जब मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म दिवस गांधी जयंती राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है, तो भारत के कई स्कूल बंद रहेंगे। लेकिन इस बार अक्टूबर के माह में, स्कूल की छुट्टियों का कैलेंडर थोड़ा‑बहुत जटिल हो गया है—धार्मिक त्यौहार, प्रदेश‑विशेष आँकलन, और अचानक बारिश‑भारी‑बाढ़ जैसी जलवायु‑घटनाएँ सब एक साथ आती हैं। यहाँ हम अक्टूबर 2025 की हर बंदी को दिन‑ब-दिन, राज्य‑दर‑राज्य, और कारण‑अनुसार देखते हैं, ताकि अभिभावक‑छात्र दोनों ही सही‑समय पर योजना बना सकें।
अक्टूबर का पहला स्कूल‑बंद दिवस महा नवमी (1 अक्टूबर, बुधवार) है, जो नवरात्रि का नौवां दिन है और कई बोर्ड स्कूल इसे ‘रिस्ट्रिक्टेड हॉलिडे’ मानते हैं। अगले ही दिन, 2 अक्टूबर (गुरुवार), दो बड़े अवकाश एक साथ आते हैं—राष्ट्रीय स्तर पर गांधी जयंती और दुर्गा द्वादशी (दुस्सेहरा)। इस दो‑घण्टी वाली छुट्टी की वजह से लगभग सभी स्कूल दो दिन के लिए बंद रहेंगे।
इसके बाद 7 अक्टूबर (मंगलवार) को महारिषि वाल्मीकि जयंती मनाई जाती है, खासकर उत्तर भारत में जहाँ रामायण के रचनाकार को सम्मानित करने की परंपरा है। 8‑10 अक्टूबर के बीच, पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में भारी बारिश और लैंडस्लाइड के कारण अचानक बंदी लागू हो सकती है। इसी समय, कर्नाटक में 8‑18 अक्टूबर तक कर्नाटक के कई स्कूल कास्ट सर्वे कार्य के कारण बंद रहेंगे। हिमाचल प्रदेश में भी 8‑9 अक्टूबर को संभावित बर्फ़ीला मौसम और बाढ़ के खतरे के कारण स्कूल बंदी की संभावना है।
आगे चलकर 10 अक्टूबर (शुक्रवार) को करवा चौथ एक रिस्ट्रिक्टेड हॉलिडे के रूप में पड़ता है, जबकि 15 अक्टूबर (बुधवार) को मुहर्रम/अशुरा इस्लामी समुदाय का प्रमुख त्यौहार है। 18 अक्टूबर (रविवार) को धनत्रय से दिवाली की तैयारियां शुरू होती हैं, और 20 अक्टूबर (सोमवार) से नरक चतुर्दशी व दीपावली गजेटेड तथा रिस्ट्रिक्टेड दोनों प्रकार की छुट्टियों के साथ 2‑3 दिन की विस्तृत छुट्टी शुरू होती है। 22 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा, और 23 अक्टूबर को भाई दूज भी कई राज्यों में स्कूल बंदी के रूप में दर्ज है।
राष्ट्रीय स्तर पर घोषित अवकाशों में सबसे प्रमुख हैं गांधी जयंती और दुर्गा द्वादशी (दुस्सेहरा)। शिक्षा मंत्रालय ने कहा, “इन दो बड़े दिनोँ के कारण सभी सरकारी और कई निजी स्कूल बंद रहेंगे; यह छात्रों को सांस्कृतिक, राष्ट्रीय भावना और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने का अवसर देता है।” सरकार ने यह भी जोड़ा कि CBSE ( केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) ने इन तिथियों को आधिकारिक कैलेंडर में सम्मिलित किया है, जिससे बोर्ड‑स्तर के परीक्षाओं में कोई बाधा नहीं आएगी।
हर साल जैसा होता है, इस वर्ष भी बहुत से राज्य‑स्तर के बोर्ड इन राष्ट्रीय अवकाशों को अपना लीड गुरु मानते हैं, परन्तु इनके अतिरिक्त कुछ प्रारम्भिक छुट्टियां अलग‑अलग हो सकती हैं। उदाहरण के तौर पर, उत्तर प्रदेश और बिहार में नवरात्रि के दौरान स्कूल पाँच‑छह दिन तक बंद रह सकते हैं, जबकि दक्षिण भारत में उन दिनों में सामान्य तौर पर पढ़ाई चलती रहती है। यही कारण है कि अभिभावकों को अपने स्कूल की आधिकारिक सूचनाओं पर नज़र रखनी चाहिए।
दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल) में 8‑10 अक्टूबर को तीव्र वर्षा और लैंडस्लाइड की संभावना के कारण कई स्कूल अस्थायी रूप से बंद रहने की घोषणा कर चुके हैं। जागरण जॉश ने बताया कि प्रशासनिक चेतावनी जारी करने के बाद, स्थानीय शिक्षा विभाग ने छात्रों को सुरक्षित क्षेत्रों में रहने की सलाह दी।
कर्नाटक में 8‑18 अक्टूबर को समुदाय‑स्तर कास्ट सर्वे चल रहा है; इस कारण कई ग्रामीण स्कूल अस्थायी रूप से बंद रहेंगे। हालाँकि, शहरी क्षेत्रों में यह सर्वे कम प्रभावी रहेगा, इसलिए छात्र‑अभिभावकों को अपने जिले के अनुसूची को दोबारा जांचना चाहिए।
हिमाचल प्रदेश में 8‑9 अक्टूबर को इंडिया मीटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने अपेक्षित बाढ़ और हिम‑पात के कारण सुरक्षा चेतावनी जारी की है। कई हिमाचली स्कूल ने इस चेतावनी के जवाब में सुबह‑बिहान बंदी का फैसला किया है, जिससे छात्र‑अभिभावकों को विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा के दौरान सतर्क रहने का आह्वान किया गया है।
राष्ट्रीय स्तर पर इंटरनेशनल स्कूल गुवाहाटी द्वारा जारी CBSE अवकाश सूची के अनुसार, ऑटम ब्रेक 27 सितंबर (शनिवार) से 6 अक्टूबर (सोमवार) तक 10‑दिन की अवधि में शामिल है। इस दौरान अधिकांश बोर्ड स्कूल और कई निजी संस्थान पढ़ाई बंद रखते हैं, जिससे छात्रों को एक लम्बा रिफ्रेश ब्रेक मिलता है।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि हर राज्य में स्कूल‑छुट्टियों की अवधि अलग‑अलग हो सकती है। उदाहरण के लिये, तमिलनाडु में अक्सर ऑटम ब्रेक को अगले महीने की शुरुआत में स्थानांतरित किया जाता है, जबकि महाराष्ट्र में नवरात्रि के दौरान अतिरिक्त बंदी लागू हो सकती है। इसलिए, केवल राष्ट्रीय कैलेंडर पर भरोसा न करें; अपने स्कूल की आधिकारिक वेबसाइट या सूचना‑पत्र देखना जरूरी है।
भविष्य में अचानक मौसम‑परिवर्तन या सरकारी डिक्री के कारण स्कूल बंदी लागू हो सकती है। इंडिया मीटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट की मौसम‑सुनिश्चित रिपोर्ट को दैनिक रूप से देखना अच्छा रहेगा, खासकर दार्जिलिंग, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे जलवायु‑संवेदनशील क्षेत्रों में।
जागरण जॉश ने अभिभावकों को सलाह दी, “स्कूल की आधिकारिक वेबसाइट, SMS अलर्ट, और स्थानीय प्रशासनिक अधिसूचनाओं पर नियमित नज़र रखें। किसी भी आपात‑स्थिति में बच्चे को सुरक्षित स्थान पर रखें और यात्रा से पहले रास्तों की जाँच करें।”
अंत में, यदि आपके बच्चे का स्कूल लैंडस्लाइड‑प्रवण इलाके में है, तो कॉलेज‑नीति के तहत रिमोट लर्निंग की व्यवस्था उपलब्ध हो सकती है। इस विकल्प के बारे में अपने प्रिंसिपल से पूछें और आवश्यक टेक्रिकल सपोर्ट पहले से तैयार रखें।
गांधी जयंती (2 अक्टूबर, गुरुवार) और दुर्गा द्वादशी (2 अक्टूबर, गुरुवार) एक साथ राष्ट्रीय स्तर पर गजेटेड अवकाश हैं। इसलिए भारत के सभी सरकारी स्कूल उसी दिन बंद रहते हैं, जबकि कुछ निजी स्कूल रिस्ट्रिक्टेड हॉलिडे के रूप में केवल दोपहर तक ही बंद होते हैं।
