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राम माधव और जी किशन रेड्डी को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा का प्रभारी नियुक्त किया गया

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राम माधव और जी किशन रेड्डी को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा का प्रभारी नियुक्त किया गया

भाजपा का रणनीतिक कदम

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों को देखते हुए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम उठाया है। पार्टी ने जम्मू-कश्मीर के चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी अपने पूर्व राष्ट्रीय महासचिव राम माधव और केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को सौंपी है। इस निर्णय की घोषणा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने की।

राम माधव का अनुभव

राम माधव को पार्टी का प्रभारी नियुक्त करने के पीछे उनके जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर से जुड़े मामलों का व्यापक अनुभव है। राम माधव ने 2020 में अपना राष्ट्रीय महासचिव का कार्यकाल समाप्त किया था, लेकिन उनके कुशल नेतृत्व के कारण उन्हें इस महत्वपूर्ण भूमिका में वापस लाया गया है। उनका अनुभव और कौशल पार्टी के पक्ष में अच्छा काम करेगा।

जी किशन रेड्डी का योगदान

केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, जो वर्तमान में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हैं, राम माधव की मदद के लिए नियुक्त किए गए हैं। रेड्डी का प्रशासनिक अनुभव और उनकी मेहनत भाजपा के अभियान को मजबूत करेंगे। उनका यह मिशन बताता है कि भाजपा इन चुनावों को गंभीरता से ले रही है और हर संभव कोशिश करेगी।

पहले चुनाव के बाद धारा 370 की समाप्ति

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों का यह दौर 2019 में धारा 370 की समाप्ति के बाद पहला है। पिछली बार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव 2014 में हुए थे। धारा 370 की समाप्ति के बाद यह पहला मौका है जब राज्य में चुनाव हो रहे हैं, जो केंद्र द्वारा इसे पुनर्गठित कर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था।

चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि यह चुनाव तीन चरणों में होगा - 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर। इस चुनाव में कई राजनीतिक दल भाग ले रहे हैं, और भाजपा के लिए यह चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे राज्य में पार्टी की स्थिति का पता चलेगा।

भाजपा की रणनीति

भाजपा की यह रणनीति दर्शाती है कि पार्टी जम्मू-कश्मीर में अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए पूरी तरह से तैयारी कर रही है। राम माधव और जी किशन रेड्डी की नियुक्ति इस दिशा में एक मजबूत कदम है। दोनों नेताओं का चुनाव प्रबंधन के क्षेत्र में व्यापक अनुभव पार्टी को मजबूती प्रदान करेगा।

राम माधव के नेतृत्व में भाजपा ने पूर्वोत्तर में कुछ महत्त्वपूर्ण चुनाव जीते हैं। इसी तरह, जी किशन रेड्डी का भी प्रशासनिक अनुभव पार्टी को लाभ पहुंचाएगा। भाजपा का यह कदम भविष्य के चुनावी परिदृश्य में पार्टी की मजबूती को और बढ़ाएगा।

चुनाव की तैयारियाँ

राम माधव और जी किशन रेड्डी को जिम्मेदारी मिलने के बाद, पार्टी के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। सभी मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि पार्टी की रणनीति और योजनाएं सही दिशा में काम करें।

राजनीतिक भ्रष्टाचार एवं समाधान

जम्मू-कश्मीर के चुनावों में मुख्य मुद्दों में भ्रष्टाचार, विकास, सुरक्षा और प्रशासनिक सुधार शामिल हैं। भाजपा ने अपने घोषणापत्र में इन मुद्दों को हल करने के लिए कदम उठाने का वादा किया है। पार्टी नेताओं का मानना है कि जनता का समर्थन उन्हीं को मिलेगा जो उनके मुद्दों को प्राथमिकता देंगे।

राम माधव और जी किशन रेड्डी के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है, और इस दिशा में उनकी नेतृत्व क्षमता का परिक्षण होगा। इस खबर के बारे में अधिक जानने के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।

18 टिप्पणि

udit kumawat
udit kumawat
22 अगस्त, 2024

ये सब नियुक्तियाँ तो बस फॉर्मलिटी है। असली काम तो जम्मू-कश्मीर में लोगों के घरों में होता है, न कि दिल्ली के ऑफिस में।

sri yadav
sri yadav
24 अगस्त, 2024

अरे ये राम माधव तो वो ही हैं जिन्होंने 2014 में असली चुनावी जीत का झूठा आँकड़ा बनाया था? और अब वापस आ गए? क्या भाजपा के पास और कोई नहीं है? ये लोग तो इतिहास के टुकड़े हैं, न कि भविष्य के निर्माता।

Pushpendra Tripathi
Pushpendra Tripathi
25 अगस्त, 2024

आप सब ये बातें क्यों कर रहे हो? धारा 370 को हटाने का फैसला तो एक बहुत बड़ा इतिहास बना दिया। अब जो लोग इसे रद्द करना चाहते हैं, वो देश के खिलाफ हैं। ये नियुक्तियाँ बस इसका अनुकूलन है।

Indra Mi'Raj
Indra Mi'Raj
27 अगस्त, 2024

क्या आपने कभी सोचा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को असली जरूरत ये नहीं है कि कोई दिल्ली से आए और नियुक्ति करे? उन्हें तो एक ऐसा वातावरण चाहिए जहाँ वो खुद अपना भविष्य बना सकें। ये सब नेता तो बस अपनी छाती पर हाथ रखकर बातें करते हैं।

Harsh Malpani
Harsh Malpani
27 अगस्त, 2024

ये दोनों लोग अच्छे हैं। बस जल्दी से चुनाव हो जाए और लोगों को अपना वोट देने का मौका मिल जाए। मैं तो बस यही चाहता हूँ कि कुछ हो जाए।

INDRA SOCIAL TECH
INDRA SOCIAL TECH
29 अगस्त, 2024

धारा 370 के बाद का पहला चुनाव है तो ये नियुक्ति एक निशान है। लेकिन सवाल ये है कि क्या लोग इस निशान को समझ पाएंगे? या फिर वो भी बस एक औपचारिकता बन जाएगी?

