बच्चों के लिए पेंशन: आसान तरीका जिससे आप बचपन से ही सुरक्षा दे सकते हैं
बहुत लोग सोचते हैं कि पेंशन केवल बुजुर्गों के लिये है, लेकिन आजकल कई स्कीमें बच्चों के नाम पर भी खुलती हैं। अगर आप अभी थोड़ा सा पैसा अलग रखेंगे तो बच्चा बड़ा होकर पढ़ाई या शादी में मदद पा सकता है। इस लेख में हम बताएँगे क्यों पेंशन जरूरी है और कैसे सही योजना चुनी जाए – बिना जटिल शब्दों के, सीधे आपके सवालों का जवाब देते हुए।
पेंशन क्यों चुनें?
सबसे बड़ा फायदा यह है कि पैसा लंबे समय तक टिका रहता है और ब्याज भी मिलता है। बचपन में शुरू की गई पेंशन सालों‑सालों के कंपाउंड इंटरेस्ट से काफी बढ़ जाती है, इसलिए छोटे निवेश पर भी बड़ी रकम मिलती है। साथ ही, कई सरकारी या निजी योजनाएँ टैक्स छूट देती हैं, तो आपके पैसे दोहरा फायदा देते हैं – सुरक्षा और बचत दोनों। अगर आप अभी शुरू नहीं करेंगे तो बाद में महँगी शिक्षा या स्वास्थ्य खर्चों को कवर करना मुश्किल हो सकता है।
सही योजना कैसे चुने?
पहला कदम यह देखना है कि स्कीम का टार्गेट क्या है – क्या आप सिर्फ कॉलेज के लिए बचत चाहते हैं या पूरी ज़िन्दगी भर की सुरक्षा? दो‑तीन विकल्पों को सूचीबद्ध करें, फिर इनके रिटर्न, टैक्स लाभ और लॉक‑इन पीरियड देखें। सरकारी पेंशन स्कीम जैसे बाल विकास योजना में अक्सर कम जोखिम रहता है, जबकि प्राइवेट म्यूचुअल फंड्स का रिटर्न ज़्यादा हो सकता है लेकिन थोड़ा रिस्क भी होता है।
दूसरा कदम – खर्चे की गणना करें। आप महीने में कितना निवेश कर सकते हैं? अगर आपके पास अभी ज्यादा पैसा नहीं है तो छोटे SIP (सिस्टमेटिक इन्फ़्लोमेंट प्लान) से शुरू कर सकते हैं, जो हर महीने 500‑1000 रुपये तक हो सकता है। छोटी राशि से भी कंपाउंड इंटरेस्ट का असर दिखेगा और आप धीरे‑धीरे भरोसा बना लेंगे।
तीसरा कदम – योजना की ड्यूरेशन तय करें। अगर बच्चा अभी दो साल का है तो 15‑20 साल की पेंशन प्लान सबसे बेहतर होगी, क्योंकि इस दौरान बाजार में उतार‑चढ़ाव को एवरज किया जा सकेगा। स्कीम के निकासी विकल्प भी देखें – क्या एक बार में पूरी रकम मिलती है या कई भागों में? आपके लक्ष्य पर निर्भर करेगा कि कौन सा तरीका ज्यादा सुविधाजनक रहेगा।
अंत में, योजना को नियमित रूप से चेक करना न भूलें। अगर आपका इनकम बढ़ता है तो आप निवेश राशि भी बढ़ा सकते हैं, इससे रिटर्न और तेज़ होगा। साथ ही, किसी भी बदलाव की सूचना मिलने पर तुरंत स्कीम के कस्टमर सपोर्ट या वित्तीय सलाहकार से बात करें – ताकि गलती से प्लान बंद न हो जाये।
सारांश में, बच्चों की पेंशन शुरू करने में जटिलता नहीं है; बस सही योजना चुनिए, छोटे‑छोटे कदम उठाइए और नियमित रूप से फॉलो‑अप रखिए। इससे आपका बच्चा बड़े होकर शिक्षा या जीवन के बड़े खर्चों को आसानी से संभाल पाएगा, और आप भी मन की शांति ले सकेंगे।