खेल समाचार

पेंशन योजना – समझें, चुनें और सुरक्षित भविष्य बनाएं

पेंशन का मतलब है काम से रिटायर होने पर भी आय मिलती रहे। अगर आज से थोड़ा बचत शुरू करें तो रिटायरमेंट में बड़ी समस्या नहीं होगी। कई लोग सोचते हैं कि पेंशन सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए है, लेकिन असली बात यह है कि हर उम्र और प्रोफ़ाइल वाले लोगों को इसको अपनाना चाहिए।

सबसे पहले समझिए कि पेंशन योजना दो तरह की होती है – एक सरकार की स्कीम और दूसरी निजी कंपनी या बीमा द्वारा पेश की जाती हैं। दोनों के अपने‑अपने फायदे हैं, इसलिए अपनी ज़रूरतों के हिसाब से देखना जरूरी है।

मुख्य प्रकार की पेंशन योजनाएं

नॅशनल पेंशन सिस्टम (NPS) – यह भारत सरकार की पहल है, जहाँ आप 18‑60 साल तक योगदान दे सकते हैं। कम टैक्स दर और लचीला निवेश विकल्प इसे लोकप्रिय बनाते हैं। आपका पैसा म्यूचुअल फंड, इक्विटी या बॉन्ड में लगाया जाता है, और रिटायरमेंट पर एकमुश्त या मासिक पेंशन मिलती है।

कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) – अगर आप निजी सेक्टर में हैं तो आपके नियोक्ता भी हर महीने आपका कुछ हिस्सा EPF खाते में जमा करता है। यह स्वचालित बचत है और टैक्स छूट देती है। रिटायरमेंट के बाद या नौकरी बदलते समय इसे निकाल सकते हैं, लेकिन लंबी अवधि में रखे रहने से अच्छा रिटर्न मिलता है।

निवृत्ति एन्युइटी प्लान – बीमा कंपनियां सालाना या मासिक पेंशन देने का विकल्प देती हैं। आप एक बार बड़ी रकम जमा कर सकते हैं या छोटे‑छोटे इंस्ट्रॉलमेंट दे सकते हैं। यह योजना स्थिर आय की गारंटी देती है, इसलिए बहुत लोग इसे पसंद करते हैं।

कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) – यह EPF से जुड़ी हुई एक अतिरिक्त पेंशन सुविधा है। यदि आप 10 साल या उससे अधिक काम कर चुके हैं तो रिटायरमेंट पर आपको मासिक पेंशन मिलती है, जिसका हिसाब आपके योगदान और सैलरी बेस पर होता है।

पेंशन प्लान चुनते समय ध्यान देने योग्य बातें

पहले तय करें कि आप कितनी राशि बचत कर सकते हैं और कब तक जमा करेंगे। अगर आपकी आय स्थिर नहीं है तो लचीलापन वाले NPS या एपीएफ जैसी योजना बेहतर रहेगी, जहाँ आप अपनी वित्तीय स्थिति के हिसाब से योगदान बदल सकते हैं।

दूसरा, जोखिम को समझें। इक्विटी‑मिश्रित फंड में निवेश अधिक रिटर्न देता है लेकिन उतार‑चढ़ाव भी ज्यादा होता है। अगर आप सुरक्षित आय चाहते हैं तो बॉन्ड या डिपॉज़िट‑आधारित विकल्प चुनें।

तीसरा, टैक्स बचत को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। EPF और NPS दोनों टैक्स में छूट देते हैं, इसलिए यदि आप टैक्स प्लानिंग कर रहे हैं तो इन्हें प्राथमिकता दें। निजी एन्युइटी में भी कुछ टैक्स लाभ मिलते हैं, लेकिन नियम अलग होते हैं, इसलिए विवरण पढ़ना ज़रूरी है।

चौथा, रिटायरमेंट के बाद की जीवनशैली को ध्यान में रखें। अगर आपको नियमित खर्चों का अनुमान है तो मासिक पेंशन वाली योजना चुनें। एकमुश्त भुगतान वाले लोग अक्सर जल्दी खर्च कर देते हैं और आगे मुश्किल हो जाती है।

अंत में, प्लान की फीस या चार्जेज देखना न भूलें। कुछ कंपनियां हाई एडमिनिस्ट्रेटिव फ़ी जैसे छुपे हुए ख़र्च लेती हैं, जिससे आपका रिटर्न घट सकता है। सरल और कम खर्च वाली स्कीम बेहतर दीर्घकालिक लाभ देती है।पेंशन योजना सिर्फ बचत नहीं, बल्कि आपके भविष्य की सुरक्षा का एक भरोसेमंद तरीका है। सही जानकारी और थोड़ा समय लगाकर आप अपनी उम्र के अनुसार सबसे फिट प्लान चुन सकते हैं। आज ही ऑनलाइन या अपने नियोक्ता से विवरण पूछें, और छोटे‑छोटे कदमों से बड़ी राहत पाएं।

18 सित॰

एनपीएस वात्सल्य: बच्चों के लिए वित्त मंत्री सीतारमण लॉन्च करेंगी पेंशन योजना

वित्तीय समाचार

एनपीएस वात्सल्य: बच्चों के लिए वित्त मंत्री सीतारमण लॉन्च करेंगी पेंशन योजना

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश की गई एनपीएस वात्सल्य बच्चों के लिए एक नई पेंशन योजना है। इस योजना का लक्ष्य बच्चों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित बनाना है। एनपीएस वात्सल्य 2024 के केंद्रीय बजट में शामिल की गई है और इसे 18 सितंबर 2024 को लॉन्च किया जाएगा। इस योजना में न्यूनतम वार्षिक निवेश 1,000 रुपये से शुरू होता है।

आगे पढ़ें
回到顶部