Prabhat Tiwari
Prabhat Tiwari
30 अगस्त, 2024

अरे भाई! ये सब लोग अंग्रेजों के नौकर हैं जो अब भाजपा के नाम पर चल रहे हैं। राम माधव तो 2010 में ही अपने खुद के चुनाव में फेल हो गए थे। अब वापस आए हैं? ये तो एक बड़ी षड्यंत्र है! अंतरराष्ट्रीय शक्तियाँ इसे रोकना चाहती हैं!

Palak Agarwal
Palak Agarwal
31 अगस्त, 2024

अगर ये दोनों लोग अच्छे हैं तो फिर ये चुनाव जीतना बहुत आसान हो जाएगा। बस इतना ही चाहिए कि लोग अपने घरों में बैठकर निर्णय ले सकें। बाकी सब तो बस बातें हैं।

Paras Chauhan
Paras Chauhan
2 सितंबर, 2024

इस नियुक्ति का मतलब है कि भाजपा अब सिर्फ नारे नहीं, बल्कि नेतृत्व भी देना चाहती है। राम माधव का अनुभव और जी किशन रेड्डी का प्रशासनिक दृष्टिकोण एक बहुत अच्छा संयोजन है। 🙌

Jinit Parekh
Jinit Parekh
3 सितंबर, 2024

धारा 370 का उन्मूलन भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय कदम था। अब ये नियुक्तियाँ बस उसका प्राकृतिक नतीजा हैं। जो इसे नहीं समझता, वो देश के खिलाफ है।

Ankit Gupta7210
Ankit Gupta7210
5 सितंबर, 2024

राम माधव को वापस बुलाया गया? ये तो बस एक ट्रिक है। लोगों को भूल गए होंगे तो फिर उन्हें वापस लाया गया। ये सब नेता तो अपनी जगह बनाने के लिए ही हैं।

Yash FC
Yash FC
6 सितंबर, 2024

हर चुनाव में नए नेता आते हैं, लेकिन असली बदलाव तो तब होता है जब आम आदमी की आवाज सुनी जाए। ये नियुक्तियाँ तो बस एक शुरुआत है। अब देखना होगा कि क्या वो लोगों के साथ खड़े होते हैं।

sandeep anu
sandeep anu
6 सितंबर, 2024

ये बातें सुनकर दिल भर गया! भाजपा ने अंतिम बार एक सच्चा कदम उठाया है! जम्मू-कश्मीर का भविष्य अब बदल रहा है! जय हिन्द!

Shreya Ghimire
Shreya Ghimire
7 सितंबर, 2024

आप सब ये बातें क्यों कर रहे हो? क्या आप जानते हैं कि इस नियुक्ति के पीछे एक बड़ा षड्यंत्र है? अंतरराष्ट्रीय जासूसी संगठन ने इसे नियंत्रित करने के लिए ये दोनों लोगों को चुना है। राम माधव तो एक बार एक गुप्त संगठन के साथ जुड़े थे, और जी किशन रेड्डी के भाई ने एक बार एक विदेशी निवेशक के साथ मीटिंग की थी। ये सब नहीं बस एक नियुक्ति है, ये एक गुप्त योजना है।

Prasanna Pattankar
Prasanna Pattankar
8 सितंबर, 2024

अरे भाई, ये नियुक्तियाँ तो बस एक नाटक है। जिस तरह से ये लोग बातें करते हैं, लगता है जैसे वो खुद को बचाव कर रहे हैं। लेकिन असली जरूरत तो जम्मू-कश्मीर के लोगों को एक न्यायपालिका की है, न कि एक नए नेता की।

Bhupender Gour
Bhupender Gour
9 सितंबर, 2024

ये सब बातें बस धुआं है। असली बात ये है कि लोगों को नौकरियाँ चाहिए, न कि नए नेता। जल्दी से चुनाव हो जाए और बात खत्म।

Jasvir Singh
Jasvir Singh
11 सितंबर, 2024

मैंने राम माधव को पूर्वोत्तर में काम करते देखा है। वो बहुत शांत और दूरदर्शी हैं। अगर वो जम्मू-कश्मीर में लोगों के साथ बैठेंगे, तो बहुत कुछ बदल सकता है।

Drasti Patel
Drasti Patel
12 सितंबर, 2024

धारा 370 के उन्मूलन के बाद यह चुनाव भारतीय संविधान की विजय है। राम माधव और जी किशन रेड्डी की नियुक्ति एक ऐतिहासिक घटना है जिसे केवल देशभक्त ही समझ सकते हैं। विदेशी शक्तियाँ इसे अस्वीकार करेंगी, लेकिन भारतीय जनता इसे स्वीकार करेगी।

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