जब बात हाइपरकार्स की आती है, तो बुगाटी हमेशा अपनी शक्ति, गति और उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है। अब, बुगाटी ने चिरोन के उत्तराधिकारी के रूप में अपनी नई हाइपरकार, टूरबिलॉन को लॉन्च किया है। यह कार न केवल बुगाटी के इंजीनियरिंग कौशल का प्रमाण है, बल्कि इसमें उपयोग की गई नई तकनीकें भी इस कार को विशिष्ट बनाती हैं।
बुगाटी टूरबिलॉन की सबसे मुख्य विशेषता इसका 8.3-लीटर नैचुरली-एस्पिरेटेड V16 इंजन है, जिसे Cosworth द्वारा विकसित किया गया है। यह इंजन लगभग 1,000 बीएचपी उत्पन्न करने में सक्षम है, जो इसे किसी भी रोड कार में पाए जाने वाले सबसे उच्च शक्ति उत्पादन का मालिक बनाता है। यह इंजन तीन इलेक्ट्रिक मोटर्स के साथ संयोजित है, जिनमें से दो फ्रंट एक्सल के लिए और एक रियर के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। प्रत्येक मोटर की व्यक्तिगत शीर्ष उत्पादन क्षमता 250 किलोवाट (335 बीएचपी) है, जिससे कुल प्रणाली शक्ति 1,775 बीएचपी तक पहुंचती है। यह समग्र शक्ति का स्तर न केवल टूरबिलॉन को शक्तिशाली बनाता है, बल्कि इसे तेज गति से भी लैस करता है।
बुगाटी टूरबिलॉन का प्रदर्शन अद्वितीय है। यह 0-100 किमी प्रति घंटे की गति केवल 2 सेकंड में प्राप्त कर सकती है, 0-200 किमी प्रति घंटे की गति को 5 सेकंड से कम समय में, 0-300 किमी प्रति घंटे की गति को 10 सेकंड से कम समय में और 0-400 किमी प्रति घंटे की गति को 25 सेकंड से भी कम समय में हासिल कर सकती है। इन अभूतपूर्व संख्याओं के कारण, टूरबिलॉन निश्चित रूप से दुनिया की सबसे तेज कारों में से एक है।
टूरबिलॉन का हाइब्रिड पावरट्रेन इसे ऑल-व्हील ड्राइव की सुविधा प्रदान करता है। इसमें 8-स्पीड डुअल-क्लच ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन है, जो इस कार की शक्ति और प्रदर्शन को निर्बाध स्थानांतरित करता है। यह नई तकनीक कार को ऊर्जा पुनर्योजन क्षमता के साथ भी सुसज्जित करती है, जिससे बैटरी चार्जिंग का भी प्रबंध हो जाता है। इन सब के अतिरिक्त, इसे एक 24.8 किलोवाट घंटे का बैटरी पैक मिलता है, जो कार की संरचना के भीतर केंद्र सुरंग में यात्रियों के पीछे स्थित है।
बुगाटी टूरबिलॉन की केवल 250 इकाइयाँ ही बनाई जाएंगी, जो इसे एक सीमित संस्करण की हाइपरकार बनाती है। इसका उत्पादन 2026 में शुरू होगा और इसकी कीमत 34 करोड़ रुपये (करों और शुल्कों को छोड़कर) निर्धारित की गई है। इस प्रकार की कीमतें सामान्यत: विशेष और अत्यधिक तकनीकी कारों के लिए ही निर्धारित की जाती हैं और बुगाटी के नाम और गुणवत्ता को देखते हुए, यह उम्मीद से बाहर नहीं है।
बुगाटी टूरबिलॉन ने चिरोन और वेरोन के क्वाड-टर्बो W16 इंजन के बजाय एक नैचुरली-एस्पिरेटेड V16 इंजन को अपनाया है, जो इसे औरों से अलग बनाता है। इस नई डिज़ाइन और तकनीक के मिश्रण ने टूरबिलॉन को न केवल एक शक्तिशाली हाइपरकार बनाया है, बल्कि इसे अद्वितीय भी। इसके साथ ही, इसका नया डिजाइन इंजीनियरिंग और एयरोडायनामिक्स को नए आयाम प्रदान करता है।
