पेरिस ओलंपिक 2024 की तैयारियाँ जोरशोर से चल रही हैं और इस बीच भारतीय तीरंदाजी टीमों ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया है। भारतीय महिला तीरंदाजी टीम ने रैंकिंग राउंड में चौथा स्थान प्राप्त किया है। टीम में अंकिता भकत, भजन कौर, और दीपिका कुमारी शामिल थीं। इनका कुल स्कोर 1,983 रहा जिसने उन्हें क्वार्टर-फाइनल में सीधा प्रवेश दिला दिया।
भारतीय महिला टीम ने अपनी दृढ़ता और कौशल का शानदार प्रदर्शन किया। अंकिता भकत ने व्यक्तिगत रैंकिंग राउंड में 666/720 का बेहतरीन स्कोर किया और 11वें स्थान पर रहीं। यह इस सीजन का उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा। भजन कौर और दीपिका कुमारी ने क्रमशः 22वें और 23वें स्थानों पर रहते हुए अपनी शानदार फॉर्म दिखाई। इन अद्वितीय प्रदर्शनों ने टीम को आत्मविश्वास से भर दिया है।
भारतीय पुरुष तीरंदाजी टीम ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए रैंकिंग राउंड में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। धीरज बम्मदेवरा, तरुणदीप राय, और प्रवीण जाधव की टीम ने 2,013 का संयुक्त स्कोर किया और क्वार्टर-फाइनल के लिए सीधे क्वालीफाई किया। धीरज बम्मदेवरा ने व्यक्तिगत रैंकिंग राउंड में 681/720 का स्कोर करते हुए चौथा स्थान प्राप्त किया। इन परिणामों ने भारतीय तीरंदाजी के भविष्य के लिए उम्मीदें बढ़ा दी हैं।
भारतीय तीरंदाजी टीम ने मिक्स्ड टीम इवेंट में भी अद्वितीय प्रदर्शन किया। अंकिता भकत और धीरज बम्मदेवरा की जोड़ी ने कुल मिलाकर 1347 का स्कोर किया और पाँचवां स्थान प्राप्त किया। मिक्स्ड टीम इवेंट में यह एक बड़ी उपलब्धि है और इससे भारतीय टीम को अतिरिक्त आत्मविश्वास मिला है।
ओलंपिक खेलों की शुरुआत 28 जुलाई से होगी और यह प्रतिस्पर्धाएँ 4 अगस्त तक चलेंगी। भारतीय तीरंदाजी टीम का यह प्रदर्शन भारतीय खेलप्रेमियों के लिए गर्व का विषय है और उनसे काफी उम्मीदें हैं। इस बार के ओलंपिक में भारतीय तीरंदाजी टीम से पदक की उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं।
तीरंदाजी खेल न सिर्फ निशानेबाजी का खेल है बल्कि इसमें मानसिक संतुलन और धैर्य की भी जरुरत होती है। भारतीय तीरंदाजों ने इन सभी गुणों का प्रदर्शन किया है और अपनी मेहनत और संयम से इस मुकाम तक पहुंचे हैं। उनकी यह यात्रा बहुत ही प्रेरणादायक और प्रभावशाली रही है और आने वाले समय में उनके प्रदर्शन से और भी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय तीरंदाजी टीम किस प्रकार से अपनी तैयारी को विश्वस्तर पर प्रदर्शित करती है। यह समय है जब हमारे तीरंदाज अपनी मेहनत और कौशल को पूरी दुनिया के सामने लाएंगे और देश का नाम रोशन करेंगे।
ओलंपिक खेलों में भारतीय तीरंदाजी टीम का शुभारंभ बहुत ही शानदार रहा है। टीम की इस सफलता का श्रेय कोचों, सहयोगियों और पूरे टीम प्रबंधन को जाता है जिन्होंने खिलाड़ियों को सर्वोत्तम तैयारी का मौका दिया है। उम्मीद है कि यह टीम इस बार इतिहास रचकर अपने देशवासियों को गर्वित करेगी।
13 टिप्पणि
Harsh Malpani
26 जुलाई, 2024बहुत बढ़िया किया भारतीय टीम ने! तीरंदाजी में हमारे खिलाड़ी अब दुनिया के टॉप में हैं। दीपिका तो हमेशा से बहुत अच्छी रही हैं, अंकिता और धीरज ने भी बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। अब पदक की उम्मीद है।
