अक्टूबर 2025 स्कूल छुट्टियों की पूरी लिस्ट: महावीर से दीवाली तक
अक्टूबर 2025 में स्कूल बंदी का पूरा कैलेंडर: गांधी जयंती‑दुर्गा द्वादशी से लेकर दीवाली तक, राज्य‑विशेष मौसम‑बंदी और कास्ट सर्वे की सूचना। अभिभावकों के लिए मुख्य टिप्स।
आगे पढ़ेंजब हम गांधी जयंती, 15 अक्टूबर को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय अवकाश, जो महात्मा गांधी के जन्मदिन को सम्मानित करता है, also known as गांधी फेस्ट पर बात करते हैं, तो यह समझना ज़रूरी है कि इस दिन का असली मतलब क्या है। महात्मा गांधी, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता, जिन्होंने सत्याग्रह और अहिंसा को राजनीति का आधार बनाया की शिक्षाएँ आज भी हमारे सामाजिक और राजनीतिक जीवन को दिशा देती हैं। इसी कारण सत्याग्रह, गांधी द्वारा विकसित किया गया अहिंसात्मक प्रतिरोध का सिद्धांत, जो स्वतंत्रता के संघर्ष में दिल की आवाज़ था को याद करने का अवसर भी गांधी जयंती बन गई है।
गांधी जयंती सिर्फ़ एक छुट्टी नहीं, बल्कि एक ऐसा क्षण है जहाँ हम भारतीय इतिहास, सन 1947 तक के विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रम, जिसमें ब्रिटिश राज का अंत और आज़ादी की लड़ाई शामिल है के महत्वपूर्ण मोड़ों को फिर से देख सकते हैं। इस दिन कई स्कूल, कॉलेज और सरकारी संस्थान शांती मार्च, वृक्षारोपण और स्वच्छ भारत के पहल को आगे बढ़ाते हैं। साथ ही राष्ट्रीय ध्वज फहराने की रस्म भी होती है, जिससे राष्ट्रीय ध्वज, तीन रंग – सफ़ेद, केसरिया और हरा – जो भारतीय तिरंगे को दर्शाता है का सम्मान होता है।
क्या आपने ध्यान दिया है कि कई खेल इवेंट और राष्ट्रीय प्रतियोगिताएँ इस दिन के आसपास आयोजित होती हैं? ऐसा इसलिए है क्योंकि खेल भावना भी गांधी के "सच्चाई" और "सम्पूर्णता" के विचारों से जुड़ी है। इस दिलचस्प कड़ी को समझने के लिए, हमारे पास कई लेख हैं – जैसे बांग्लादेश की जीत, महिला क्रिकेट की नई रिकॉर्ड, और एशिया कप की कवरेज – जो इस बात दिखाते हैं कि खेल भी सामाजिक एकता और राष्ट्रीय गर्व को बढ़ावा देते हैं, ठीक गांधी जयंती की भावना की तरह।
अगर आप सोचते हैं कि गांधी जयंती और खेल समाचार का कोई संबंध नहीं, तो हमारी पोस्टों में बताया गया है कि कैसे हर महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय समारोह के आसपास देशभक्ति की लहर बढ़ती है, और खेल इस लहर को ऊर्जा देती है। उदाहरण के तौर पर, बांग्लादेश ने अफगानिस्तान को हराकर 3‑0 सीरीज़ जीत ली और इस जीत को राष्ट्रीय गर्व की भावना से जोड़ा गया; इसी तरह, महिला क्रिकेट में नई रिकॉर्ड और स्वर्ण कीमत में उछाल भी आर्थिक और सामाजिक उत्थान का हिस्सा बनते हैं। इन सब को देखें तो स्पष्ट है कि गांधी जयंती की थीम – "सत्य, अहिंसा, और राष्ट्रीय एकता" – विभिन्न क्षेत्रों में परिलक्षित होती है।
गांधी जयंती का आर्थिक पहलू भी कम नहीं है। कई व्यापारियों और बाजारों में इस दिन विशेष ऑफ़र और प्रोमोशन होते हैं, जिससे छोटे‑मध्यम उद्यमियों को मदद मिलती है। आज के भारत में स्वर्ण की कीमतें भी इस तरह के राष्ट्रीय उत्सव के कारण थोड़ा बढ़ती‑घटती रहती हैं, जैसा कि हमने 7‑अक्टूबर के स्वर्ण मूल्य उछाल में बताया है। इस प्रकार, गांधी जयंती न सिर्फ़ विचारों की याद दिलाती है, बल्कि वास्तविक आर्थिक असर भी डालती है।
इस दिन को और यथार्थ बनाते हुए कई सरकारी योजनाएँ भी आगे आती हैं। उदाहरण के तोर पर, सेवा पर्व या नेहराज चोपड़ा की एथेलेटिक उपलब्धियाँ भी इस माह में उजागर की जाती हैं, जिससे युवाओं में खेल‑औद्योगिक सहयोग बढ़ता है। इस तरह की पहलें गांधी जयंती के सामाजिक‑सांस्कृतिक अभिप्राय को आधुनिक भारत में जीवित रखती हैं।
तो कुल मिलाकर, गांधी जयंती एक बहु‑आयामी समारोह है – यह इतिहास, राजनीति, समाज, अर्थव्यवस्था और खेल को जोड़ती है। नीचे आपको इस टैग से जुड़े विभिन्न लेख मिलेंगे, जिनमें आप गांधी जयंती से जुड़े विभिन्न पहलुओं की गहराई से जानकारी पा सकते हैं। चाहे वह महात्मा गांधी की जीवनी हो, सत्यमूर्तियों की आधुनिक व्याख्या हो, या खेल‑समाचार में राष्ट्रीय गर्व के प्रतिबिंब – सब कुछ इस विशेष दिन के इर्द‑गिर्द घूमता है। चलिए, अब इन रोचक कहानियों को पढ़ते हैं और गांधी जयंती के वास्तविक अर्थ को समझते हैं।
9 अक्तू॰
अक्टूबर 2025 में स्कूल बंदी का पूरा कैलेंडर: गांधी जयंती‑दुर्गा द्वादशी से लेकर दीवाली तक, राज्य‑विशेष मौसम‑बंदी और कास्ट सर्वे की सूचना। अभिभावकों के लिए मुख्य टिप्स।
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