हैदराबाद-विजयवाड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी बारिश और बाढ़ के कारण यातायात में भारी रुकावटें उत्पन्न हो गई हैं। पिछले कुछ दिनों में लगातार हुई भारी बारिश ने राजमार्ग को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। इस कारण, तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (TSRTC) द्वारा संचालन की जाने वाली बस सेवाएं अस्थायी रूप से रोक दी गई हैं।
बाढ़ के कारण, विजयवाड़ा से हैदराबाद जाने वाली बसें अब पिडगुराल्ला के माध्यम से पुनर्निर्देशित की जा रही हैं। इस नए मार्ग के कारण यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुँचने में अधिक समय लग रहा है और उन्हें अपरिचित रास्तों से गुजरना पड़ रहा है, जिससे कई तरह की असुविधा हो रही है। आमतौर पर, हैदराबाद-विजयवाड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग का उपयोग करने वाले यात्री अब वैकल्पिक मार्गों की तलाश में हैं।
हाल ही में हुई भारी बारिश ने पूरे क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न कर दी है। बाढ़ न केवल सड़क मार्गों को बाधित कर रही है, बल्कि कई अन्य सेवाओं और दैनिक जीवन को भी प्रभावित कर रही है। कई क्षेत्रों में पानी का स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुँच गया है, जिससे स्थानीय प्रशासन को सतर्कता बरतनी पड़ी है।
स्थानीय प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत के कार्य शुरू कर दिए हैं। अधिकारियों ने यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सलाह दी है और साथ ही उन्हें समस्याओं से निपटने के उपाय भी सुझाए हैं। इसके बावजूद, यातायात में आने वाली देरी और असुविधा ने यात्रियों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं।
बाढ़ की स्थिति सुधारने के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है। राजमार्ग को जल्द से जल्द चालू करने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। इस बीच, यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे सावधानीपूर्वक यात्रा करें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें। स्थानीय लोगों को भी प्रशासन के साथ सहयोग करने और आवश्यक सावधानियाँ बरतने की आवश्यकता है।
हैदराबाद-विजयवाड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर बाढ़ की समस्या ने एक गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी है। यात्रीगण जो इस राजमार्ग का उपयोग करते हैं, उन्हें अपनी यात्रा में सावधानियाँ बरतनी चाहिए और सुरक्षित मार्गों का चयन करना चाहिए। प्रशासन इस समस्या को समाधान करने के लिए लगातार प्रयासरत है और उम्मीद है कि जल्द ही सब कुछ सामान्य हो जाएगा।
8 टिप्पणि
INDRA SOCIAL TECH
2 सितंबर, 2024इस बाढ़ का असर सिर्फ सड़कों तक ही सीमित नहीं है। ये एक ऐसा संकेत है कि हमने बुनियादी ढांचे को कितना नज़रअंदाज़ कर दिया है। बारिश तो हर साल होती है, लेकिन हमारी योजनाएं अभी भी 1990 के दशक में फंसी हुई हैं।
sri yadav
4 सितंबर, 2024अरे भाई, ये सब तो सरकार की बेकारी का नतीजा है। जब तक बॉस के घर की चादर नहीं भीगेगी, तब तक कोई कुछ नहीं करेगा। इस राजमार्ग को बनाने में कितने करोड़ खर्च हुए? और अब एक बारिश से सब बर्बाद।
Pushpendra Tripathi
5 सितंबर, 2024आप सब भूल रहे हैं कि ये सिर्फ बाढ़ नहीं, ये एक जानबूझकर की गई नज़रअंदाज़ी है। राज्य सरकारें निजी कंपनियों को ठेके देती हैं, जो सिर्फ अपना फायदा देखती हैं। सड़क के नीचे ड्रेनेज नहीं बनाया गया, क्योंकि उसकी लागत अधिक थी। ये एक जानबूझकर का अपराध है।
Indra Mi'Raj
5 सितंबर, 2024मैंने इस रास्ते से अपनी बहन को अस्पताल ले जाना था और 6 घंटे फंस गईं। बस नहीं मिल रही थी, रास्ता बंद था, कोई मदद नहीं। लोग बस बैठे थे, बिना पानी के, बिना बैठने की जगह के। ये सिर्फ एक राजमार्ग नहीं है, ये जिंदगी है।
Harsh Malpani
6 सितंबर, 2024भाई ये तो हुआ ही क्यों? अब बस वाले भी नहीं आ रहे। मैंने तो अपना टिकट बुक कर लिया था, अब क्या करूँ? अगर कोई दूसरा रास्ता बता सके तो बताएं। धन्यवाद!
Prabhat Tiwari
7 सितंबर, 2024ये सब चीन और अमेरिका के षड्यंत्र हैं। उन्होंने हमारे राजमार्गों के लिए खराब सीमेंट भेजा है। वो जानते हैं कि जब बारिश होगी तो हमारी सड़कें बर्बाद हो जाएंगी। ये एक आर्थिक युद्ध है। अब तक किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया? हमारी सेना को इसकी जांच करनी चाहिए।
Palak Agarwal
7 सितंबर, 2024क्या कोई जानता है कि पिडगुराल्ला से होकर जाने वाली बसें कितनी देर से आती हैं? मैंने पिछले हफ्ते इस रास्ते से यात्रा की थी, 2 घंटे की देरी हुई थी। लेकिन अगर आप देरी के लिए तैयार रहें, तो ये रास्ता भी चलता है। बस थोड़ी सी धैर्य चाहिए।
Paras Chauhan
9 सितंबर, 2024बाढ़ के बाद जब लोग बात करते हैं तो उनका दिल भी भीग जाता है। ये जो राजमार्ग है, ये सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं, ये लोगों के जीवन के धागे हैं। हमें इसे बहाल करने के साथ-साथ भविष्य के लिए भी सोचना होगा। बेहतर ड्रेनेज, बेहतर नियोजन, और बेहतर जागरूकता। ये सब एक साथ चाहिए। 🌧️