कर्नाटक सरकार ने 8 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक चलने वाले व्यापक कास्ट सर्वे के तहत कई ग्रामीण स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्देश दिया है। यह सर्वे सामाजिक‑आधारित डेटा एकत्र करने के लिए है और शिक्षा विभाग ने सुरक्षा व व्यवधान से बचने के लिए यह कदम उठाया है।
दुर्भाग्यवश, 8‑10 अक्टूबर को दार्जिलिंग में तीव्र वर्षा और लैंडस्लाइड की भविष्यवाणी है। स्थानीय शिक्षा विभाग ने पहले ही चेतावनी जारी कर कई स्कूलों को बंद कर दिया है। अभिभावकों को स्थानीय प्रशासन की सलाह माननी चाहिए और बच्चों को घर में ही रखना बेहतर रहेगा।
ऑटम ब्रेक (27 सितंबर‑6 अक्टूबर) के दौरान कई स्कूल अतिरिक्त सामुदायिक कार्यशालाओं, खेल‑कम्प और विज्ञान‑प्रयोगशाला सत्र आयोजित करते हैं। CBSE की दिशा‑निर्देशों के अनुसार, ये गतिविधियां शैक्षणिक मानकों से मेल खाती हों, इसलिए अभिभावक स्कूल या जिला बोर्ड से कार्यक्रम की विस्तृत सूची ले सकते हैं।
दीवाली (20 अक्टूबर) के दौरान ट्रैफिक भारी रहता है और कई सड़कों पर रोशनी की व्यवस्था बदलती है। इसलिए छात्र‑अभिभावकों को स्थानीय पुलिस के ट्रैफ़िक नियंत्रण निर्देशों का पालन करना चाहिए, और सम्भव हो तो सार्वजनिक परिवहन या राइड‑शेयरिंग का उपयोग करना चाहिए। साथ ही, मौसम विभाग की धुंध और तेज़ हवा की चेतावनी को नजरअंदाज न करें।
11 टिप्पणि
Rahuk Kumar
9 अक्तूबर, 2025अक्टूबर में विभिन्न राज्य‑स्तरीय अवकाशों के समकालिक विश्लेषण हेतु एकीकृत डेटा मॉडल का इंटेग्रेशन आवश्यक है, विशेषकर कास्ट‑सर्वे इम्पैक्ट एनालिसिस में
Riddhi Kalantre
12 अक्तूबर, 2025देशभक्ति की भावना के साथ कहूँ तो यह बहुत ही सराहनीय है कि हमारे शासक ने गांधी जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित कर पूरे भारत में एकता का प्रदर्शन किया है, ऐसा कदम हम सभी को गर्व होना चाहिए
Jyoti Kale
15 अक्तूबर, 2025यह अत्यंत दुर्लभ घटना है कि कुछ राज्य अभी भी अक्टूबर में अनावश्यक स्कूल बंदी को प्राथमिकता देते हैं जबकि राष्ट्रीय महत्त्व के त्यौहारों का सम्मान लापरवाह होना कोई समझदार नीति नहीं
Ratna Az-Zahra
19 अक्तूबर, 2025व्यक्तिगत तौर पर मैं देखती हूँ कि अधिकांश अभिभावक मौसम‑सूचना को नजरअंदाज करके अपने बच्चों को जोखिम में डालते हैं, यह रवैया सामाजिक जिम्मेदारी के खिलाफ है
Nayana Borgohain
22 अक्तूबर, 2025हर छुट्टी एक अवसर है आत्मनिरीक्षण का 🌱
Abhishek Saini
26 अक्तूबर, 2025भाइयों और बहनों, इस अक्टूबर में जब बाढ़ की चेतावनी आये तो स्कूल में ऑनलाइन क्लासेस रखो, इससे बच्चों को पढ़ाई में रुकावट नहीं होगी और सुरक्षित भी रहेंगे
Parveen Chhawniwala
29 अक्तूबर, 2025मैं स्पष्ट रूप से कहूँगी कि कर्नाटक का कास्ट सर्वे केवल डेटा संग्रह नहीं बल्कि सामाजिक संरचना में पुनर्रचना का माध्यम है, इसलिए ग्रामीण स्कूलों का अस्थायी बंद होना अनिवार्य था
Saraswata Badmali
2 नवंबर, 2025ऑक्टूबर 2025 का शैक्षणिक कैलेंडर एक बहु‑आयामी जटिलता को प्रतिबिंबित करता है, जिससे नीति निर्माता और अभिभावक दोनों को विस्तृत विमर्श की आवश्यकता उत्पन्न होती है।
