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रामदास अठावले के लिए डोनाल्ड ट्रम्प की जीत का व्यक्तिगत महत्व: 'हम दोनों रिपब्लिकन हैं'

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रामदास अठावले के लिए डोनाल्ड ट्रम्प की जीत का व्यक्तिगत महत्व: 'हम दोनों रिपब्लिकन हैं'

डोनाल्ड ट्रम्प की जीत पर रामदास अठावले का दृष्टिकोण

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की विजय केंद्र सरकार के एक मंत्री रामदास अठावले के लिए महत्त्वपूर्ण है। वह मानते हैं कि ट्रम्प की जीत उनकी व्यक्तिगत जीत के समान है। इसका कारण है कि जहाँ ट्रम्प अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य हैं, वहीं अठावले की पार्टी का नाम भी रिपब्लिकन पार्टी है। ऐसे में अठावले की खुशी उनके बयान में झलकती है।

रामदास अठावले मानते हैं कि भारतीय-अमेरिकी नागरिकों ने ट्रम्प को राष्ट्रपति बनवाने में अहम भूमिका निभाई है। उनका कहना है कि 'डोनाल्ड ट्रम्प रिपब्लिकन पार्टी से हैं और मेरी पार्टी का नाम भी रिपब्लिकन पार्टी है, इसलिए मैं बहुत खुश हूँ।' अठावले ने ट्रम्प को एक बड़ा नेता माना है और भारतीय लोगों की वोट से उनके चुनाव की जीत का जिक्र किया है।

पार्टी आधारित तुलना और प्रतिक्रिया

रामदास अठावले ने इससे पहले 2020 में हुई कैपिटल हिल घटना के समय भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने ट्रम्प की आलोचना की थी जब उनके समर्थकों ने सत्ता परिवर्तन से पहले लोकतंत्र के लिए हानिकारक कदम उठाए थे। अठावले ने कहा था कि 'ट्रम्प ने जो किया वह लोकतंत्र के लिए हानिकारक है, और इस कारण वे रिपब्लिकन कहलाने का अधिकार खो चुके हैं।'

ट्रम्प की वापसी और नया दृष्टिकोण

ट्रम्प की वापसी और नया दृष्टिकोण

ट्रम्प की व्हाइट हाउस में वापसी के साथ, अब अठावले इस घटना को एक अलग नजरिए से देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर भारतीय मूल की कमला हैरिस व्हाइट हाउस में होतीं तो वह भी अच्छा होता, लेकिन ट्रम्प का आना भी बुरा नहीं है। अठावले ने कहा कि ट्रम्प का बांग्लादेशी हिन्दुओं के लिए समर्थन और प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनका अच्छा संबंध दोनों देशों के रिश्तों में एक नया दौर लाएगी।

प्रधानमंत्री मोदी और ट्रम्प की मित्रता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्रम्प की ऐतिहासिक जीत पर पहले विश्व नेताओं में से एक के रूप में बधाई दी। मोदी ने अपनी 'मित्रता' को नवीनतम उपलब्धियों के साथ बढ़ाने की इच्छा जाहिर की, ताकि भारत-अमेरिका की साझेदारी को मजबूत किया जा सके। उन्होंने ट्रम्प से वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने ट्रम्प से आग्रह किया है ताकि चल रहे मध्य पूर्व संकट और रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान हो सके।

रामदास अठावले के दृष्टिकोण से ट्रम्प और भारतीय प्रधानमंत्री के बीच संबंध जन्मजात दोस्ती से कहीं अधिक है। उनका मानना है कि यह संबंध न केवल दो देशों की राजनीति पर असर डालेगा, बल्कि सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को भी मजबूत करेगा।

11 टिप्पणि

udit kumawat
udit kumawat
7 नवंबर, 2024

ये क्या बात है? अमेरिका की पार्टी और भारत की पार्टी दोनों का नाम रिपब्लिकन? ये तो बिल्कुल गलत तुलना है। अठावले को राजनीति समझने की जरूरत है, न कि नामों पर खुश होने की।

sri yadav
sri yadav
8 नवंबर, 2024

अठावले ने जो कहा, वो एक शानदार बयान है। लोग तो इतिहास भूल गए कि ट्रम्प ने 2020 में क्या किया था। अब वो वापस आ गए, तो सब कुछ ठीक हो गया? ये तो बस एक नरम नाराजगी है जिसे वो अपनी व्यक्तिगत जीत बना रहे हैं।

