भी बढ़ाएगी। वह अपने खेल के ऊंचाईयों पर पहुंचने के लिए सब कुछ कर रहे हैं और इस मुकाबले में उनका प्रदर्शन इस बात का प्रमाण है।
जोकोविच के इस जीत ने उन्हें और उनके समर्थकों को आने वाले मैचों के लिए उत्साहित कर दिया है। अब जब उन्होंने अपनी फिटनेस की सभी चिंताओं को दूर कर दिया है, वे पूरी ताजगी और आत्मविश्वास के साथ मैदान में उतरेंगे।
जोकोविच का लक्ष्य सिर्फ विंबलडन खिताब जीतना नहीं है, बल्कि अपनी करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक को हासिल करना भी है। वे अपनी सभी तैयारियों को अमल में लाने और अपने सर्वोत्तम प्रदर्शन के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उनकी यह योजना है कि वे हर मुकाबले में अपने प्रदर्शन को और निखारेंगे और अंतिम क्षणों तक संघर्ष करेंगे। उनके समर्थकों को उम्मीद है कि वे इस टूर्नामेंट में शानदार खेल का प्रदर्शन करेंगे और एक और ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम करेंगे।
जोकोविच की यात्रा अभी भी जारी है और यह जीत उनके इस सफर में एक अहम पड़ाव है।
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