फोएबे लिचफील्ड का LBW अपील से बचाव: INDW बनाम AUSW के बीच रोमांचक मुठभेड़ के दौरान नियमों की पहचान

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फोएबे लिचफील्ड का LBW अपील से बचाव: INDW बनाम AUSW के बीच रोमांचक मुठभेड़ के दौरान नियमों की पहचान

फोएबे लिचफील्ड की परख: LBW पर विवाद

फोएबे लिचफील्ड, जो ऑस्ट्रेलिया की एक प्रमुख बल्लेबाज हैं, हाल ही में भारत महिला क्रिकेट टीम के खिलाफ T20 विश्व कप मैच में एक विवादस्पद LBW अपील से बच गईं। यह घटना 13 अक्टूबर, 2024 को शारजाह में खेले गए मैच के दौरान घटी।

पूरा मुद्दा तब शुरू हुआ जब लिचफील्ड, जो एक बाएं हाथ की बल्लेबाज हैं, ने भारतीय गेंदबाज दीप्ति शर्मा की गेंद पर रिवर्स स्वीप करने का प्रयास किया। 17वें ओवर के इस क्षण में गेंद लिचफील्ड के स्टंप्स के ठीक सामने लगी। हालांकि, उसे LBW नहीं दिया गया क्योंकि गेंद को उनके मूल बाएं हाथ के रुख के अनुसार ऑफ-स्टंप के बाहर पिच किया गया बताया गया।

क्रिकेट के कानून 36.3 के मुताबिक, 'बल्लेबाज की विकेट का ऑफ साइड उस वक्त के डिलीवरी के खेल में आने पर उसकी बैटिंग स्थिति द्वारा निर्धारित किया जाता है।' इसका अर्थ है कि भले ही लिचफील्ड ने रिवर्स स्वीप करने के लिए अपने रुख को परिवर्तनित किया था, लेकिन उसका ऑफ-साइड उसके मूल रुख के अनुसार तय किया गया।

फैसले पर भारतीय खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया

मैदान में प्रारंभिक रूप से अंपायर ने लिचफील्ड को LBW घोषित किया, लेकिन बाद में समीक्षा के बाद निर्णय पलटा गया। तीसरे अंपायर ने पुष्टि की कि गेंद उनके बाएं हाथ के रुख से लेग स्टंप के बाहर पिच हुई थी। यह निर्णय भारतीय खिलाड़ी स्मृति मंधाना और दीप्ति शर्मा के बीच असंतोष का कारण बना, जिन्होंने तर्क दिया कि स्विच हिट को गणनाओं को बदल देना चाहिए था।

लिचफील्ड ने अपने खेल को जारी रखा और केवल 9 गेंदों पर 15 रन जुटाए, जिसमें श्रेयंका पाटिल पर मिड-केट पर एक शानदार छक्का भी शामिल था। मैच के अंत में, ऑस्ट्रेलिया ने 151/8 का स्कोर खड़ा किया। ग्रेस हैरिस ने अपनी टीम के लिए शीर्ष स्कोर के रूप में 40 रन बनाए, जबकि ताहलिया मैक्ग्रा और एलिस पेरी ने 32 रन का महत्वपूर्ण योगदान दिया। भारत की तरफ से रेणुका सिंह और दीप्ति शर्मा ने दो-दो विकेट चटकाए।

क्रिकेट के LBW नियम पर विचार

ये विवाद क्रिकेट में LBW नियम की जांच और उनकी जटिलताओं की ओर ध्यान आकर्षित करता है। बल्ले से हिट होने की स्थिति, पिचिंग का स्थान और बल्ले के सामने गेंद की स्थिति ये सभी तत्व निर्णय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस घटनाक्रम ने न केवल खेल में तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता को रेखांकित किया बल्कि क्रिकेट की रणनीतिक गहरी समझ की भी मांग रखी। खिलाड़ियों और अंपायरों को हर पल के फैसले में अत्यधिक सतर्क रहने की आवश्यकता होती है, यही ये खेल को और भी रोमांचक बनाता है।

खेल के दौरान, फोएबे लिचफील्ड के रिवर्स स्वीप ने संभवतः नियमों और रणनीतियों की चुनौती को उजागर किया, जिसने क्रिकेट प्रशंसकों को फिर से यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि कैसे खेल नियमों की पेचीदिगियों से प्रभावित रहता है। इस घटना के बाद, क्रिकेट प्रशंसा नहीं केवल खेल की कौशलता को, बल्कि उसमें निहित संशोधनात्मक प्रकृति को भी समझने की कोशिश करता है। एक बार फिर, क्रिकेट ने दिखाया कि यह न केवल खिलाड़ियों की शारीरिक प्रक्रिया है बल्कि नियमों की भी परख है, जो इसका महत्वपूर्ण अंग है।

15 टिप्पणि

udit kumawat
udit kumawat
16 अक्तूबर, 2024

ये फैसला बिल्कुल गलत था। गेंद स्टंप्स के सामने लगी, बल्लेबाज ने बल्ला नहीं मारा, फिर भी नहीं दिया? क्रिकेट का नियम ही बदल गया है क्या??

