भारत की महिला क्रिकेट टीम इंग्लैंड के खिलाफ चल रही 5‑मैच T20I श्रृंखला में 2‑1 की बढ़त के साथ चौथे मैच के लिए तैयार है। इस मैच को जीतते ही टीम को इतिहास में पहला टूर पर सीरीज़ जीतने का मज़ा मिल जाएगा। लेकिन इस जीत के द्वार पर दो बड़े सवाल खड़े हैं – क्या कप्तान भारत महिला क्रिकेट की हार्मनप्रीत कौर और तेज़ी से स्ट्रोक मारने वाली शफ़ाली वर्मा अपने-अपने रोल में चमक पाएँगी?
तीसरे टी20I में इंग्लैंड ने पाँच रन की नजदीकी से जीत दर्ज की। उस मैच में भारत की बल्लेबाज़ी के कई हिस्सों में झंझट दिखी, खासकर senior खिलाड़ियों में। हार्मनप्रीत ने तेज़ी से 23 रन बनाए, पर टीम को स्थिर रखने के लिए उनका योगदान काफी नहीं रहा। शफ़ाली ने 47 रन बनाए – पर वह भी जल्दी आउट हो गईं, जिससे टीम का दबाव बढ़ गया।
शफ़ाली वर्मा को आठ महीने की छुट्टी के बाद टीम में वापस लाया गया था। वह टॉप ऑर्डर में तेज़ शुरुआत करने वाली खिलाड़ी है, लेकिन इस श्रृंखला में उनके स्कोर (47, 20, 3) असंगत दिखे। उनका काम केवल तेज़ रन बनाना नहीं, बल्कि टीम को अच्छी पोजिशन पर छोड़ना है। अगर वह लगातार 30‑40 रन बनाएँ तो मध्य क्रम के खिलाड़ियों पर दबाव कम हो जाएगा और टोटल सुरक्षित रहेगा।
कप्तान हार्मनप्रीत कौर ने पहले टेस्ट में सिर चोट के कारण पहले मैच से बाहर रहे, फिर दूसरा और तीसरा मैच खेलने को मिला। लेकिन उनका योगदान 1 और 23 रन तक सीमित रहा। एक कैप्टेन के रूप में उनका काम सिर्फ रन बनाना नहीं, बल्कि अंत में खेल को समाप्त करने वाली innings को संभालना भी है। अगर वह अपनी अनुभव से टीम को स्थिर कर सकें, तो भारत के लिये मुश्किलें कम हो जाएँगी।
इस बीच, स्मृति मंडाना, जेमिमा रोड्रिगेज और अमनजोत कौर ने अपने-अपने रोल को अच्छी तरह निभाया है। स्मृति ने दो मैचों में निरंतर 50+ स्कोर किया, जेमिमा ने कई बार महत्वपूर्ण साझेदारी बनायी और अमनजोत ने फील्डिंग में चमक दिखायी। लेकिन टीम की बैटिंग में संतुलन लाने के लिये हार्मनप्रीत और शफ़ाली को लगातार बड़े स्कोऱ लाने की जरूरत है।
कोचिंग स्टाफ भी इस बात पर ज़ोर दे रहा है कि शफ़ाली को फिर से अपने आत्मविश्वास को जगाना चाहिए, और हार्मनप्रीत को दबाव में शांत रहना चाहिए। उन्होंने दोनों को बताया है कि किस तरह के प्लान से वे मैच के महत्वपूर्ण मोड़ पर खुद को तैयार कर सकती हैं – जैसे कि पहले 6‑ओवर में 30‑40 रन बनाना, फिर शेष ओवर में बॉल्स को संभालना।
बॉलिंग और फील्डिंग के मामले में भारत ने इस श्रृंखला में स्थिरता दिखाई है। इंग्लैंड ने लगातार रन फाइल नहीं किया, लेकिन जब बैटिंग में कुछ बिगड़ता है तो मैच का रुझान बदल जाता है। इस कारण से चौथे मैच में बॉलिंग यूनिट पर बहुत दबाव नहीं है, लेकिन बैटिंग यूनिट को सॉलिड स्टार्ट देना ज़रूरी है।
इंग्लैंड की टीम भी समान दबाव में है – उन्हें सीरीज़ को बराबर करने के लिए जीतना होगा। इसलिए दोनों टीमों के बीच कड़ी टकराव की उम्मीद है। भारत के लिए यह मौका है कि वे अपने सीनियर खिलाड़ियों पर भरोसा करके जीत पकड़ें और इंग्लैंड की धरती पर इतिहास बना दें।
मैंचेस्टर में अगर दोनों सीनियर खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ दिखाएँ तो भारत की महिला टीम न सिर्फ़ इस सीरीज़ को खत्म कर सकेगी, बल्कि विश्व क्रिकेट में अपना प्रताप भी बढ़ा सकेगी। समय अब हाथ में है, और दर्शकों को एक रोमांचक टोकन मिलने वाला है।
एक टिप्पणी लिखें