पुर्तगाल के डिफेंडर पेपे ने आखिरकार 41 साल की उम्र में पेशेवर फुटबॉल से संन्यास की घोषणा कर दी। उनकी इस घोषणा ने फुटबॉल प्रेमियों के दिलों में एक खला-सा पैदा कर दिया है। यूरो 2024 में उनका आखिरी मैच था, जिसमें पुर्तगाल को फ्रांस से पेनल्टी शूटआउट में हार का सामना करना पड़ा।
पेपे का करियर किसी प्रेरणा से कम नहीं रहा। उन्होंने फुटबॉल जगत में बेहतरीन प्रदर्शन किया और 141 कैप हासिल किए, जो पुर्तगाल की राष्ट्रीय टीम में तीसरा सबसे ऊंचा आंकड़ा है। उनसे आगे केवल क्रिस्टियानो रोनाल्डो (211) और जोआओ मोउटिन्हो (146) हैं।
पेपे ने अपने शानदार करियर के दौरान 10 सीजन रियल मैड्रिड के साथ बिताए। इस दौरान उन्होंने तीन ला लीगा खिताब और तीन चैंपियंस लीग ट्रॉफी जीतीं। इसके अलावा, उन्होंने दो फीफा क्लब वर्ल्ड कप भी अपने नाम किए।
रियल मैड्रिड में पेपे का योगदान न केवल मैदान पर था, बल्कि उन्होंने टीम के अंदर भी एक मजबूत नेतृत्व का परिचय दिया। उनकी डिफेंसिव स्किल्स और उनके कभी न हार मानने वाले जज़्बे ने उन्हें एक अभूतपूर्व खिलाड़ी बना दिया।
रियल मैड्रिड के अलावा, पेपे ने पोर्टो क्लब में भी अपने करियर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बिताया। उन्होंने पोर्टो के साथ दो अलग-अलग मौकों पर खेला और चार प्रीमिएरा लीगा खिताब जीते। उनके नेतृत्व में पोर्टो ने कई महत्वपूर्ण मैच जीते और उन्होंने अपनी टीम को कई बार मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकाला।
पेपे का करियर कई यादगार पलों से भरा रहा, लेकिन 2016 यूरोपीय चैंपियनशिप का फाइनल मैच सबसे खास था। उस मैच में पुर्तगाल ने फ्रांस को 1-0 से हराकर खिताब जीता था। पेपे की उस मैच में विशेष भूमिका रही थी, जिन्होंने अपनी बेहतरीन डिफेंसिव स्किल्स से टीम की जीत सुनिश्चित की।
पेपे की संन्यास की खबर पर उनके साथी खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी। रोनाल्डो ने उनके साथ बिताए गए यादगार पलों को साझा किया और उनकी उत्कृष्टता और समर्पण की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि पेपे के साथ खेलना हमेशा गर्व की बात रही और उनके साथ बिताए पल अविस्मरणीय हैं।
पेपे की संन्यास की घोषणा पर फुटबॉल प्रेमी और उनके साथी खिलाड़ी भावुक हो गए। सोशल मीडिया पर उनके फैन्स ने उनको याद किया और उनके बेहतरीन करियर के लिए उनकी सराहना की। पेपे ने खुद अपनी संन्यास की घोषणा सोशल मीडिया पर की, जिसमें उन्होंने अपने करियर के हर उस व्यक्ति का शुक्रिया अदा किया जिसने उनका साथ दिया।
पेपे का फुटबॉल से संन्यास न केवल एक खिलाड़ी के करियर का अंत है, बल्कि एक युग के समाप्त होने जैसा है। उन्होंने अपने पूरे करियर में जो कड़ी मेहनत और समर्पण दिखाया, वह हमेशा याद रखा जाएगा। पेपे की कहानी नई पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत होगी और वो फुटबॉल के पन्नों में हमेशा के लिए जीवित रहेंगे।
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