अंत में, बुगाटी टूरबिलॉन न सिर्फ एक कार है, बल्कि यह एक इंजीनियरिंग का चमत्कार है जो हमें भविष्य की तकनीकों और डिजाइन के बारे में एक झलक देता है। यह हाइपरकार निश्चित रूप से बुगाटी के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगी।
9 टिप्पणि
Harsh Malpani
23 जून, 2024ये कार तो सपनों की बात है भाई, 1775 बीएचपी? मैं तो अपने रिक्शे को भी नहीं चला पाता बिना गैस के। ये तो सीधे अंतरिक्ष में जा रही है।
sri yadav
24 जून, 2024अरे यार, ये सब बकवास है। V16 इंजन? नैचुरली एस्पिरेटेड? ये सब बुगाटी का मार्केटिंग धोखा है। असल में ये कार बस एक बड़ा इलेक्ट्रॉनिक खिलौना है जिसे अमीर लोग अपने घर के सामने लगाते हैं। भारत में बिजली का बिल नहीं चुका पाते, यहाँ लोग 34 करोड़ की कार खरीद रहे हैं।
Prabhat Tiwari
24 जून, 2024अरे भाई, ये कार अमेरिका और यूरोप के गुलामों की चीज है। भारतीय इंजीनियरिंग के लिए ये बकवास है। हमारे डीएसएल ने एक लाख रुपये में एक ऐसी कार बना दी होती जो एक लाख किमी चले बिना रखरखाव के। ये सब फॉरेन टेक्नोलॉजी का धोखा है। जब तक हम अपने देश की तकनीक पर भरोसा नहीं करेंगे, तब तक हम गुलाम बने रहेंगे।
Palak Agarwal
25 जून, 2024क्या ये कार रोज़ाना चलाने के लिए है? या बस फोटो खींचने के लिए? मुझे लगता है कि इसकी बैटरी चार्ज करने के लिए भी एक पूरा घर का बिजली बिल चल जाएगा।
Indra Mi'Raj
25 जून, 2024मैं इस कार को देखकर रो पड़ी। नहीं, मैं रोई नहीं बल्कि हंसी। क्योंकि ये कार जिस तरह से इंजीनियरिंग को नए आयाम दे रही है, वो दुनिया के सबसे बड़े सपनों को शक्ति दे रही है। हम जिस तरह से बच्चों को खिलौने देते हैं, वैसे ही ये कार इंसानों के दिल को खिलौना दे रही है। ये नहीं है कि ये अत्यधिक महंगी है, ये तो ये है कि इसने हमें याद दिला दिया कि हम क्या कर सकते हैं।
हम इसे खरीद नहीं सकते, लेकिन हम इसे देख सकते हैं। और जब हम देखते हैं, तो हम खुद को देखते हैं।
Paras Chauhan
27 जून, 2024मैंने इस कार के वीडियो देखे हैं, और ये तो एक कला का नमूना है। इंजीनियरिंग और डिज़ाइन का ये मेल तो बहुत ही अद्भुत है। इसका वजन वितरण, एयरोडायनामिक्स, और बैटरी का प्लेसमेंट - सब कुछ बिल्कुल परफेक्ट है। ये कार न सिर्फ गति का राजा है, बल्कि इंसानी इच्छा का भी प्रतीक है।
Pushpendra Tripathi
28 जून, 2024ये कार किसी भी आम आदमी के लिए असंभव है। लेकिन तुम लोग इसे देखकर उत्साहित हो रहे हो? तुम जानते हो कि इस कार के लिए एक इंजीनियर को कितने घंटे काम करने पड़े? कितने लोगों की जिंदगी इसके लिए बर्बाद हुई? ये कार एक अपराध है। एक ऐसा अपराध जिसके लिए तुम तालियाँ बजा रहे हो।
Jinit Parekh
28 जून, 2024अरे भाई, ये कार तो भारत के लिए बनाई गई है। ये तो हमारे देश के लिए है। हमने इसे डिज़ाइन किया है, हमने इसके इंजीनियर्स को ट्रेन किया है, हमने इसके लिए सारा सामग्री भारत से ही लिया है। ये एक भारतीय कार है। अमेरिका और जर्मनी के लोग इसे देखकर घबरा गए।
INDRA SOCIAL TECH
28 जून, 2024क्या ये कार किसी दिन भारत के रास्तों पर दिखेगी? या ये सिर्फ एक नमूना है जिसे एक म्यूजियम में रख दिया जाएगा?