पहले चरण में, महा नवमी को 'रिस्ट्रिक्टेड हॉलिडे' के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जबकि वास्तविक कार्य दिवसों पर इसका प्रभाव अक्सर अनुचित रूप से कम आँका जाता है।
द्वितीय चरण में, गांधी जयंती और दुर्गा द्वादशी का समकालिक उपयोग राष्ट्रीय एकता के सौंदर्य के साथ-साथ शैक्षणिक व्यवधान का कारण बनता है, जो अनुशासनात्मक दुविधाओं को जन्म देता है।
वहीं, व्यावहारिक दृष्टिकोण से कर्नाटक का कास्ट सर्वे 8‑18 अक्टूबर को विस्तारित अवधि में व्यवस्थित किया गया है, जिसका प्राथमिक लक्ष्य सामाजिक डेटा का संग्रहण है, परन्तु इसका शैक्षिक प्रभाव बहुगुणात्मक है।
हिमाचल प्रदेश में बाढ़‑हिमपात की संभावना को देखते हुए, 8‑9 अक्टूबर को अस्थायी विद्यालय बंदी अनिवार्य प्रतीत होती है, जिससे छात्रों की सुरक्षा प्राथमिकता बनती है।
दार्जिलिंग के शैक्षिक संस्थान, जिन्हें प्रायः वर्षा‑संकुल कहा जाता है, 8‑10 अक्टूबर के बीच लैंडस्लाइड जोखिम के कारण बंदी लागू कर सकते हैं, जो पर्यावरणीय प्रतिकूलताओं के साथ तालमेल दर्शाता है।
इन विविध कारकों को मध्यस्थता करने हेतु, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने ऑटम ब्रेक को 27 सितंबर‑6 अक्टूबर तक विस्तारित किया है, जिससे छात्रों को पुनर्स्थापनात्मक विश्राम मिल सके।
परंतु, यह विस्तारित अवकाश शैक्षिक निरंतरता को बाधित करता है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहाँ परीक्षा‑तैयारी के चरण निकट आते हैं।
इस संदर्भ में, राज्य‑स्तरीय बोर्ड को चाहिए कि वे राष्ट्रीय कैलेंडर को स्थानीय परिस्थितियों के साथ एकीकृत कर एक लचीला शेड्यूल तैयार करें।
भविष्य में, जलवायु परिवर्तन की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए, स्कूल प्रशासन को आपातकालीन शैक्षिक मोड, जैसे रिमोट लर्निंग, को सुदृढ़ करना आवश्यक है।
ऐसा करने से न केवल शैक्षिक निरंतरता बनी रहेगी, बल्कि डिजिटल बेसिक की साक्षरता भी व्यापक होगी।
समाज के विभिन्न वर्गों के हितों की रक्षा हेतु, इस कैलेंडर में निहित विविधताएँ एक बहु‑परिप्रेक्ष्यीय संतुलन की माँग करती हैं।
अभिभावकों को चाहिए कि वे स्थानीय मौसम विभाग के सूचनाओं को निरंतर मॉनिटर करें और स्कूल के प्रशासनिक निर्देशों के आधार पर त्वरित निर्णय लें।
ऐसे प्रैक्टिकल उपाय न केवल छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे, बल्कि अभिभावकों और शिक्षकों के बीच विश्वास का पुल भी स्थापित करेंगे।
अतः, इस जटिल कैलेंडर को समझना और अनुकूलन करना एक सामूहिक प्रतिबद्धता का कार्य है, जिसके बिना शैक्षिक प्रणाली की स्थिरता जोखिम में पड़ेगी।
sangita sharma
5 नवंबर, 2025मैं मानती हूँ कि इस तरह की योजनाबद्ध छुट्टियों से बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ता है और हमें इसे अधिक सोच‑समझ कर करना चाहिए
PRAVIN PRAJAPAT
9 नवंबर, 2025उपर्युक्त तर्क में कुछ कमियां हैं; वास्तव में स्थानीय संस्कृति को ध्यान में रखे बिना एकरूपता लाना उचित नहीं है
shirish patel
12 नवंबर, 2025ऑक्टूबर में छुट्टी? बस, अब तो क्लासेस का टाइम टेबल भी फ्रीज़ हो गया 😂