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बेन्यामिन नेतन्याहू के खिलाफ इस्तीफा देकर बेनी गैंट्ज़ ने युद्ध कैबिनेट को छोड़ा

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बेन्यामिन नेतन्याहू के खिलाफ इस्तीफा देकर बेनी गैंट्ज़ ने युद्ध कैबिनेट को छोड़ा

बेन्यामिन नेतन्याहू की सरकार में बड़ा झटका

इजराइली मंत्री बेनी गैंट्ज़ ने प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू की युद्ध कैबिनेट से इस्तीफा देकर बड़ा राजनीतिक झटका दिया है। गैंट्ज़, जो कैबिनेट के प्रमुख सदस्य थे, ने नेतन्याहू के गाज़ा में हमास के खिलाफ युद्ध की प्रबंधन नीति पर अपनी असंतोष जताया है।

गैंट्ज़ के इस्तीफे के कारण

गैंट्ज़ ने नेतन्याहू से जून 8 तक नए युद्ध रणनीति की मांग करते हुए एक अल्टीमेटम दिया था, लेकिन नेतन्याहू ने इसे ठुकरा दिया। गैंट्ज़ ने नेतन्याहू की नीतियों के चलते कैबिनेट छोड़ने का फैसला किया। यह निर्णय शनिवार को घोषित होने वाला था पर सफल बंधक बचाव मिशन की खबर के बाद इसे स्थगित कर दिया गया।

गैंट्ज़ के अनुसार, नेतन्याहू की रणनीति से इजराइल को नुकसान हो सकता है और उन्होंने समयपूर्व चुनाव की मांग की है। जनता के बीच किए गए सर्वेक्षणों में गैंट्ज़ की लोकप्रियता नेतन्याहू से अधिक दिख रही है, जिससे वे कैबिनेट में रहकर अपनी साख खो सकते थे।

गठबंधन सुरक्षित

यद्यपि गैंट्ज़ का इस्तीफा एक बड़ा झटका माना जा रहा है, नेतन्याहू की गठबंधन अब भी 64 सीटों के साथ 120 सदस्यीय कनेस्सेट में मजबूत है। युद्ध कैबिनेट में अब केवल नेतन्याहू की पार्टी के सदस्य शामिल होंगे।

अमेरिका का दबाव

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नेतन्याहू से गाज़ा के पोस्ट-वार प्लान की मांग की है। बाइडेन ने संकेत दिया है कि नेतन्याहू युद्ध को लंबे समय तक जारी रख कर फायदा उठा रहे हैं।

गैंट्ज़ ने हमास को समाप्त करने, बंधकों की वापसी और गाज़ा में नई सरकार की स्थापना का प्रस्ताव रखा था, जिसे नेतन्याहू ने अस्वीकार कर दिया। नेतन्याहू ने तर्क दिया था कि यह योजना इजराइल के लिए हानिकारक हो सकती है।

अगले कदम

गैंट्ज़ का इस्तीफा नेतन्याहू के लिए खतरे की निशानी है क्योंकि उनकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। गैंट्ज़ ने जल्दी चुनाव की मांग की है ताकि युद्ध के प्रबंधन को लेकर नेतन्याहू को चुनौती दी जा सके। आगामी समय में राजनीतिक माहौल में बड़ा बदलाव आ सकता है, और इससे संबंधित घटनाओं पर सारी नजरें टिकी रहेंगी।

गैंट्ज़ का इस्तीफा नेतन्याहू के लिए एक चेतावनी है कि भले ही उनकी गठबंधन सुरक्षित हो, उनकी नीतियों और रणनीतियों की चर्चा और आलोचना जारी रहेगी।

15 टिप्पणि

Palak Agarwal
Palak Agarwal
13 जून, 2024

ये सब राजनीति तो बस दिखावा है। गैंट्ज़ ने जो कहा वो सच है, लेकिन अब वो अकेले नहीं रह सकते। नेतन्याहू के खिलाफ बगावत करने से पहले अपनी रणनीति तैयार कर लेनी चाहिए थी।

sandeep anu
sandeep anu
13 जून, 2024

अरे भाई ये तो बड़ी बात हो गई! गैंट्ज़ ने जो दिया वो बिल्कुल बहादुरी का काम है! जब तक नेतन्याहू की टीम के अंदर इतना बड़ा आदमी है, तब तक इजराइल का भविष्य अभी बचा है!

