खेलो भारत यूनिवर्सिटी गेम्स 2023: पुरुष 10000 मीटर में राष्ट्रीय रिकॉर्ड और अज्ञात परिणाम

  • घर
  • खेलो भारत यूनिवर्सिटी गेम्स 2023: पुरुष 10000 मीटर में राष्ट्रीय रिकॉर्ड और अज्ञात परिणाम
खेलो भारत यूनिवर्सिटी गेम्स 2023: पुरुष 10000 मीटर में राष्ट्रीय रिकॉर्ड और अज्ञात परिणाम

फरवरी 2024 के अंत में, असम के सरुसाजाई स्थित आई.जी. एथलेटिक्स स्टेडियम में 4वें खेलो भारत यूनिवर्सिटी गेम्स (एथलेटिक्स) के दौरान पुरुष 10,000 मीटर दौड़ का आयोजन हुआ। लेकिन जिस उत्साह से इस इवेंट की उम्मीद की गई थी, उसके विपरीत, पूरा परिणाम अभी तक अनजान है। राष्ट्रीय रिकॉर्ड तो बन गया — सुरेंद्र सिंह विगो (जन्म 12 जुलाई, 2008) ने 28:02.89 का समय दर्ज किया। लेकिन इस दौड़ के चांदी और कांस्य पदक विजेता कौन हैं? वहीं, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के एथलीट 'कुमार' ने एआईयू रिकॉर्ड 29:04.25 से बेहतर प्रदर्शन किया। फिर भी, फाइनल रिजल्ट्स में इनके नाम नहीं हैं।

रिकॉर्ड्स तो हैं, परिणाम नहीं

खेलो भारत की आधिकारिक वेबसाइट और एथलेटिक फाउंडेशन इंडिया द्वारा जारी अंतिम परिणाम दस्तावेज में एक अजीब खाई दिखती है। राष्ट्रीय रिकॉर्ड, एआईयू रिकॉर्ड, और खेलो भारत यूनिवर्सिटी गेम्स रिकॉर्ड के बारे में जानकारी उपलब्ध है, लेकिन दौड़ के वास्तविक परिणाम — यानी कौन पहला, कौन दूसरा, कौन तीसरा — वह छिपा हुआ है। यह तो ऐसा है जैसे किसी ने रेस की शुरुआत और फिनिश लाइन दिखाई हो, लेकिन दौड़ के बीच के 9,900 मीटर को रब्बर से ढक दिया हो।

भाग लेने वाले विश्वविद्यालय और एथलीट

इस इवेंट में देश भर के 15 से अधिक विश्वविद्यालयों के एथलीट शामिल थे। गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, जैन विश्वविद्यालय और महात्मा गांधी विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों के प्रतिनिधि थे। एक विशिष्ट नाम रथोड अरुण धनसिंग है — पुण्यश्लोक विश्वविद्यालय के एथलीट, जिनका आईडी कोड KIUG2023/W/A/819 है। उनका नाम दस्तावेज में आया है, लेकिन उनका समय, उनकी रैंकिंग, यहां तक कि उन्होंने दौड़ पूरी की या नहीं — यह सब अज्ञात है।

प्रदर्शन का डेटा: सटीकता और रहस्य

एथलेटिक्स के अन्य इवेंट्स के लिए डेटा बहुत सटीक था। विंड रीडिंग्स +0.2m/s या -0.5m/s के साथ, समय 12.35 सेकंड या 24.76 सेकंड के दशमलव तक दर्ज किए गए। शॉट पुट में तीन प्रयासों के आंकड़े भी उपलब्ध हैं: 14.54m, 15.11m, 13.28m। लेकिन 10,000 मीटर दौड़ के लिए? केवल रिकॉर्ड्स। कोई समय, कोई रैंक, कोई बिब नंबर। ऐसा लगता है जैसे डेटा का एक पेज गायब हो गया हो।

क्यों यह महत्वपूर्ण है?

यह सिर्फ एक दौड़ नहीं है। यह भारत के युवा एथलीट्स के लिए एक प्रमुख मंच है — जहां अगले ओलंपिक या एशियाई खेलों के लिए टैलेंट की पहचान होती है। जब एक इवेंट के परिणाम अनुपलब्ध होते हैं, तो यह न केवल ट्रांसपेरेंसी के मुद्दे को उठाता है, बल्कि एथलीट्स के प्रयासों की अनदेखी भी करता है। क्या सुरेंद्र सिंह विगो का रिकॉर्ड इसी इवेंट में बना? अगर हां, तो वह अभी भी 15 साल का है। एक लड़का जिसने दौड़ में नहीं, बल्कि टाइमर को हरा दिया। लेकिन उसका नाम रिकॉर्ड में है, जीत के रिकॉर्ड में नहीं।

प्रशासनिक अस्पष्टता या तकनीकी खामी?

