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महिंद्रा एसयूवी बिक्री ने 2025 में बनाए रिकॉर्ड: H1 में 3,01,194, त्योहारी सीजन में 6 लाख का निशाना

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महिंद्रा एसयूवी बिक्री ने 2025 में बनाए रिकॉर्ड: H1 में 3,01,194, त्योहारी सीजन में 6 लाख का निशाना

रिकॉर्ड तोड़ बिक्री: 2025 की पहली छमाही की तस्वीर

छह महीने में तीन लाख से ज्यादा एसयूवी—यह आंकड़ा बताता है कि 2025 में महिंद्रा ने गति पकड़ ली है। कैलेंडर वर्ष 2025 की पहली छमाही में कंपनी 3,01,194 यूनिट्स पार कर गई। यह 2024 के पूरे वर्ष में बनी 5,28,460 की उपलब्धि का 57% है, और यही रफ्तार रही तो 2025 में पहली बार 6 लाख यूनिट्स छूना अब लक्ष्य कम और संभावना ज्यादा दिखता है।

वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही (Q1 FY26) महिंद्रा के लिए अब तक की सबसे मजबूत तिमाही रही। कंपनी ने 1,52,067 एसयूवी बेचीं—इयर-ऑन-इयर 22% की शानदार बढ़त। जून 2025 में 47,306 यूनिट्स की घरेलू बिक्री दर्ज हुई, जो जून 2024 से 18% ज्यादा थी। जुलाई में यह जोश जारी रहा और घरेलू बाजार में 49,871 एसयूवी बिकीं—20% की साल-दर-साल बढ़त। कुल वाहनों की जुलाई बिक्री 83,691 रही, 26% ऊपर। इस उछाल ने Mahindra SUV sales को नए स्तर पर पहुंचा दिया।

हाँ, अगस्त 2025 ने ताल थोड़ी धीमी कर दी। घरेलू एसयूवी बिक्री 39,399 यूनिट्स पर आ गई—साल-दर-साल 9% की गिरावट। वजह? संभावित GST दरों में बदलाव की चर्चा, जिसके चलते खरीदारों ने कुछ हफ्तों के लिए बुकिंग और डिलीवरी टाल दीं। फिर भी कंपनी ने VAHAN डेटा के आधार पर अगस्त में पैसेंजर वाहन रजिस्ट्रेशन में 7.4% की साल-दर-साल बढ़त दिखाई, यानी वास्तविक मांग कमजोर नहीं पड़ी, बस निर्णय टले।

  • H1 CY2025: 3,01,194 एसयूवी
  • Q1 FY2026: 1,52,067 एसयूवी (+22% YoY)
  • जून 2025: 47,306 यूनिट्स (+18% YoY)
  • जुलाई 2025: 49,871 यूनिट्स (+20% YoY); कुल वाहन 83,691 (+26%)
  • अगस्त 2025: 39,399 यूनिट्स (-9% YoY)

यह उछाल किन कारों ने खींचा? जवाब साफ है—थार, स्कॉर्पियो-N और XUV700। तीनों की मांग लगातार ऊंची बनी हुई है। शहरों में फीचर-रिच ऑटोमैटिक वेरिएंट की पूछ है, तो सेमी-अर्बन और हिल स्टेट्स में टॉर्की डीजल और 4x4 कॉन्फिग्रेशन खरीदारों को खींच रहे हैं। सुरक्षा रेटिंग, एडवांस्ड ड्राइवर असिस्ट फीचर्स (ADAS) और कनेक्टेड टेक ने फैमिली बायर्स को भी जोड़ दिया है।

कंपनी की नई पेशकशों ने भी मोमेंटम बनाया। XUV 3XO के 'REVX' सीरीज ने कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट में एंट्री-टू-प्रिमियम तक फैला विकल्प दिया। साथ ही, BE 6 और XEV 9E के Pack Two वेरिएंट्स की डिलीवरी शुरू होने से EV पाइपलाइन का मैसेज बाजार तक पहुंचा—यानि महिंद्रा सिर्फ डीजल-पेट्रोल पर नहीं टिकी, वह इलेक्ट्रिक रोडमैप पर भी कदम बढ़ा रही है।

