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कर्नाटक के तुंगभद्रा डैम का गेट टूटा, बाढ़ का पानी छोड़ा गया

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कर्नाटक के तुंगभद्रा डैम का गेट टूटा, बाढ़ का पानी छोड़ा गया

घटना का विवरण

शनिवार रात, 10 अगस्त 2024, को कर्नाटक के तुंगभद्रा डैम में एक बड़ा हादसा हुआ। डैम का एक महत्वपूर्ण गेट, जिसे क्रेस्ट गेट के नाम से जाना जाता है, टूट गया और इसके परिणामस्वरूप बाढ़ का पानी निचली तरफ बहा गया। यह घटना होसपेट, कर्नाटक में हुई और इससे लगभग 35,000 क्यूसेक पानी कृष्णा नदी में छोड़ा गया।

आपातकालीन प्रबंध और चेतावनी

घटना के तुरंत बाद, आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (APSDMA) ने निकटवर्ती क्षेत्रों के निवासियों के लिए चेतावनी जारी की। विशेष रूप से कर्नूल जिले के क्षेत्रों जैसे कोसिरी, मंतरालायम, नंदवर्म, और कौथलम में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई। लोगों को नहरों और धाराओं को पार न करने का परामर्श दिया गया। APSDMA के प्रबंध निदेशक, आर कुर्मनध ने लोगों से सतर्कता बरतने को कहा।

तकनीकी समस्या और राजनीतिक प्रतिक्रिया

यह हादसा तब हुआ जब गेट नंबर 19 की चेन लिंक बड़ी बहाव के कारण टूट गई। इसके चलते लगभग 48,000 क्यूसेक पानी निचली तरफ बहा गया। इस घटना ने डैम की सुरक्षा और रखरखाव को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। भाजपा ने इस मामले में सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने सरकार से आग्रह किया कि निचली तरफ के इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए।

सुरक्षा और बचाव के उपाय

कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार ने रविवार को डैम का निरीक्षण किया और आश्वासन दिया कि चार से पांच दिनों में समस्या का समाधान कर लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि निर्देशानुसार फसलों को तत्काल कोई खतरा नहीं है क्योंकि अगले महीनों में लगभग 50-60 टीएमसी पानी की अनुमानित जलप्रवाह रहेगा।

रखरखाव और किसानों की चिंता

डैम प्राधिकरण ने किसी भी रखरखाव की कमी से इंकार करते हुए कहा कि सभी आवश्यक रखरखाव कार्य मई 2024 में पूरे किए गए थे। इस घटना ने किसानों में चिंताएं बढ़ा दी हैं जो अच्छे मानसून के बाद बेहतरीन फसल की उम्मीद कर रहे थे।

सरकारी सहयोग और समाधान

सरकारी सहयोग और समाधान

आंध्र प्रदेश सरकार, मुख्य मंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में, कर्नाटक राज्य सरकार के साथ मिलकर इस स्थिति का समाधान करने और आगे की बाढ़ को रोकने के लिए कार्यरत है। मंत्री पय्यवुला केशव ने डैम गेट की तत्काल मरम्मत और कृषि समुदायों पर होने वाले प्रभाव को न्यूनतम करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

निष्कर्ष

यह घटना एक ज्वलंत उदाहरण है कि प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में कितनी बारीकी और सतर्कता की आवश्यकता है। समय पर चेतावनी और त्वरित कार्रवाई से न केवल संपत्ति बल्कि जन जीवन भी सुरक्षित किया जा सकता है।

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