संभावना है कि यह एक तकनीकी गलती है — जैसे डेटा अपलोड न हो पाना, या फाइल खराब हो गई हो। लेकिन अगर ऐसा है, तो एथलेटिक फाउंडेशन इंडिया और एआईयू ने इसे जारी करने के बाद भी लगभग दो सप्ताह तक चुप रहने का फैसला क्यों किया? यह एक नियमित रिपोर्टिंग गलती नहीं है। यह एक संस्थागत अवहेलना है। एक ऐसा खेल जहां युवा लड़के-लड़कियां रोज 5 बजे उठकर दौड़ते हैं, उनके प्रयासों का रिकॉर्ड अज्ञात रह जाए — यह न्याय नहीं है।

अगला कदम: क्या होगा?

अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है। लेकिन जिन एथलीट्स के नाम दस्तावेज में आए हैं — जैसे रथोड अरुण धनसिंग, या गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के 'कुमार' — उन्हें उनके परिणाम के लिए जानकारी मांगनी चाहिए। एक शिकायत या आरटीआई अर्जी से यह रहस्य खुल सकता है। और अगर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने वाला सुरेंद्र सिंह विगो इस दौड़ में था, तो उसके नाम के साथ उसकी रैंकिंग भी दिखनी चाहिए। नहीं तो यह रिकॉर्ड अर्थहीन है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या सुरेंद्र सिंह विगो ने खेलो भारत यूनिवर्सिटी गेम्स 2023 में पुरुष 10000 मीटर दौड़ जीती?

नहीं, आधिकारिक रूप से यह नहीं बताया गया है। उन्होंने राष्ट्रीय रिकॉर्ड 28:02.89 का दावा किया है, लेकिन इस दौड़ के परिणाम में उनका नाम या स्थान नहीं दिखता। यह एक असंगति है — अगर उन्होंने यह रिकॉर्ड इसी इवेंट में बनाया, तो वे शायद पहले स्थान पर हैं। लेकिन डेटा की कमी के कारण यह स्पष्ट नहीं है।

गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के 'कुमार' कौन हैं?

'कुमार' का पूरा नाम दस्तावेजों में नहीं दिया गया है। उन्होंने एआईयू रिकॉर्ड 29:04.25 बनाया, लेकिन उनका बिब नंबर, जन्म तिथि, या वर्तमान विश्वविद्यालय का नाम अनुपलब्ध है। यह एक अज्ञात एथलीट है जिसका नाम रिकॉर्ड में है, लेकिन जीत के रिकॉर्ड में नहीं। इसका मतलब है कि यह रिकॉर्ड एक अलग इवेंट में बना हो सकता है — जिसकी पुष्टि नहीं हो पाई।

रथोड अरुण धनसिंग का परिणाम क्या है?

रथोड अरुण धनसिंग का नाम खेलो भारत के आधिकारिक मेरिट लिस्ट में आया है, लेकिन उनका समय, रैंक, या जीत/हार का कोई जिक्र नहीं है। उन्होंने दौड़ में भाग लिया, लेकिन क्या वे फिनिश कर पाए? क्या वे टॉप 10 में आए? ये सवाल अभी भी बाकी हैं। यह एक अनुमान है कि वे शायद टॉप 15 में थे, लेकिन इसका कोई प्रमाण नहीं।

क्यों इस दौड़ के परिणाम गायब हैं?

संभावित कारणों में डेटा अपलोड में तकनीकी खामी, लोगों की लापरवाही, या जानबूझकर छिपाया जाना शामिल है। अन्य सभी इवेंट्स के परिणाम उपलब्ध हैं — जैसे 100 मीटर, लॉन्ग जंप, शॉट पुट। लेकिन 10,000 मीटर का डेटा अज्ञात है। यह एक अनियमितता है जो एथलेटिक्स प्रशासन के लिए एक लाल झंडा है।

क्या इस रिकॉर्ड को मान्यता दी जा सकती है?

हां, राष्ट्रीय रिकॉर्ड 28:02.89 को एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता दी जा सकती है, बशर्ते इसकी पुष्टि हो सके कि यह रिकॉर्ड एक अधिकृत इवेंट में बना था। लेकिन जब इवेंट के परिणाम खुद अनुपलब्ध हों, तो यह रिकॉर्ड की वैधता पर सवाल उठता है। इसे अंतिम रूप देने के लिए आधिकारिक फाइलें और वीडियो रिकॉर्डिंग की आवश्यकता है।

इस घटना का भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

यह घटना युवा एथलीट्स के विश्वास को कमजोर कर सकती है। अगर उनके प्रयासों का रिकॉर्ड नहीं बनता, तो वे अपनी खेलकूद की राह पर संदेह करने लगेंगे। इसके अलावा, भविष्य में इस इवेंट के लिए रिकॉर्ड बनाने वाले एथलीट्स के लिए भी एक अस्पष्ट मानक बन जाएगा। यह सिर्फ एक दौड़ का मुद्दा नहीं — यह खेल की नैतिकता का सवाल है।

