भारतीय जनता पार्टी के सांसद और नव नियुक्त कैबिनेट मंत्री सुरेश गोपी ने हाल में उड़ी इस्तीफे की अफवाहों का पूरी तरह से खंडन किया है। सुरेश गोपी ने सोशल मीडिया पर अपने आधिकारिक अकाउंट से स्पष्ट किया कि उनका इस्तीफा देने का कोई इरादा नहीं है और जो भी बातें सामने आ रही हैं, वे पूरी तरह से गलत हैं। इन अफवाहों के बीच, गोपी ने सुनिश्चित किया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपने कार्यों को जारी रखेंगे और केरल के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।
सुरेश गोपी 2024 के लोकसभा चुनावों में त्रिशूर निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुने गए थे। उन्होंने विपक्ष के सीपीआई उम्मीदवार सुनील कुमार को 75,000 के बड़े मतांतर से हराया था। सुरेश गोपी इससे पहले बी जे पी के राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं और केरल में पार्टी की जड़ें मजबूत करने में असाधारण भूमिका निभाई है।
एक अभिनेता से राजनीतिज्ञ बने सुरेश गोपी केवल अपनी राजनीतिक यात्रा के लिए ही नहीं, बल्कि कई विवादों के कारण भी चर्चा में रहे हैं। उनके खिलाफ एक महिला पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार के मामले में भी जांच चल रही है। बावजूद इसके, उनकी दीर्घकालिक राजनीतिक यात्रा और सक्रियता के कारण वे पार्टी और प्रशंसकों के बीच एक महत्वपूर्ण स्थान बनाए हुए हैं।
सुरेश गोपी का निजी जीवन भी दुनियाभर में चर्चित है। उनकी कुल संपत्ति 12 करोड़ रुपये के करीब है और उनके पास आठ वाहनों का अच्छा-खासा संग्रह है। फिल्मों में भी उनका करियर शानदार रहा है; उन्होंने विभिन्न भाषाओं में 250 से अधिक फिल्मों में काम किया है।
सुरेश गोपी की बेटी भाग्य सुरेश की शादी 17 जनवरी 2024 को हुई थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिरकत की थी। यह घटना सुरेश गोपी के परिवार के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण थी और इसने मीडिया का भी भरी मात्रा में ध्यान आकर्षित किया।
राजनीतिक रूप से, सुरेश गोपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव और 2021 के विधानसभा चुनावों में हार का सामना किया था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और मेहनत से अपनी स्थिति मजबूत की। अपने पहले लोकसभा चुनाव में विजय प्राप्त करने के बाद, अब वे कैबिनेट मंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं और राज्य के विकास के लिए काम कर रहे हैं।
अपने साथ-साथ, सुरेश गोपी केरल के अन्य प्रमुख नेता, जॉर्ज कुरियन, को भी केंद्रीय मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। दोनों नेताओं के एक साथ कार्य करने से निश्चित रूप से राज्य और पार्टी को बड़ी उम्मीदें हैं।
इन घटनाओं से यह स्पष्ट है कि सुरेश गोपी न केवल अपने क्षेत्र के लोगों के प्रति, बल्कि पूरे राज्य के प्रति भी अति-कटिबद्ध हैं और ऐसी परिस्थितियों में उड़ी अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
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