उद्योग का बड़ा संदर्भ याद रखिए—SIAM के रुझानों के मुताबिक पैसेंजर वाहन बाजार में एसयूवी की हिस्सेदारी अब आधे से ज्यादा पर टिक गई है। ऐसे माहौल में अलग दिखना आसान नहीं होता। महिंद्रा का दांव क्या रहा? मजबूत ऑफ-रोड डीएनए, हाई-टॉर्क पावरट्रेन, और वैल्यू-फॉर-मनी फीचर पैकेज। यही कॉम्बिनेशन ग्राहकों को कंविंस कर रहा है कि कीमत के हिसाब से फिट मिल रहा है।

सप्लाई साइड से भी कहानी दिलचस्प है। 2024 में जहां-तहां चिप सप्लाई अटकती थी, 2025 में स्थिति काफी नॉर्मल हुई। इससे वेरिएंट-लेवल उत्पादन प्लानिंग बेहतर हुई और वेटिंग पीरियड्स में कमी आई। फिर भी कुछ लोकप्रिय वेरिएंट—खासकर स्कॉर्पियो-N के डीजल-ऑटोमैटिक और थार 4x4—में कुछ शहरों में इंतजार बना हुआ है। डीलर्स बताते हैं कि रंग और ट्रिम के हिसाब से डिलीवरी टाइम बदल रहा है, पर औसत प्रतीक्षा अब पहले से कम है।

कंपटीशन साइड पर दबाव कम नहीं है। मिड- और टॉप-ट्रिम्स में ह्युंडई, टाटा और मारुति की एसयूवीज लगातार अपडेट हो रही हैं। फीचर्स की रेस में 360-डिग्री कैमरा, लेवल-2 ADAS, पैनोरामिक सनरूफ, और वायरलेस कनेक्टिविटी अब बेसलाइन बनते जा रहे हैं। महिंद्रा का जवाब—मजबूत बेस वेरिएंट्स, असली 4x4 हार्डवेयर और टॉर्क-हैवी इंजन—कई खरीदारों को फीचर-ओनली नहीं, बल्कि कैरेक्टर-ड्रिवन एसयूवी का एहसास देता है।

प्राइसिंग स्ट्रैटेजी ने भी मदद की है। कंपनी ने एंट्री पॉइंट्स को आक्रामक रखते हुए मिड-ट्रिम्स में वैल्यू पैक किया, ताकि अपग्रेड करने पर ग्राहक को साफ फायदा दिखे। फ्लेक्सिबल फाइनेंस स्कीम्स, आकर्षक एक्सचेंज बोनस और वारंटी/सर्विस पैक्स ने ऑन-रोड कॉस्ट की चिंता घटाई। यही वजह है कि ग्रामीण और टियर-2 शहरों में भी बुकिंग कर्व बना रहा।

ऑगस्ट की सुस्ती को अगर आप अलग रख दें, तो जून-जुलाई का डेटा दिखाता है कि रिटेल और होलसेल दोनों तरफ गति थी। अक्सर रिकॉर्ड महीनों में इन्वेंट्री के बढ़ने का डर रहता है, पर रिटेल रजिस्ट्रेशन की ग्रोथ बताती है कि कारें शोरूम में नहीं, ग्राहकों के घर पहुंच रही हैं। वैसे, GST पर स्पष्टता मिलते ही डिफर्ड डिमांड वापस आने की संभावना मजबूत है—खासकर जब सितंबर-अक्टूबर से फेस्टिव सीजन की बुकिंग खिड़कियां खुलती हैं।

आगे की राह: त्योहारी सीजन, GST और नई पेशकशें

आगे की राह: त्योहारी सीजन, GST और नई पेशकशें

त्योहारों में SUV की खरीद पारंपरिक रूप से बढ़ती है—नवरात्र से लेकर दिवाली तक। अगर GST रेशनलाइजेशन से ऑन-रोड कीमत में स्थिरता आती है, तो बायिंग डिसीजन जल्दी होंगे। डीलर नेटवर्क भी इवेंट-ड्रिवन कैम्पेनों पर काम कर रहा है—टेस्ट-ड्राइव मैराथन, फाइनेंस-ऑन-व्हील्स, और वीकेंड डिलीवरी स्लॉट्स जैसे कदम कंवर्जन बढ़ाते हैं।

इलेक्ट्रिक की तरफ कंपनी का मैसेज साफ है—BE 6 और XEV 9E जैसे मॉडल्स के साथ पोर्टफोलियो बनने लगा है। शुरुआती बैच की डिलीवरी शुरू होते ही चार्जिंग, आफ्टरसेल्स और रीसेल वैल्यू पर ग्राहकों के सवालों का जवाब जमीन पर दिखेगा। ट्रांजिशन चरण में हाइब्रिड/माइल्ड-हाइब्रिड टेक पर भी नज़र रहेगी, क्योंकि शहरी यातायात और रेंज चिंताओं के बीच यह व्यावहारिक विकल्प बन सकता है।

