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ग्राहम थॉर्प: इंग्लैंड के तेज़ बट्समन की पूरी कहानी

अगर आप क्रिकेट का शौक रखते हैं तो नाम ‘ग्राहम थॉर्प’ सुनते ही दिमाग में एक भरोसेमंद, तकनीकी रूप से सटीक और हमेशा टाइम पर रन बनाने वाले बल्लेबाज़ की तस्वीर आती है। 1970 के दशक के अंत में जन्मे थॉर्प ने 1993 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा और जल्दी ही अपनी जगह बना ली। उनका खेल‑स्टाइल बहुत साधारण नहीं था, बल्कि हर शॉट में एक खास समझदारी दिखती थी – यही बात उन्हें भीड़ से अलग बनाती है।

करियर की मुख्य झलकियां

थॉर्प ने अपने करियर के दौरान 100 टेस्ट मैच खेले और 7,000 से ज़्यादा रन बनाए। उनका औसत लगभग 45.5 था, जो उस समय के कई दिग्गजों के बराबर या उससे भी बेहतर था। सबसे यादगार पलों में एक बार भारत के खिलाफ 1998 में लंदन में उन्होंने 177* का शानदार इनिंग खेली थी। यह innings सिर्फ रनों की बात नहीं, बल्कि दबाव में शांत रहने और टीम को बचाने की क्षमता दिखाती है।

उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में 2001‑02 सीरीज के दौरान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सैकड़ों रन बनाना शामिल है – उस दौर में इंग्लैंड ने बहुत कठिन परिस्थितियों का सामना किया था, फिर भी थॉर्प की स्थिरता ने टीम को कई बार बचा लिया। उनके करियर में कुल 7 शतक और 44 अर्धशतक थे, जो उन्हें विश्वसनीय शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ बनाते हैं।

ग्राहम थॉर्प का भारतीय क्रिकेट से जुड़ाव

इंग्लैंड‑भारत की टेस्‍ट सीरीज में थॉर्प का योगदान अक्सर चर्चा में रहता है। 1998 की लंदन टेस्ट में उनका 177* भारत के खिलाफ सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर था, और वह मैच इंग्लैंड को जीत दिलाने वाला मोड़ बना। भारतीय फैंस ने उस इनिंग को बड़े जोश से याद किया – खासकर जब उन्होंने तेज़ बॉल्स पर भी शॉट मार कर रन बनाए।

खेल के बाद थॉर्प ने कोचिंग में हाथ आजमाया और भारत के कई युवा बल्लेबाज़ों को मार्गदर्शन दिया। वह कभी‑कभी भारतीय क्रिकेट अकादमी में गेस्ट लेक्चर देते रहे, जहाँ उनके तकनीकी टिप्स बहुत सराहे जाते हैं। उनका मानना है कि “सही फुटवर्क और हेड पोजिशन” ही बैटिंग के मूल सिद्धांत हैं, और यह बात भारतीय शुरुआती बल्लेबाज़ों को भी मदद करती है।

आज थॉर्प इंग्लैंड की क्रिकेट बोर्ड में एक वरिष्ठ सलाहकार की भूमिका निभा रहे हैं। वह अक्सर टीवी पर मैच विश्लेषण देते हैं और अपने पुराने दिनों की कहानियां शेयर करते हैं, जो नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बनती हैं। अगर आप उनके करियर के बारे में गहराई से पढ़ना चाहते हैं तो हमारे साइट पर ‘ग्राहम थॉर्प’ टैग वाले आर्टिकल्स देखिए – यहाँ मिलेंगे मैच रिव्यू, आँकड़े और उनकी कोचिंग टिप्स सब एक जगह।

संक्षेप में कहा जाए तो ग्रीमर थॉर्प सिर्फ एक महान बल्लेबाज़ नहीं, बल्कि वह क्रिकेट की समझ रखता है जो नई पीढ़ी को भी सिखा सकता है। उनका करियर हमें सिखाता है कि निरंतर मेहनत और सही तकनीक से बड़े दबाव वाले मोमेंट्स में भी जीत पाई जा सकती है।

5 अग॰

इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर ग्राहम थॉर्प का 55 वर्ष की उम्र में निधन

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इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर ग्राहम थॉर्प का 55 वर्ष की उम्र में निधन

इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर ग्राहम थॉर्प का 55 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। थॉर्प, जो अपने सुंदर और तकनीकी रूप से सुदृढ़ बल्लेबाजी शैली के लिए जाने जाते थे, ने सर्रे और इंग्लैंड के लिए एक शानदार करियर बिताया था। उन्होंने 100 टेस्ट मैच और 82 वनडे इंटरनेशनल (ODI) मैचों में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व किया था। उनके निधन पर क्रिकेट समुदाय द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई है।

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