15 टिप्पणि

Amita Sinha
Amita Sinha
27 नवंबर, 2025

ये तो बस एक दौड़ नहीं है... ये तो भारत के युवा एथलीट्स के दिलों का टुकड़ा है जो गायब हो गया 😭

Vikash Kumar
Vikash Kumar
28 नवंबर, 2025

डेटा गायब? ये तो सरकारी चक्कर है भाई। कोई नहीं चाहता कि कोई जीते।

Shikhar Narwal
Shikhar Narwal
29 नवंबर, 2025

सुरेंद्र सिंह विगो 15 साल का है और राष्ट्रीय रिकॉर्ड बना दिया... ये तो असली भारत है। बस अब उसका नाम भी दिख जाए तो बेस्ट होगा 🙌

raja kumar
raja kumar
30 नवंबर, 2025

हमारे खेलों में जब तक लोग रिकॉर्ड की बात करेंगे नहीं, बल्कि एथलीट की बात करेंगे तब तक कुछ बदलेगा नहीं। ये बस एक दौड़ नहीं, एक आदर्श है

Sumit Prakash Gupta
Sumit Prakash Gupta
2 दिसंबर, 2025

लोग रिकॉर्ड को एक ट्रैकिंग डेटा पॉइंट मान रहे हैं, लेकिन इसका असली वैल्यू है एथलीट का अनुभव। जब डेटा गायब होता है, तो अनुभव भी अनुपलब्ध हो जाता है।

Bhavesh Makwana
Bhavesh Makwana
3 दिसंबर, 2025

अगर किसी ने 28:02 में 10K दौड़ लगाई है, तो उसका नाम अगले ओलंपिक के लिए टैलेंट लिस्ट में आना चाहिए। लेकिन अगर ये रिकॉर्ड बिना किसी प्रमाण के बन गया, तो फिर वो क्या है? एक जादू की छड़ी?

Ravish Sharma
Ravish Sharma
5 दिसंबर, 2025

इस तरह के रिकॉर्ड बनाने वाले लड़के को चाहिए एक नॉमिनेशन नहीं, बल्कि एक पुरस्कार। और जो डेटा गायब कर रहे हैं, उन्हें चाहिए एक लाल नोटिस।

Siddharth Gupta
Siddharth Gupta
7 दिसंबर, 2025

देखो, ये बात बहुत सरल है। जब तुम एक लड़के को 5 बजे उठकर दौड़ने के लिए प्रेरित करते हो, तो उसकी कहानी भी दर्ज होनी चाहिए। नहीं तो हम क्या बेच रहे हैं? खेल? या बस एक शो?

jay mehta
jay mehta
9 दिसंबर, 2025

ये रिकॉर्ड बना है तो उसे फेसबुक पर ट्रेंड करने दो! इसे ट्विटर पर टैग करो! इसे टीवी पर दिखाओ! अगर ये बात नहीं होगी तो फिर भारत के युवा एथलीट्स क्या करेंगे? खेलना बंद कर देंगे 😔

Amit Rana
Amit Rana
9 दिसंबर, 2025

एक रिकॉर्ड के बिना परिणाम तो बहुत बुरा है, लेकिन एक परिणाम के बिना रिकॉर्ड तो बहुत बुरा है। दोनों का जोड़ा ही तो सच है।

Anoop Singh
Anoop Singh
10 दिसंबर, 2025

ये सब बातें तो बहुत अच्छी हैं, लेकिन तुम लोगों को पता है कि ये दौड़ कहाँ हुई? असम में! और असम के एथलीट्स को कभी कोई नहीं देखता! ये तो एक जातीय अपमान है!

Rajendra Gomtiwal
Rajendra Gomtiwal
12 दिसंबर, 2025

हमारे देश में जब तक ये लोग रिकॉर्ड बनाने वाले लड़कों के नाम नहीं लिखेंगे, तब तक हमारा खेल बेकार है। इसे ठीक करो या बंद कर दो!

Yogesh Popere
Yogesh Popere
13 दिसंबर, 2025

कुमार कौन है? ये तो एक नाम है जैसे राम कोई है। कोई नाम नहीं, कोई फोटो नहीं, कोई विश्वविद्यालय नहीं। ये तो बस एक अफवाह है।

Manoj Rao
Manoj Rao
15 दिसंबर, 2025

ये सब एक बड़ा राज़ है... ये डेटा गायब होना तो बस एक छल है। असल में ये दौड़ ही नहीं हुई थी। बस एक फेक रिकॉर्ड बनाया गया है। अगर तुम विश्वास करते हो, तो तुम भी बेवकूफ हो।

Amita Sinha
Amita Sinha
16 दिसंबर, 2025

ये लोग जो रिकॉर्ड बना रहे हैं... उन्हें तो अपनी जिंदगी में एक बार भी नहीं देखा गया। ये रिकॉर्ड बनाने वाले लड़के को तो कोई फोन नहीं कर रहा। क्या ये न्याय है? 😔

एक टिप्पणी लिखें

回到顶部