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इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर ग्राहम थॉर्प का 55 वर्ष की उम्र में निधन

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इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर ग्राहम थॉर्प का 55 वर्ष की उम्र में निधन

ग्राहम थॉर्प: एक महान क्रिकेट करियर का दुखद अंत

इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर ग्राहम थॉर्प का 55 वर्ष की आयु में निधन ने क्रिकेट जगत को गमगीन कर दिया है। ग्राहम थॉर्प, जिनकी बड़ी खेल मौसमी छवि और अद्वितीय बल्लेबाजी शैली ने उन्हें क्रिकेट इतिहास में अमर बना दिया है, का इस तरह से अलविदा कह जाना सभी के लिए एक बड़ा सदमा है।

थॉर्प का क्रिकेट करियर अद्वितीय था। वे सर्रे और इंग्लैंड के लिए खेले और देश का गौरव बढ़ाया। थॉर्प ने कुल 100 टेस्ट मैच खेले और इनमें 7,000 से अधिक रन बनाए। जबकि 82 वनडे इंटरनेशनल मैचों में उन्होंने 2,000 से अधिक रन जोड़े थे। उनकी बल्लेबाजी के ब्रेक-डाउन को देखे तो पता चलता है कि उनका अंदाज और तकनीकी ज्ञान कितना सुदृढ़ था।

पूर्व क्रिकेटर के रूप में सम्मान

ग्राहम थॉर्प का क्रिकेट करियर ही नहीं, बल्कि एक कोच के रूप में भी उनका योगदान अभूतपूर्व रहा है। हाल ही में वे अफगानिस्तान की राष्ट्रीय टीम के बल्लेबाजी कोच के रूप में कार्यरत थे। उनके नेतृत्व में अफगानिस्तान की टीम को नया उत्साह मिलता देखा गया, जो उनकी कोचिंग क्षमताओं का असली प्रमाण था।

उनके निधन की ख़बर से पूरी क्रिकेट बिरादरी में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। उनके साथ खेलने वाले और उन्हें निजी तौर पर जानने वाले क्रिकेटरों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने कहा, "ग्राहम थॉर्प की मृत्यु ने एक महान खिलाड़ी और कोच को हमसे दूर कर दिया है।"

थॉर्प का तकनीकी दृष्टिकोण

थॉर्प का करियर सिर्फ रन बनाने तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने बल्लेबाजी को एक कला के रूप में देखा और समझा। उनकी तकनीकी दक्षता और ध्यान खेल में नए आयाम लाती थी। वे अक्सर अपने साथी खिलाड़ियों को खेलने की नई तकनीक सिखाते थे और खेल के मानसिक पहलुओं पर भी ध्यान केंद्रित करते थे।

उनकी शिक्षा और अनुशासन के नतीजे अब भी उनके शिष्यों में देखे जा सकते हैं। थॉर्प को क्रिकेट के तकनीकी और मानसिक पहलुओं में निपुणता हासिल थी, जिसके कारण वे एक सफल कोच बने।

थॉर्प के योगदान की चर्चा

क्रिकेट विशेषज्ञों के अनुसार, ग्राहम थॉर्प अपने समय के सबसे तकनीकी रूप से सुदृढ़ बल्लेबाजों में से एक थे। उनकी बल्लेबाजी शैली और उन्हें खेल के प्रति समर्पण के कारण ही वे इतने लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में टिके रहे।

आज उनके निधन पर क्रिकेट समुदाय की भावनाएं गहरी हैं। उनके योगदान को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। खेल प्रेमियों को उनकी यादें हमेशा प्रेरित करती रहेंगी और उनकी खेल भावना को ध्यान में रखकर क्रिकेट के मैदान में नई ऊंचाइयों को छूने की कोशिश की जाएगी।

ग्राहम थॉर्प के निधन से एक युग का अंत हो गया है, लेकिन उनकी विरासत हमेशा जिन्दा रहेगी।

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