रिस्क क्या हैं? कमोडिटी कीमतें ऊपर-नीचे हो सकती हैं, जिससे इनपुट कॉस्ट पर असर पड़ता है। प्रतिस्पर्धियों के नए लॉन्च त्योहारों से ठीक पहले मांग को बंट सकते हैं। और अगर GST पर असमंजस लंबा खिंचता है, तो कुछ खरीदार इंतजार जारी रखेंगे। इसके बावजूद, मौजूदा बुकिंग्स, मजबूत हीरो मॉडल्स और नए वेरिएंट्स का मिश्रण मांग को टिकाए रखता दिख रहा है।

कुल मिलाकर तस्वीर साफ है—थार, स्कॉर्पियो-N और XUV700 मांग का मजबूत आधार हैं; XUV 3XO 'REVX' सीरीज ने एंट्री और मिड-सेगमेंट में पकड़ बनाई है; और EV लाइन-अप की शुरुआती डिलीवरी से टेक-फोकस्ड खरीदार जुड़ रहे हैं। अगर उत्पादन और सप्लाई टाइट रहा, तो 2025 के बाकी महीनों में 6 लाख यूनिट्स का माइलस्टोन अब पहुंच के भीतर दिखता है।

6 टिप्पणि

Palak Agarwal
Palak Agarwal
10 सितंबर, 2025

थार और स्कॉर्पियो-N की बिक्री देखकर लगता है कि भारतीय ग्राहक अब सिर्फ फीचर्स नहीं, बल्कि असली ड्राइविंग अनुभव चाहते हैं। मैंने अपना स्कॉर्पियो-N खरीदा था और अभी तक कोई समस्या नहीं हुई। डीजल इंजन बस जबरदस्त है।

Paras Chauhan
Paras Chauhan
11 सितंबर, 2025

इस उछाल का मूल कारण बस एक नई कार नहीं है... ये एक भावना है। भारतीय ड्राइवर अब अपनी गाड़ी में अपनी पहचान ढूंढ रहे हैं। थार एक चुनौती है, XUV700 एक सुरक्षा है, और XUV 3XO एक नया सपना। 🙌

Jinit Parekh
Jinit Parekh
11 सितंबर, 2025

ह्युंडई और टाटा को देखकर लगता है कि वो सिर्फ फीचर्स के नाम बदल रहे हैं। महिंद्रा के पास असली 4x4 है, जो किसी भी जर्मन कार से बेहतर है। अगर आपको लगता है कि इलेक्ट्रिक भविष्य है, तो आप गलत हैं। भारत की सड़कें डीजल को अभी भी चाहती हैं।

udit kumawat
udit kumawat
13 सितंबर, 2025

अगस्त में बिक्री गिरी, और तुम लोग फेस्टिव सीजन की बात कर रहे हो? ये बस एक ट्रेंड है, नहीं तो क्या? अब तक की बिक्री तो बढ़ी है, पर ग्राहकों के पास पैसा भी बढ़ा है? नहीं। ये सब बस डीलर्स की गलत रिपोर्टिंग है।

Ankit Gupta7210
Ankit Gupta7210
14 सितंबर, 2025

महिंद्रा की बिक्री रिकॉर्ड तोड़ रही है? अच्छा तो फिर बताओ जिन लोगों ने बुकिंग की थी वो अब तक कार नहीं मिली? और अगर तुम्हारा दावा सच है तो फिर टाटा के नेक्सॉन की बिक्री क्यों नहीं बढ़ी? ये सब बातें जो लिखी जा रही हैं वो सिर्फ प्रचार है।

Yash FC
Yash FC
16 सितंबर, 2025

अगर हम बात करें तो ये सिर्फ एक कार नहीं है... ये एक भारतीय उद्यम की कहानी है। जब दुनिया इलेक्ट्रिक की ओर बढ़ रही है, तो हमने अपने तरीके से इसे बदल दिया। थार ने गांव के लड़के को शहर तक ले जाया, स्कॉर्पियो-N ने एक नए अंदाज़ को जन्म दिया, और XUV 3XO ने एक नई पीढ़ी को आशा दी। ये कोई बिक्री नहीं... ये एक जागृति है।

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