Shreya Ghimire
Shreya Ghimire
13 जून, 2024

ये सब अमेरिका की साजिश है... बाइडेन ने गैंट्ज़ को बुलाया था, उसे बताया था कि नेतन्याहू को गिराना है, फिर उसने इस्तीफा दे दिया... ये कोई अचानक फैसला नहीं है, ये एक ऑपरेशन है जिसमें CIA, नाटो, और ट्रम्प के पुराने लोग शामिल हैं। अगर आप समझ नहीं पा रहे, तो आपको अपनी आँखें खोलनी चाहिए।

Prasanna Pattankar
Prasanna Pattankar
15 जून, 2024

अरे ये लोग सब एक दूसरे को बेच रहे हैं... गैंट्ज़ को लगता है कि वो नेता है, नेतन्याहू को लगता है कि वो अल्लाह है, और हम लोग... हम तो बस इसके बारे में बात कर रहे हैं जैसे ये कोई बॉलीवुड फिल्म हो... और अभी तक कोई नहीं बता पाया कि गाज़ा में जिन बच्चों की मौत हुई, उनके लिए क्या किया गया?

Bhupender Gour
Bhupender Gour
17 जून, 2024

gantt ne kya kiya? koi bhi nahi samjha kya hua lekin netanyahu ko ghatiya bola... ye sab log sirf apni fame ke liye kaam kar rahe hain

sri yadav
sri yadav
18 जून, 2024

क्या आपने कभी सोचा है कि गैंट्ज़ की वापसी के बाद भी इजराइल के लोगों की आत्मा बच जाएगी? ये सब बस एक नाटक है जिसमें आप भी एक दर्शक हैं... और ये नाटक आपकी भावनाओं को बेच रहा है।

Pushpendra Tripathi
Pushpendra Tripathi
19 जून, 2024

ये सब बहुत आसानी से बातें कर रहे हैं लेकिन जब आप गाज़ा के बच्चों के चेहरे देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि इन सब राजनीतिक बयानों का क्या मतलब है। आप लोग यहाँ बस बातें कर रहे हैं, लेकिन वहाँ लोग मर रहे हैं।

Indra Mi'Raj
Indra Mi'Raj
20 जून, 2024

मैं सोच रही थी कि गैंट्ज़ के इस्तीफे के बाद अब क्या होगा... लेकिन असली सवाल ये है कि क्या इजराइल के लोग अब भी युद्ध के लिए तैयार हैं? या वो भी थक गए हैं? मुझे लगता है कि अब बस एक चीज़ बची है... इंसानियत

Harsh Malpani
Harsh Malpani
20 जून, 2024

bhai yeh sab kuchh bhi nahi hai... netanyahu ko chhod do, gantt ko bhi chhod do... sab kuchh toh america ke haath mein hai

INDRA SOCIAL TECH
INDRA SOCIAL TECH
22 जून, 2024

इस घटना के बाद अगर कोई राजनीतिक विश्लेषण करे तो उसे ये देखना चाहिए कि क्या नेतन्याहू के खिलाफ बगावत करने वाले लोग असली विकल्प लेकर आए हैं या सिर्फ अपनी शक्ति के लिए लड़ रहे हैं।

Prabhat Tiwari
Prabhat Tiwari
22 जून, 2024

ये गैंट्ज़ भी अमेरिका का गुलाम है... उसने जो नीति बनाई वो ज़ाहिर है विदेशी हितों के लिए... इजराइल के लिए नहीं... और अब इन लोगों को देखो जो उसकी तारीफ कर रहे हैं... वो भी वही हैं जो भारत के खिलाफ अमेरिका के साथ चल रहे हैं!

Jinit Parekh
Jinit Parekh
23 जून, 2024

गैंट्ज़ ने इस्तीफा दिया तो क्या हुआ? नेतन्याहू ने अभी तक एक भी बंधक नहीं छोड़ा... ये सब बस शो है। और जो लोग इसे बड़ी बात बता रहे हैं, वो भी बस अपने फेसबुक पर लाइक चाहते हैं।

udit kumawat
udit kumawat
24 जून, 2024

क्या इस बारे में कोई और बात है? या सिर्फ यही चल रहा है? मुझे लगता है कि इस बारे में और भी बहुत कुछ है, लेकिन कोई नहीं बता रहा।

Ankit Gupta7210
Ankit Gupta7210
24 जून, 2024

गैंट्ज़ ने इस्तीफा दिया तो भी नेतन्याहू के खिलाफ कोई बड़ी चीज़ नहीं हुई... ये सब बस एक नाटक है जिसमें दुनिया बस देख रही है... और अमेरिका को अपनी बात चल रही है।

Drasti Patel
Drasti Patel
24 जून, 2024

इस घटना के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि इजराइल के राजनीतिक संरचनात्मक अस्थिरता के गहरे कारण हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा की नीति के लिए एक गंभीर चुनौती प्रस्तुत करते हैं।

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