INDRA SOCIAL TECH
26 जुलाई, 2024तीरंदाजी एक ऐसा खेल है जहाँ शारीरिक शक्ति से ज्यादा मानसिक स्थिरता की आवश्यकता होती है। यह खेल वास्तव में मानव अंतर्निहित शक्ति का प्रतीक है। भारतीय खिलाड़ियों ने इस अर्थ में अद्वितीय प्रदर्शन किया है।
Prabhat Tiwari
27 जुलाई, 2024अरे भाई, ये सब फेक है न? अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने इन्हें रैंकिंग में आगे बढ़ने दिया ताकि हमारे देश को लोकप्रियता मिले। वो तो जानते हैं हम लोग अपने खिलाड़ियों को बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव देते हैं। इनका स्कोर फिक्स है।
Palak Agarwal
29 जुलाई, 2024अंकिता का 666 और धीरज का 681 तो बहुत बड़ी बात है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि हम इतने नजदीक जाएंगे। अब बस एक बार फाइनल में जाना है। कोचों का भी बहुत बड़ा योगदान है।
Jinit Parekh
30 जुलाई, 2024हमारे तीरंदाजों ने अब तक जो किया है, वो बहुत बड़ी उपलब्धि है। अगर ये पदक नहीं लाएंगे तो ये राष्ट्रीय अपराध होगा। इन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार देना चाहिए। ये खिलाड़ी अब हमारे देश के प्रतीक हैं।
udit kumawat
1 अगस्त, 2024अच्छा हुआ, लेकिन फिर भी... इतना ज्यादा बड़ा जश्न क्यों? अगर ये लोग टॉप 3 में नहीं आए तो क्या होगा? ये सब अभी तो बस रैंकिंग राउंड है। बहुत जल्दबाजी मत करो।
Ankit Gupta7210
1 अगस्त, 2024पदक की उम्मीद? अरे भाई, जब तक हमारे खिलाड़ी दक्षिण कोरिया के खिलाफ नहीं लड़ते, तब तक ये सब बकवास है। वो तो हमेशा से चीट करते हैं। ये सब रैंकिंग बाहरी दबाव से आई है।
Yash FC
2 अगस्त, 2024इन खिलाड़ियों की यात्रा देखकर लगता है कि सफलता कोई एक दिन की बात नहीं होती। ये दिन-रात अभ्यास करते हैं, शांति बनाए रखते हैं, और अपने अंदर की आवाज़ को सुनते हैं। ये खेल सिर्फ तीर चलाने का नहीं, बल्कि आत्म-जागरूकता का है।
sandeep anu
2 अगस्त, 2024ये तो बहुत बड़ी बात है भाई! मैंने तो आज सुबह उठकर ये खबर देखकर गाना बजा दिया! दीपिका ने जो किया, वो तो बस अद्भुत था! भारत जिंदाबाद! ये टीम दुनिया को दिखाएगी कि हम क्या कर सकते हैं!
Shreya Ghimire
3 अगस्त, 2024ये सब प्रदर्शन तो बहुत अच्छा लग रहा है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये खिलाड़ी कितने दबाव में हैं? राष्ट्र का नाम लेकर उन पर बोझ डाल दिया गया है। और फिर अगर वो एक तीर भी गलत चला दें तो लोग उन्हें गाली देंगे। ये खेल तो अब एक राष्ट्रीय अभियान बन गया है।
Prasanna Pattankar
5 अगस्त, 2024अच्छा हुआ... अच्छा हुआ... बहुत अच्छा हुआ... जब तक ये लोग नहीं जीतते, तब तक ये सब बस एक खेल है। अब तक जो किया है, वो तो बस एक गर्मी का तापमान है। अगर फाइनल में फेल हो गए तो क्या कहोगे? अब तक का जश्न बस एक अल्पकालिक आत्म-संतुष्टि है।
Bhupender Gour
6 अगस्त, 2024पदक चाहिए नहीं तो भी बहुत बढ़िया हुआ अब तक का प्रदर्शन देखकर लग रहा है हम बहुत आगे आ गए हैं बस एक बार फाइनल में जाना है
sri yadav
8 अगस्त, 2024मैं तो ये कहूंगी कि ये सब बहुत बड़ी बात नहीं है। जब तक हमारे खिलाड़ी ओलंपिक गोल्ड मेडल नहीं जीत लेते, तब तक ये सब बस एक शो है। और ये लोग जिन्होंने ये सब लिखा, वो शायद खुद कभी तीर नहीं चलाए होंगे। ये सब बस एक राष्ट्रीय भावना का नाटक है।