नीरज चोपड़ा, जो गत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता हैं, ने पेरिस ओलंपिक्स में एक वीरतापूर्ण प्रदर्शन करते हुए 89.34 मीटर का भाला फेंका। इस उत्कृष्ट फेंकने के साथ उन्होंने फाइनल में अपनी जगह सुनिश्चित की है। यह प्रदर्शन न केवल उनके व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ फेंकों में दूसरे स्थान पर है बल्कि वैश्विक चैम्पियनशिप में अब तक का उनका सबसे अच्छा फेंक भी है। इससे पहले, उन्होंने स्टॉकहोम में 89.94 मीटर का फेंक किया था, जो उनके करियर का बेस्ट प्रदर्शन था।
चोपड़ा का यह प्रदर्शन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि वह ओलंपिक्स में दो व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बनने का लक्ष्य रखते हैं। अगर वे इस बार भी स्वर्ण पदक जीतते हैं तो वह ओलंपिक इतिहास में केवल पांचवे ऐसे खिलाड़ी होंगे जिन्होंने पुरुषों के भाला फेंक में अपने ताज की रक्षा की है।
फाइनल मुकाबला 8 अगस्त को रात 11:50 बजे निर्धारित किया गया है और लोग बेसब्री से उसके प्रदर्शन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इस साल केवल तीन इवेंट्स में भाग लेने के बावजूद, नीरज चोपड़ा ने अपनी शानदार फार्म को दर्शाया है, जो उन्हें मजबूत दावेदार बनाता है।
नीरज चोपड़ा के प्रमुख प्रतिस्पर्धियों में जर्मनी के जूलियन वेबर, पूर्व विश्व चैम्पियन एंडरसन पीटर्स और चेक गणराज्य के जैकब वाड्रलजच शामिल हैं। हालांकि, नीरज का आत्मविश्वास और उनकी शक्ति ही उनकी असली ताकत है, जो उन्हें इस प्रतिस्पर्धा में अन्य सभी से अलग बनाती है।
नीरज चोपड़ा इस साल एक एडडक्टर समस्या से जूझ रहे थे, जिसके कारण उन्हें ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक इवेंट से ऐहतियातन बाहर होना पड़ा था। हालांकि, उन्होंने अपने खेल में वापसी की और फिनलैंड में पावो नुरमी खेलों में 85.97 मीटर का भाला फेंका। उनका यह प्रदर्शन यह बताता है कि वह पूरी तरह से फिट और तैयार हैं। उनके कोच ने सभी को आश्वासन दिया है कि नीरज हाई-इंटेन्सिटी प्रशिक्षण के दौर से गुजर रहे हैं और वह आगामी फाइनल में अपना पूरा फोकस लगाएंगे।
पाकिस्तान के अरशद नदीम ने भी नीरज चोपड़ा के साथ फाइनल में जगह बनाई है, जबकि एक अन्य भारतीय खिलाड़ी किशोर जेना फाइनल्स के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके, उनका सर्वश्रेष्ठ फेंक 80.73 मीटर का था।
फाइनल मुकाबले की तैयारियों के बीच, नीरज चोपड़ा अपनी महत्वाकांक्षाओं को साकार करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। उनका उद्देश्य केवल स्वर्ण पदक जीतना ही नहीं है, बल्कि भारतीय खेल जगत के लिए एक मिसाल कायम करना है। नीरज की यह सफलता न केवल उनकी मेहनत का फल है, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय भी है।
नीरज चोपड़ा का यह सफर निश्चित रूप से हर भारतीय को प्रेरित करेगा और उम्मीद है कि वे अपने इस सपने को साकार कर हमें फिर से गर्व के साथ ओलंपिक की पदक तालिका में स्थान दिलाएंगे।
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