Pushpendra Tripathi
Pushpendra Tripathi
10 नवंबर, 2024

इस बयान का सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया नाम की कोई पार्टी ही नहीं है। अठावले या तो बेहद अनभिज्ञ हैं या फिर जानबूझकर भ्रम पैदा कर रहे हैं। ये तो राजनीति की अंधविश्वासी बातें हैं।

Indra Mi'Raj
Indra Mi'Raj
10 नवंबर, 2024

क्या आपने कभी सोचा कि ट्रम्प की जीत अमेरिकी नागरिकों के लिए है, न कि किसी भारतीय मंत्री के लिए? हम अपने देश की बात करें, तो भी नहीं कर पाते। अब अमेरिका की चुनाव जीत पर खुश होने लगे हैं? ये तो बस एक भावनात्मक अनुकरण है।

Harsh Malpani
Harsh Malpani
11 नवंबर, 2024

अच्छा हुआ कि ट्रम्प वापस आ गए। अब भारत और अमेरिका के बीच बिजनेस बढ़ेगा। मोदी जी के साथ उनका अच्छा रिश्ता है, तो बहुत अच्छी बात है। जल्दी से निवेश आएगा, नौकरियां बनेंगी। जय हिंद!

INDRA SOCIAL TECH
INDRA SOCIAL TECH
11 नवंबर, 2024

क्या हम राजनीति को व्यक्तिगत खुशी के साथ जोड़ रहे हैं? ट्रम्प की नीतियां भारतीय नागरिकों के लिए कैसे फायदेमंद हैं? ये सवाल तो किसी ने नहीं पूछा। बस नाम सुनकर खुश हो गए।

Prabhat Tiwari
Prabhat Tiwari
12 नवंबर, 2024

ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है। अमेरिका में भारतीय लोगों को बाहर निकालने की योजना है। ट्रम्प ने अभी तक इसे नहीं बताया, लेकिन वो करेगा। अठावले भी इसी चक्र में फंस गए हैं। भारत की तरफ से कोई बयान नहीं आया? ये तो देशद्रोह है।

Palak Agarwal
Palak Agarwal
14 नवंबर, 2024

अगर ट्रम्प और मोदी जी का रिश्ता मजबूत है, तो इसका फायदा भारत को ही होगा। अठावले का बयान थोड़ा अजीब लगा, लेकिन अगर उनका मतलब ये है कि भारतीय मूल के लोग अमेरिका में अपनी जगह बना रहे हैं, तो ये अच्छी बात है।

Paras Chauhan
Paras Chauhan
14 नवंबर, 2024

मैं तो सोच रहा था कि अठावले का ये बयान किसी ट्रोल का काम है, लेकिन अब लगता है वो असली हैं। ट्रम्प की जीत का अर्थ है अमेरिका में एक नई नीति का आगमन, न कि भारतीय पार्टी की जीत। लेकिन अगर इससे भारत-अमेरिका संबंध मजबूत हो रहे हैं, तो शाबाश। 😊

Jinit Parekh
Jinit Parekh
15 नवंबर, 2024

रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया? ऐसी कोई पार्टी है ही नहीं। ये बयान बिल्कुल बेकार है। अठावले ने जो कहा, वो देश के लिए शर्म की बात है। अमेरिका के चुनाव में भारतीयों का कोई हिस्सा नहीं है। ये तो बस अपनी व्यक्तिगत छवि बनाने की कोशिश है।

Ankit Gupta7210
Ankit Gupta7210
15 नवंबर, 2024

अठावले को तो लगता है ट्रम्प उनके बॉस हैं। ये बयान बिल्कुल अजीब है। जब ट्रम्प ने कैपिटल हिल पर हमला किया तो आप उनकी आलोचना कर रहे थे। अब वापस आ गए तो खुश? ये तो बस एक बदलता हुआ राजनीतिक दृष्टिकोण है।

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