Jinit Parekh
Jinit Parekh
16 अक्तूबर, 2024

हमारे अंपायर फिर से गलत फैसला दे गए। ऑस्ट्रेलिया को हमेशा फायदा मिलता है। ये नियमों का दुरुपयोग है। भारत की टीम को ये निर्णय बहुत महंगा पड़ा।

sandeep anu
sandeep anu
18 अक्तूबर, 2024

वाह! लिचफील्ड ने तो बिल्कुल जानबूझकर रिवर्स स्वीप मारा था, और उसकी वजह से नियम लागू नहीं हुआ? ये तो खेल की बुद्धि है! बहुत बढ़िया खेल! 🙌

Paras Chauhan
Paras Chauhan
18 अक्तूबर, 2024

क्रिकेट के नियम 36.3 के अनुसार, बल्लेबाज की बैटिंग स्थिति को उसके मूल रुख के आधार पर ही देखा जाता है। यहाँ लिचफील्ड बाएं हाथ की बल्लेबाज हैं, इसलिए उनका ऑफ-साइड बाएं हाथ के अनुसार ही तय हुआ। यह फैसला पूरी तरह सही था।

Pushpendra Tripathi
Pushpendra Tripathi
20 अक्तूबर, 2024

अगर ये नियम इतना जटिल है तो फिर ये खेल किसके लिए है? दर्शकों को समझने में दिक्कत हो रही है। नियमों को सरल बनाओ, नहीं तो लोग खेल छोड़ देंगे।

Prasanna Pattankar
Prasanna Pattankar
21 अक्तूबर, 2024

अरे भाई, ये तो बस एक और बड़े बॉस का फैसला है... जब तक भारतीय टीम को नुकसान हो रहा है, तब तक नियम बदलते रहते हैं। इतना बड़ा ब्रेन वाला अंपायर तो खुद क्रिकेट नहीं खेल सकता!

sri yadav
sri yadav
23 अक्तूबर, 2024

मैंने तो सोचा था कि आज कोई नया नियम आ गया है, लेकिन ये तो पुरानी बात है। बस भारतीय खिलाड़ियों को नहीं पता था कि बल्लेबाज का रुख बदलने से ऑफ-साइड नहीं बदलता। इतनी बुनियादी बात भी नहीं पता?

Harsh Malpani
Harsh Malpani
23 अक्तूबर, 2024

लिचफील्ड ने तो बहुत अच्छा खेला... उसने जो छक्का मारा वो देखो ना, बिल्कुल जबरदस्त था! भारत के गेंदबाज भी अच्छे थे, बस थोड़ा फैसला गलत गया।

Indra Mi'Raj
Indra Mi'Raj
24 अक्तूबर, 2024

मुझे लगता है ये फैसला बिल्कुल सही था। अगर हम बल्लेबाज के रुख को बदलने के बाद भी नियम लागू कर दें तो खेल बहुत अजीब हो जाएगा। ये नियम तो बल्लेबाज के मूल स्टाइल को संरक्षित करता है।

INDRA SOCIAL TECH
INDRA SOCIAL TECH
24 अक्तूबर, 2024

ये नियम बहुत स्पष्ट हैं। लिचफील्ड ने बल्ला बदला नहीं, बस तकनीक बदली। ऑफ-साइड का निर्धारण बल्लेबाज के हाथ के रुख से होता है, न कि बल्ले की दिशा से। ये तो बेसिक है।

Yash FC
Yash FC
25 अक्तूबर, 2024

इस घटना से एक बड़ा सबक मिलता है: खेल केवल शारीरिक कौशल नहीं, बल्कि नियमों की गहरी समझ भी है। लिचफील्ड ने नियम का उपयोग करके अपनी रणनीति को बदला। यही तो खेल का सच है।

Ankit Gupta7210
Ankit Gupta7210
27 अक्तूबर, 2024

अंपायर ने फैसला बदल दिया? ये तो बस भारत के खिलाफ साजिश है। जब भी ऑस्ट्रेलिया को फायदा होता है, तो नियम बदल जाते हैं। ये नियम तो अंग्रेजों के लिए बने हैं!

Shreya Ghimire
Shreya Ghimire
27 अक्तूबर, 2024

ये सब एक बड़ी साजिश है। आप नहीं जानते, लेकिन आईसीसी के पीछे एक गुप्त संगठन है जो भारत को टूर्नामेंट से बाहर करना चाहता है। इस फैसले के बाद भारत की टीम को अगले मैच में भी ऐसा ही फैसला मिलेगा। तुम देखोगे, ये नियम अब बदल जाएंगे।

Bhupender Gour
Bhupender Gour
28 अक्तूबर, 2024

लिचफील्ड ने बहुत बढ़िया खेला बस और भारत के गेंदबाज भी अच्छे थे बस थोड़ा लक नहीं रहा इतना सा

Prabhat Tiwari
Prabhat Tiwari
28 अक्तूबर, 2024

ये नियम तो बिल्कुल बेकार हैं। जब तक आईसीसी में भारतीय नहीं बैठेंगे, तब तक ये नियम अंग्रेजी लॉजिक से बने रहेंगे। इस फैसले के बाद तो ये खेल ही बंद हो जाना चाहिए। ये नियम तो अंपायर के दिमाग पर निर्भर हैं।

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