2025 के शुरुआती महीनों में सऊदी अरब ने एक अस्थायी नीति लागू की जिसमें 14 देशों के विदेशी श्रमिकों के लिए ब्लॉक वर्क वीज़ा को रोक दिया गया। भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नाइजीरिया, मिस्र, इंडोनेशिया, अल्जीरिया, सूडान, इराक, मोरक्को, यमन, ट्यूनीशिया, जॉर्डन, लिबिया, केन्या, इथियोपिया और तुर्की सहित कई देशों को यह प्रभावित करता है। इस कदम का प्रमुख कारण हज यात्रा के दौरान सुरक्षा और प्रशासनिक जटिलताओं को कम करना बताया गया है।
पिछले कुछ हज़ार हज सीजन में यह दर्ज किया गया था कि कई श्रमिक काम, यात्रा या उमर वीज़ा लेकर प्रवेश कर हज में भाग ले रहे थे, जबकि उनके पास उचित हज परमिट नहीं था। इससे पवित्र स्थल पर भीड़भाड़ और लॉजिस्टिक बोझ बढ़ गया, जिससे सैनिक इकाइयों और स्वास्थ्य सेवाओं पर अतिरिक्त दबाव पड़ता रहा। सरकार ने कहा, ऐसे अनधिकारिक प्रवेश को रोकना राष्ट्रीय सुरक्षा और यात्रियों की सुविधाओं के लिए आवश्यक है।
ब्लॉक वर्क वीज़ा पूर्व में गلف कंपनियों के लिए श्रमिकों की बड़ी संख्या को एक ही आवेदन के माध्यम से प्राप्त करने का आसान साधन था। इन वीज़ा को QIWA (क्वालिफ़ाइड इम्पोर्टर वर्क एग्रीमेंट) प्लेटफ़ॉर्म से जारी किया जाता था, जहाँ कंपनियों को एक बार में सैकड़ों या हज़ारों श्रमिकों का कोटा मिलता था। अब इस प्लेटफ़ॉर्म पर आवेदन बंद हो जाने से कंपनियों को व्यक्तिगत या छोटे बैच में वीज़ा लेने पड़ेंगे, जिससे भर्ती प्रक्रिया में देरी और लागत दोनों बढ़ेगी।
निर्माण, सफाई, घरेलू सेवाएँ, होटल एवं रेस्तरां उद्योग इस निलंबन से सबसे अधिक प्रभावित होंगे। इन क्षेत्रों में अक्सर बड़ी संख्या में विदेशी कामगारों की जरूरत होती है, और अब कंपनियों को वैकल्पिक उपाय, जैसे स्थानीय कर्मचारियों की व्यवस्था या वैधानिक इंटर्नशिप प्रोग्रामों की तलाश करनी पड़ेगी।
वर्कर और उनके परिवारों के लिए सबसे सीधे असर यह होगा कि कई लोग अपनी वीज़ा मंजूरी का इंतज़ार कर रहे थे, और अब उन्हें लंबी प्रतीक्षा या संभवतः आवेदन रद्दीकरण का सामना करना पड़ेगा। जो लोग पहले से वैध वर्क वीज़ा रख चुके हैं लेकिन अभी तक सऊदी अरब नहीं पहुँचे हैं, उन्हें हवाई अड्डों पर प्रवेश के समय अतिरिक्त जांच और संभावित रिफ़ंड समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
विज़ा निलंबन की अवधि के बारे में विभिन्न स्रोतों ने अलग‑अलग जानकारी दी है, पर अधिकांश रिपोर्टें बताती हैं कि यह अप्रैल 2025 से शुरू होकर हज के अंतिम दिनों तक जारी रहेगा, और सम्भवतः जून के अंत या जुलाई के मध्य में फिर से शुरू हो सकता है। सरकार ने इस अवधि को बढ़ाने का अधिकार सुरक्षित रखा है, यदि परिस्थितियों को देखते हुए आवश्यक समझा जाए।
विदेशी श्रमिकों के एजेंट और भर्ती फर्मों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है। एनिटा चाल्के, सीनियर इमिग्रेशन मैनेजर, एन्वॉय ग्लोबल, ने कहा कि कार्यकर्ता और नियोक्ता दोनों को अपने यात्रा‑योजनाओं को पुनः व्यवस्थित करना चाहिए, वैध दस्तावेज़ों की समय‑सीमा को तीन महीने से अधिक बनाकर रखना चाहिए, और छोटे वैधता वाले दस्तावेज़ (जैसे पुलिस क्लियरेंस) को समय पर नवीनीकृत करना चाहिए।
विमानों की बुकिंग करने से पहले एयर्सेट या सऊदी दूतावास से वीज़ा की स्थिति की दोबारा पुष्टि अनिवार्य है। साथ ही, जो एजेंट "तेज प्रोसेसिंग" या "गारंटी" का वादा कर रहे हैं, उनसे बचना चाहिए; यह निलंबन अवधि में संभावित धोखाधड़ी का भी कारण बन सकता है।
एक और महत्वपूर्ण बदलाव ओवरस्टे दंड में वृद्धि है। अब यदि कोई वीज़ा समाप्ति के बाद सऊदी अरब में रहता है, तो उसे SAR 100,000 का जुर्माना लगेगा, जो पहले के SAR 25,000 से चार गुना अधिक है। यह सख्त कदम सरकार के यात्रियों के प्रवाह को नियंत्रित करने और हज माह में सुरक्षा को सुनिश्चित करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।
आने वाले महीनों में श्रमिकों और कंपनियों को इस नई नीति के अनुसार अपनी भर्ती रणनीतियों को बदलना पड़ेगा। निजी क्षेत्र के बड़े प्रोजेक्ट्स को वैकल्पिक श्रम स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ेगा, जबकि सरकारी एजेंसियां इस अवधि के दौरान इमिग्रेशन मॉनिटरिंग को सख्ती से लागू करेंगी। इस तरह की नीति बदलाव दर्शाते हैं कि सऊदी अरब रोजगार बाजार में विदेशी श्रमिकों की भूमिका को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार है, विशेषकर बड़े धार्मिक समारोहों के दौरान।
एक टिप्पणी लिखें