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6.6 तीव्रता भूकंप – क्या जानना चाहिए?

भूकम्प का स्केल सुनते ही कई बार दिमाग में डर आ जाता है, खासकर जब magnitude 6 के ऊपर हो। लेकिन अगर आप जानते हैं कि 6.6 रिच्टर स्केल पर क्या होता है और कैसे बचाव कर सकते हैं तो घबराहट कम होगी। इस लेख में हम सरल भाषा में समझेंगे कि 6.6 तीव्रता का मतलब क्या है, इसका प्रभाव कहाँ तक पहुँच सकता है और वास्तविक स्थिति में आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

6.6 भूकंप का मतलब क्या?

रिच्टर स्केल पर हर अंक एक-दस गुना ऊर्जा बढ़ाता है। 6.6 के मतलब लगभग 40 लाख टन TNT बराबर ऊर्जा रिलीज़ होनी है। इसका असर आमतौर पर मध्यम‑भारी बनावट वाले शहरों में देखा जाता है – इमारतें झुकी या टूट सकती हैं, सड़कों में दरार पड़ सकती है और बिजली व पानी की सप्लाई बाधित हो सकती है। यदि भूगर्भीय संरचना कमजोर हो तो क्षति ज्यादा होती है; अगर ज़मीन चट्टानी और ठोस हो तो असर थोड़ा कम रहता है।

ऐसे भूकम्प अक्सर 10‑20 किलोमीटर गहराई से आते हैं, जिससे सतह पर लहरें तेज़ी से फैलती हैं। इसलिए आपातकाल में तुरंत ध्वनि या झटके महसूस करेंगे और कई सेकंड में ही हलचल थम जाएगी, लेकिन उसका प्रभाव कई घंटे तक जारी रह सकता है – जैसे अफ्टरशॉक या ढहते पुलों की आवाज़।

भूकम्प के दौरान और बाद में क्या करें?

पहला कदम: सुरक्षित जगह चुनें. अगर आप घर में हैं तो दरवाज़े के फ़्रेम, मजबूत टेबल या बिस्तर के नीचे छिप जाएँ। खिड़कियों से दूर रहें क्योंकि शिशा टूट सकता है। बाहर हों तो खुले क्षेत्र, पेड़‑पौधों और बिजली लाइनों से दूरी बनाए रखें।

दूसरा कदम: जल्दी से दरवाज़े खोलें. कई बार लोग डर के कारण दरवाज़ा बंद रख देते हैं, जिससे धूल और टूटे कंक्रीट अंदर आ सकते हैं। तेज़ी से बाहर निकलें, लेकिन लिफ्ट या सीढ़ियों में फँसने का ख़तरा न लें; सीढ़ियाँ अक्सर हिलती‑डुलती रहती हैं।

तीसरा कदम: आवश्यक वस्तुएँ साथ रखें. एक छोटा बैकपैक तैयार रखें – उसमें पानी की बोतल, टॉर्च, प्राथमिक चिकित्सा किट और मोबाइल चार्जर रखें। अगर आप ग्रामीण इलाके में हैं तो कुछ खाना‑पीना और चाकू भी उपयोगी रहेगा।

भूकम्प के बाद: जाँचें कि क्या कोई गैस लीकेज या बिजली का शॉर्ट सर्किट है। यदि गंध या आवाज़ सुनाई दे तो तुरंत मुख्य वाल्व बंद करें और मदद माँगेँ। इमारत में दरारें, फटे कंक्रीट या झुकी दीवारों को नजरअंदाज न करें; ये बाद में गिरकर चोट का कारण बन सकते हैं।

स्थानीय अधिकारियों की सलाह पर ही घर वापस जाएँ। अक्सर अफ्टरशॉक आते रहते हैं जो मूल भूकम्प से कम लेकिन फिर भी खतरनाक होते हैं। यदि आपातकालीन केंद्रों के पास रह रहे हैं तो उनके निर्देशों को फॉलो करें और रेडियो या मोबाइल पर अपडेट सुनते रहें।

भविष्य की तैयारी में, अपने घर की संरचना को मजबूत करने की योजना बनाएँ – रेत‑सीमेंट रीइन्फ़ोर्स्ड दीवारें, लाइट वेट रूफ़ टाइल्स और सुरक्षित फर्नीचर का उपयोग मददगार रहता है। स्कूलों और कार्यालयों में नियमित ड्रिल कराना भी महत्वपूर्ण है; इससे हर कोई आपदा के समय जल्दी प्रतिक्रिया देना सीखता है।

अंत में इतना ही कहूँगा, 6.6 तीव्रता भूकम्प डरावना लग सकता है, पर सही जानकारी और तैयारियां इसे manageable बना देती हैं। जब तक हम समझदारी से काम लें, तब तक सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी जीत होगी। पढ़ने के लिए धन्यवाद – सुरक्षित रहें!

14 जन॰

जापान के दक्षिण-पश्चिम में आया 6.6 तीव्रता का भूकंप, सुनामी की चेतावनी जारी

राष्ट्रीय समाचार

जापान के दक्षिण-पश्चिम में आया 6.6 तीव्रता का भूकंप, सुनामी की चेतावनी जारी

जापान के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में 6.6 तीव्रता का भूकंप आया जिसने मियाज़ाकी और कोच्ची प्रदेश के कुछ भागों के लिए सुनामी की चेतावनी मंडराई। ह्युगा नादा समुद्र के भीतर केंद्रित यह भूकंप 36 किलोमीटर की गहराई पर था। थोड़ी देर के लिए सुनामी चेतावनी जारी की गई थी जो बाद में हटा ली गई। इसके बाद मामूली नुकसान की सूचना मिली जिनमें एक व्यक्ति घायल हुआ।

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