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वसीयत क्या है? आसान समझ और बनाने के सही तरीके

जब हम अपने भविष्य की योजना बनाते हैं तो अक्सर संपत्ति, बैंक खाते या जमीन‑जायदाद का बँटवारा कैसे होगा, इसका सवाल आता है। इस काम को आसान बनाने वाला दस्तावेज़ है – वसीयत. वसीयत एक लिखित घोषणा होती है जिसमें आप अपने मरने के बाद अपनी चीजें कौन‑कौन से लोगों को देंगे, यह तय कर सकते हैं. यह कानूनी रूप से मान्य होता है अगर सही नियमों का पालन किया जाये.

वसीयत की बुनियादी बातें

वसीयत बनाते समय सबसे पहला सवाल होता है – कौन बना सकता है? भारत में 18 साल या उससे अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति, जो मानसिक रूप से स्वस्थ हो, वसीयत लिख सकता है. आप चाहे पुरुष हों या महिला, सभी को समान अधिकार है.

वसीयत दो प्रकार की होती है: स्थायी (परमानेंट) और अस्थायी (टेस्टामेंटा). स्थायी में सब कुछ तय कर दिया जाता है जबकि अस्थायी में आप बाद में बदल भी सकते हैं. अक्सर लोग पहली बार बनाते समय छोटी‑छोटी चीज़ों को लिखते हैं, जैसे घर का किराया या बैंक अकाउंट की जानकारी.

वसीयत का फॉर्मेट भी जरूरी नहीं कि जटिल हो. सबसे साधारण तरीका है: अपने नाम से शुरू करें, तारीख डालें, फिर स्पष्ट रूप से बतायें कौन‑कौन को क्या मिलेगा. हर बँटे हुए भाग के सामने वारिस (beneficiary) का पूरा नाम और पता लिखना चाहिए.

वसीयत बनाते समय ध्यान देने योग्य बातें

1. साक्षी की आवश्यकता: वसीयत पर दो गवाहों के हस्ताक्षर होना अनिवार्य है, जो आपके साथ रहने वाले न हों और वसीयत का लाभार्थी ना हों. यह नियम अदालत में आपकी वसीयत को मान्यता दिलाने में मदद करता है.

2. नोटरीकरण: नोटरी के पास जाकर वसीयत को प्रमाणित करवाना वैकल्पिक लेकिन फायदेमंद है. इससे दस्तावेज़ खोने या बदलने की संभावना कम रहती है और कोर्ट में इसे आसानी से स्वीकार किया जाता है.

3. स्पष्ट भाषा: कानूनी जार्गन के बजाय सरल शब्दों का प्रयोग करें. अगर कोई शर्तें हों तो उन्हें स्पष्ट रूप से लिखें, जैसे "अगर मेरे बेटे ने पढ़ाई पूरी की तो वह घर पाएगा".

4. पुरानी वसीयत को रद्द करना: यदि आप नई वसीयत बना रहे हैं, तो पुरानी को आधिकारिक तौर पर रद्द कर देना चाहिए. अक्सर लोग नई वसीयत बनाते समय पुराने दस्तावेज़ को न हटाने की गलती करते हैं और बाद में विवाद होते हैं.

5. संपत्ति की सूची: अपने सभी संपत्तियों – जायदाद, बैंक खाता, शेयर, बीमा पॉलिसी आदि का पूरा विवरण वसीयत में डालें. इससे वारिसों को आगे कोई दुविधा नहीं होगी.

वसीयत बनाते समय अगर आप अनिश्चित हों तो एक भरोसेमंद वकील की मदद ले सकते हैं. लेकिन बहुत सारे लोग ऑनलाइन टेम्प्लेट्स से भी सही दस्तावेज़ तैयार कर लेते हैं, बस यह देखना होता है कि सभी कानूनी आवश्यकताओं को पूरा किया गया है.

आखिर में याद रखें कि वसीयत सिर्फ कागज का टुकड़ा नहीं, बल्कि आपके परिवार की भविष्य सुरक्षित करने का एक भरोसेमंद तरीका है. सही तरीके से बनाकर आप अपने प्रियजनों को बाद में कानूनी झंझटों से बचा सकते हैं और अपनी इच्छाओं को स्पष्ट रूप से दर्शा सकते हैं.

तो देर न करें, आज ही अपना वसीयत तैयार करना शुरू करें. छोटा सा कदम आपके परिवार के लिए बड़ी राहत बन सकता है.

18 मार्च

रतन टाटा की ₹10,000 करोड़ की वसीयत: परिवार, स्टाफ और पालतू कुत्ता टिटो हैं प्रमुख लाभार्थी

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रतन टाटा की ₹10,000 करोड़ की वसीयत: परिवार, स्टाफ और पालतू कुत्ता टिटो हैं प्रमुख लाभार्थी

रतन टाटा की वसीयत में ₹10,000 करोड़ का अधिकांश भाग रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) को समर्पित किया गया है। इस वसीयत में उनके भाई जिमी टाटा, सौतेली बहनें शीरीन और डिएना जीजाभाई, और उनके वफादार स्टाफ जैसे बटलर सुब्बैया और रसोइया राजन शॉ शामिल हैं। शांतनु नायडू को शिक्षा ऋण माफी और उनकी कंपनी में टाटा का हिस्सा स्थानांतरित किया गया है। टाटा के कुत्ते टिटो की आजीवन देखभाल की गारंटी रखी गई है।

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