LBW नियम – क्रिकेट में लेग बाय वीक को समझें
क्रिकेट देखते‑देखते अक्सर सुनते हो "LBW"? ये शब्द सिर्फ टीवी पर नहीं, मैदान में भी बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आप नए हैं या कभी‑कभी खेलते‑खेलते उलझ जाते हैं, तो यह लेख आपके लिये है – आसान भाषा में LBW के नियम बताता हूँ।
LBW के मुख्य बिंदु
सबसे पहले जानें कि "Leg Byes" नहीं, यहाँ "Leg By Wicket" (LBW) की बात हो रही है. जब गेंद बॉलर से आती है और सीधे बैट्समैन के पैर/पैडल पर लगती है, तो umpire तीन चीज़ों को देखता है:
- पिचिंग प्वाइंट – क्या गेंद लाइन (ऑफ‑स्टंप) में या बाहर पिच हुई?
- इम्पैक्ट पॉइंट – जहाँ गेंद पैडल से लगी, वह भी स्टंप के बीच में होना चाहिए.
- विक्टिमाइज़ेशन – अगर बॉल बिना टच किए आगे स्टंप तक जाती, तो क्या बैट्समैन आउट हो जाता?
उदाहरण के लिये 2024 के IPL में रवी चावला को एक तेज़ इनसिंग पर LBW से आउट किया गया था। पिचिंग लाइन ठीक थी, इम्पैक्ट पैडल पर हुआ और बॉल स्टंप तक पहुँचती तो बैट्समैन का स्कोर खत्म हो जाता। इसी कारण umpire ने "आउट" दिखाया।
बैट्समैन कैसे बचें?
LBW से बचना आसान नहीं, पर कुछ बेसिक टिप्स मदद कर सकते हैं:
- डिफेंसिव लाइन रखें – बहुत आगे न खड़े हों, खासकर तेज़ बॉलरों के सामने.
- लीन को सही रखिए – बैट को थोड़ा खुला रखें ताकि गेंद पैडल पर नहीं बल्कि बल्ले से टकराए.
- ड्राइव का अभ्यास – जब आप ड्राइव मारते हैं, तो बॉल अक्सर पैर के पास आती है; सही टेक्नीक से LBW की संभावना घटती है.
एक और बात याद रखें, umpire हमेशा दो‑तीन चीज़ देखता है, इसलिए अगर आपको लगता है कि पिचिंग लाइन बहुत बाहर थी, तो आप अपने कोच या टीममेट्स से रिव्यू करवा सकते हैं। कई बार रीव्यू में आउट का फैसला उलट जाता है.
अब जब आप LBW के नियम जानते हैं, तो मैच देखते‑समझते भी मज़ा आएगा और खुद खेलते समय भी कम गलतियाँ होंगी। अगली बार जब स्टेडियम या टीवी पर "LBW" सुनें, तुरंत याद करें ये तीन मुख्य पॉइंट्स – पिचिंग, इम्पैक्ट और विक्टिमाइज़ेशन. ऐसे ही छोटे‑छोटे ज्ञान से आपका क्रिकेट समझना और भी गहरा हो जाएगा.