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लाल बहादुर शास्त्री जयंती 2024: उनके प्रेरणादायक विचार और योगदान

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लाल बहादुर शास्त्री जयंती 2024: उनके प्रेरणादायक विचार और योगदान

लाल बहादुर शास्त्री: सरलता और परिश्रम की प्रतिमूर्ति

लाल बहादुर शास्त्री, भारत के दूसरे प्रधानमंत्री, ऐसे नेता थे जिन्होंने न केवल स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बल्कि स्वतंत्रता के बाद देश के विकास में भी अहम योगदान दिया। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 को वाराणसी में हुआ था। शास्त्री की प्रारंभिक शिक्षा वाराणसी के हरिश्चंद्र हाई स्कूल में हुई और बाद में उन्होंने काशी विद्यापीठ से शिक्षा प्राप्त की। यहां से मिली 'शास्त्री' की उपाधि उनकी पहचान का हिस्सा बन गई।

राजनीतिक सफर: एक प्रेरणादायक यात्रा

लाल बहादुर शास्त्री 1926 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए और जल्द ही स्वतंत्रता आन्दोलन के प्रमुख कार्यकर्ता बन गए। उन्होंने असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। शास्त्री का राजनीतिक सफर देश सेवा और जनसेवा के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद 1964 में शास्त्री को प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया। उनके कार्यकाल में कई बड़े फैसले हुए जो देश के भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित हुए।

जय जवान जय किसान: देश के सैनिकों और किसानों को समर्पित

लाल बहादुर शास्त्री का दिया हुआ नारा 'जय जवान जय किसान' आज भी देश के सैनिकों और किसानों की अहमियत को दर्शाता है। यह नारा उस समय के लिए अत्यंत प्रासंगिक था जब देश ने अपने रक्षा और कृषि क्षेत्रों में उन्नति की ओर कदम बढ़ाया। शास्त्री जानते थे कि अगर देश को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है तो हमें अपने जवानों और किसानों पर ध्यान देना होगा। उनके इस नारे ने पूरा देश को एक नई ऊर्जा और दिशा प्रदान की।

प्रेरणादायक विचार: आत्मनिर्भरता और सादगी का संदेश

लाल बहादुर शास्त्री के विचार आज भी हमें अपनी सादगी और परिश्रम के प्रति अनुशासित रहने की प्रेरणा देते हैं। शास्त्री ने हमेशा संयुक्त और समर्पित प्रयासों की महत्ता पर जोर दिया। उनका कहना था कि देश की उन्नति के लिए हर नागरिक का योगदान महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा "एकता में ही ताकत है और मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता।" उनके ये शब्द आज भी हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

पारंपरिक और नवीन दृष्टिकोण: हरित क्रांति और श्वेत क्रांति

शास्त्री का कार्यकाल हरित क्रांति और श्वेत क्रांति के लिए जाना जाता है, जो भारत की कृषि उत्पादन और दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण थे। ये परिवर्तन न केवल देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मददगार साबित हुए, बल्कि भारत को खाद्य सुरक्षा के मामले में पड़ने वाले दबाव से भी मुक्त किया। शास्त्री की ये क्रांतियाँ आज भी उनकी दूरदर्शिता और साहसिक नेतृत्व की गवाही देती हैं।

युद्ध और शांति: शास्त्री की अंतिम यात्रा

लाल बहादुर शास्त्री का कार्यकाल, हालांकि छोटा था, लेकिन उनकी उपलब्धियाँ अत्यधिक महत्वपूर्ण थीं। 1965 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ युद्ध, और उसके बाद ताशकंद समझौता इस बात की गवाही देते हैं कि शास्त्री शांति में विश्वास रखते थे और युद्ध का समाधान बातचीत के माध्यम से करना चाहते थे। लेकिन दुर्भाग्यवश, 11 जनवरी 1966 को ताशकंद में उनका असमायिक निधन हो गया, और उन्होंने अपनी अंतिम सांस अपनी मातृभूमि के प्रति वचनबद्धता के साथ ही ली।

