Yes Bank के शेयरों ने अचानक से जोरदार गोता लगाया। 3 जून 2025 को बैंक के निदेशक मंडल की बैठक से पहले शेयर करीब 9% तक नीचे लुढ़क गए। बोर्ड ने इस दिन संभावित फंडरेज़िंग का एजेंडा तय किया था जिसमें इक्विटी शेयर, डेब्ट सिक्योरिटीज या अन्य इंस्ट्रूमेंट्स के ज़रिए पूंजी जुटाने पर मंथन होना था।
इस ऐलान के तुरंत बाद बाजार में बेचैनी छा गई। कुछ ही घंटों के भीतर निवेशकों में बेचने की होड़ सी लग गई। CNBC-TV18 की रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ इसी दिन Yes Bank का करीब 3% इक्विटी बड़े ब्लॉक ट्रांजैक्शनों में खरीदा-बेचा गया। खास बात रही कि इन बड़ी डील्स में एक प्राइवेट इक्विटी फर्म ने अपनी होल्डिंग का कुछ हिस्सा बेच डाला। इसकी पुष्टि होते ही ट्रेडिंग फ्लोर पर हड़कंप मच गया।
दूसरी ओर, Sumitomo Mitsui Banking Corporation (SMBC) की हाल की हलचलों ने बाजार की बातें और गरमा दी हैं। SMBC ने हाल ही में State Bank of India के नेतृत्व वाले कंसोर्शियम से Yes Bank में 20% हिस्सेदारी खरीदी है—इस डील के बाद बैंक का वैल्यूएशन $8 बिलियन से भी ज्यादा आंका गया। अब चर्चा यह है कि जापानी बैंक SMBC ने RBI से भारत में अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी बनाने की मंजूरी मांगी है। अगर सबकुछ SMBC के पक्ष में रहा तो वह भविष्य में Yes Bank पर नियंत्रण हासिल कर सकता है।
Yes Bank की फंडरेज़िंग को लेकर फैली असमंजस की वजह से निवेशकों के सामने कड़ा फैसला आ खड़ा हुआ है—क्या करें, खरीदें या बेचें? शेयरों में आई तेज गिरावट ने एक ओर डर बढ़ाया है, तो दूसरी तरफ SMBC जैसे मजबूत निवेशक की सक्रियता भविष्य के लिए नई उम्मीद भी है।
विश्लेषकों का कहना है कि फिलहाल बाजार में जो उथल-पुथल है, वह फंडरेज़िंग के सम्भावित फैसलों और SMBC की विस्तार योजनाओं से जुड़ी है। एक बड़े निवेशक के बाहर निकलने से भी अल्पकालिक अस्थिरता बढ़ी है। ऐसे में लगातार नजर जरूरी है। जो निवेशक जल्दबाजी में फैसला लेने जा रहे हैं, उन्हें सलाह दी जा रही है कि तुरंत बिकवाली या खरीदारी के बजाए Yes Bank के दीर्घकालिक फंडामेंटल्स और बैंकिंग सेक्टर का रुझान देखें। छोटी अवधि की हलचलों से घबराने के बजाय बोर्ड मीटिंग और SMBC की चाल का विश्लेषण जरूरी है।
यानी अगले कुछ दिन Yes Bank के निवेशकों के लिए काफी अहम हैं। सबकी नजरें अब बैंक के बोर्ड और SMBC के अगले कदम पर टिकी हुई हैं।
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