टैक्स सुधार क्या है? सरल शब्दों में समझें
जब सरकार कहती है ‘टैक्स सुधार’, तो अक्सर लोग घबराते हैं कि उनका टैक्स बढ़ जाएगा या फॉर्म भरने की दिक्कत होगी। असल में यह बदलाव आपके कर‑देयता को साफ़‑सुथरा बनाने, छूट बढ़ाने और प्रक्रिया को तेज़ करने के लिए होते हैं। इस पेज पर हम बतायेंगे कि 2024‑25 में कौन‑से बड़े बदलाव हुए और आप इनसे कैसे फायदा उठा सकते हैं।
नवीनतम कर बदलाव 2024‑2025
इस साल सरकार ने दो मुख्य चीज़ें बदलीं: व्यक्तिगत आयकर स्लैब में थोड़ा इज़ाफा और छोटे व्यापारियों के लिए नई छूट योजना। अब 7 लाख तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगता, जबकि पहले यह सीमा 5 लाख थी। इसके अलावा, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और शिक्षा खर्च पर अतिरिक्त 25 % कटौती मिलती है। यदि आप फ्रीलांसर या स्टार्ट‑अप चलाते हैं तो ‘स्टार्ट‑अप एक्सेम्प्शन’ के तहत पहले दो साल में आयकर दर 15 % तक घटाई गई है।
GST में भी कुछ हल्के बदलाव आए हैं। छोटे रिटेलर्स को अब 2 % की विशेष दर मिलती है, जिससे उनके लागत पर कम बोझ पड़ेगा। बड़े कंपनियों के लिए इनवॉइसिंग प्रक्रिया को डिजिटल करने का नियम सख्त किया गया है – यानी हर बिल इलेक्ट्रॉनिक रूप से होना चाहिए। यह शुरुआती चरण में थोड़ा कष्टदायक लग सकता है, लेकिन लंबे समय में टैक्स रिटर्न फाइल करना आसान हो जाएगा।
व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए टिप्स
अगर आप अपनी आय को सही तरीके से दिखाना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने सभी दस्तावेज़ इकट्ठे करें: वेतन स्लिप, बैंक स्टेटमेंट, बीमा प्रीमियम रसीदें आदि। इनको एक फोल्डर में रखिए और साल के अंत में टैक्स कंसल्टेंट को दे दीजिये। यह काम खुद भी कर सकते हैं, बस आयकर पोर्टल पर लॉग‑इन करके ‘इन्कम सॉर्सेस’ भरना है।
छूट का पूरा फायदा उठाने के लिए हर साल अपनी खर्चों की लिस्ट बनाइए। यदि आप बच्चों की पढ़ाई या घर में हेल्थ इंश्योरेंस ले रहे हैं, तो इनकी रसीदें रखिए – ये सब टैक्स बचत के लिये काम आती हैं। छोटे व्यवसायियों को चाहिए कि वे GST रजिस्ट्रेशन के बाद हर महीने का ‘गुड्स एन्ड सर्विसेज़ टेबल’ अपडेट रखें; इससे साल‑अंत में उलझन नहीं होगी।
एक और आसान उपाय है – टैक्स प्लानिंग सॉफ्टवेयर या मोबाइल एप्लिकेशन इस्तेमाल करना। ये ऐप आपके इनकम, खर्चे और छूट को ऑटोमैटिक ट्रैक करते हैं और फाइलिंग का रिमाइंडर भी देते हैं। अगर आप फ्रीलांसर हैं तो ‘प्रोफ़ेट’ या ‘क्रैब़र’ जैसे प्लेटफॉर्म पर काम करने से मिलने वाली आय को अलग-अलग कैटेगराईज़ करिए, ताकि टैक्स भरते समय सब साफ‑साफ दिखे।
आखिर में याद रखिए कि टैक्स सुधार का मकसद सिर्फ सरकारी खजाने के लिए नहीं, बल्कि नागरिकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। नई छूट और आसान प्रक्रिया आपके हाथ में पैसा बचाने की चाबी हैं – बस आपको सही जानकारी चाहिए। इस पेज पर हम लगातार अपडेट डालेंगे, तो बार‑बार देखना न भूलें!