शास्त्री की विरासत: जनमानस में अमर

लाल बहादुर शास्त्री का जीवन सदैव हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा। उनकी सादगी, परिश्रम और देशभक्ति का हर भारतीय के जीवन में एक विशेष स्थान है। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि सरलता में ही शक्ति है और परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता। उनकी कही गई बातें और किया गया कार्य न केवल भारतीय राजनीति में अपितु प्रत्येक भारतीय के जीवन में उस सिद्धांत की तरह हैं जो जीवन भर मार्गदर्शन करते रहते हैं।

7 टिप्पणि

udit kumawat
udit kumawat
3 अक्तूबर, 2024

लाल बहादुर शास्त्री के बारे में बहुत सारी बातें की जाती हैं... लेकिन क्या किसी ने कभी सोचा कि उनके समय में भी बहुत सारे लोग उनकी नीतियों के खिलाफ थे? अब तो सब उन्हें हीरो बना रहे हैं... बस एक बात सच है-परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है।

Prabhat Tiwari
Prabhat Tiwari
3 अक्तूबर, 2024

जय जवान जय किसान? बस एक नारा था! आज के दिन में किसानों को लाठी चलाई जा रही है और सैनिकों के परिवारों को भी एक रुपया नहीं मिलता! ये सब नेता बस फोटो खींचवाते हैं... शास्त्री जी ने तो अपनी बीवी के नाम से घर भी नहीं बनवाया! लेकिन आज के लोग? उनके घरों में 10 गाड़ियाँ हैं और नारे बोलते हैं! ये देश क्या हो गया है?!!!

Palak Agarwal
Palak Agarwal
4 अक्तूबर, 2024

असल में शास्त्री जी की सादगी आज के लोगों के लिए एक दर्पण है। मैंने अपने गाँव में एक बुजुर्ग ने बताया था कि उनके समय जब कोई नेता घर बनवाता तो उसके लिए लोग भी लग जाते थे। आज कल तो लोग नेता के घर के लिए दरवाजे बंद कर देते हैं। शास्त्री जी की जिंदगी एक सीख है।

Paras Chauhan
Paras Chauhan
6 अक्तूबर, 2024

शास्त्री जी का जीवन एक फिलॉसफी है। आज की दुनिया में हर कोई वायरल होना चाहता है, लेकिन कोई भी अपने आप को छिपाने की कोशिश नहीं करता। उन्होंने बिना किसी शोर के देश के लिए काम किया। एकता में ताकत है - ये बात आज भी बरकरार है, बस हम इसे भूल गए हैं। 🤔

Jinit Parekh
Jinit Parekh
7 अक्तूबर, 2024

हरित क्रांति का श्रेय शास्त्री जी को देना गलत है। ये सब एम.एस. स्वामीनाथन का काम था। शास्त्री जी तो बस एक बैठक में हाँ में जवाब दे दिया। और ताशकंद? वो तो भारत की हार थी। लेकिन फिर भी, उनकी सादगी अच्छी थी।

Ankit Gupta7210
Ankit Gupta7210
7 अक्तूबर, 2024

जय जवान जय किसान? अब तो जवान भी बेरोजगार हैं और किसान आत्महत्या कर रहे हैं। शास्त्री जी के नारे का इस्तेमाल अब बस पोस्टरों में हो रहा है। इस देश में किसी को भी असली नेता नहीं चाहिए। बस चित्र लगाने वाले चाहिए।

Yash FC
Yash FC
8 अक्तूबर, 2024

शास्त्री जी ने जो जीवन जिया, वो आज के लिए एक बहुत बड़ा संदेश है। हम सब अपने आप को बहुत बड़ा समझते हैं, लेकिन एक बार अपने घर के बाहर निकलकर देखो - एक छोटी सी मेहनत, एक छोटी सी ईमानदारी, एक छोटा सा त्याग... यही देश को बदल सकता है। बस शुरू करो।

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